बलरामपुर: एक तरफ जहां पूरे देश में सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी (नागरिकता रजिस्टर) को लेकर नए तरीके की बहस छिड़ी हुई है और विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अब बलरामपुर जैसे नेपाल के सीमावर्ती जिलों में भी इस बात को लेकर विरोध प्रदर्शन और बहस का दौर शुरू हो चुका है.
सोमवार को बलरामपुर के तुलसीपुर तहसील में पूर्व सांसद रिजवान जहीर खान और उनकी बेटी जेबा रिजवान ने अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ इस बिल के विरोध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देकर इसे वापस लेने की बात कही.
प्रशासन ने की शांती बनाए रखने की अपील
रिजवान जहीर और उनकी बेटी जेबा रिजवान दोपहर को कलेक्ट्रेट भवन में धरना प्रदर्शन करना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन को पता लगते ही उनके घर पर ही उन्हें सुबह के समय ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया. मौके पर एसडीएम तुलसीपुर और पुलिस क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर में रिजवान जहीर, जेबा रिजवान और उनके सैकड़ों समर्थकों को घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया. क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर पीएसी भी तैनात कर दी गई.
जेबा रिजवान ने कहा कि हमें शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने का अधिकार संविधान देता है, जिससे यह सरकार पूरी तरह से धूमिल करने में लगी है. जेबा रिजवान ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून आना चाहिए, लेकिन इसमें मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करना उचित बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि बलरामपुर-श्रावस्ती जैसे नेपाल से सटे जिले जहां पर नेपाल के रास्ते बांग्लादेश और नेपाल के मुस्लिम धर्मावलंबी भी रहते हैं. यहां पर उनकी शादियां होती हैं. नागरिकता संशोधन कानून लागू हो जाने के बाद इस देश के वह नागरिक नहीं रह जाएंगे. वह इस बात को कैसे प्रूफ करेंगे कि वह इस देश के सम्मानित नागरिक हैं.
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एसडीएम विनोद दिया आश्वासन
इसके बाद तकरीबन 2:00 बजे के आसपास जेबा रिजवान ने अपने पिता रिजवान जहीर की ओर से एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी तुलसीपुर को सौंपा. साथ ही राष्ट्रपति से मांग की कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए और इस बिल को रद्द किया जाए. इस पर एसडीएम विनोद कुमार सिंह ने आश्वासन देते हुए सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि उचित माध्यम द्वारा इस ज्ञापन को पहुंचा दिया जाएगा. राष्ट्रपति महोदय जो उचित समझेंगे वह इस ज्ञापन के लिए करेंगे.