बलरामपुरः देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की सभी जेलों से बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद हरकत में आए बलरामपुर जिला प्रशासन ने सोमवार को जिला कारागार से 47 विचाराधीन बंदियों को तीन माह के पे रोल पर रिहा किया है.
यूपी सरकार ने 11 हजार कैदियों को छोड़ने का लिया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद, प्रदेश सरकार ने 7 साल से कम समय की सजा में निरुद्ध कैदियों को छोड़ने का फैसला किया था. प्रदेशभर में छोड़े जाने वाले ऐसे कैदियों की संख्या 11 हजार थी. यूपी के विभिन्न जिलों की जेलों में बंद कैदियों को जिला कारागार से छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसी कड़ी में सोमवार को बलरामपुर की जिला कारागार से 47 विचाराधीन बंदियों को रिहा किया गया है.
रिहा किए गए बंदियों की सुरक्षा का रखा गया ध्यान
बलरामपुर की जिला कारागार से रिहा हुए बंदियों को पुलिस सुरक्षा के साथ उनके घर भेजा गया है. पे रोल पर रिहा हुए बंदियों में बलरामपुर, मेरठ, कानपुर व बिहार राज्य के कुछ लोग शामिल हैं. बंदियों को रिहा करने से पहले जेल प्रशासन उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से मास्क और सैनिटाइजर वितरित किया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद बलरामपुर जिले में 7 साल से कम की सजा के लिए निरुद्ध कैदियों को रिहा किया गया है, जिनकी कुल संख्या 47 है. जेल में कुल 398 कैदी बंद हैं, जिनकी कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए सघनता से जांच की जा रही है.
-देव रंजन वर्मा, एसपी