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बलरामपुर: महिलाएं अब नहीं रहेंगी स्टांप जनप्रतिनिधि, पुलिस ने शुरु की कार्रवाई

यूपी के बलरामपुर जिले में फर्जी जनप्रतिनिधि बनकर पुलिस और आम जनता में रौब गालिब करने वालों पर एफआईआर दर्ज करने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इसके तहत अब तक चार थाना क्षेत्रों में फर्जी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमे भी पंजीकृत किए जा चुके हैं.

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Published : Sep 26, 2019, 2:46 PM IST

पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा.

बलरामपुर: जिले में पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर लोगों पर रुआब झाड़ने वालों को अब सलाखों के पीछे जाना होगा. पुलिस अधीक्षक ने इस पहल की शुरुआत लोगों की शिकायत पर की है. पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक चार थाना क्षेत्रों में महिला जन प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत किया गया है.

महिलाएं अब नहीं रहेंगी स्टांप जनप्रतिनिधि.

पुरुष प्रतिनिधि करते हैं काम
ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए संविधान में महिला आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. जिसका लक्ष्य था कि इससे महिला उम्मीदवारों पर जनता भरोसा करेगी और उन्हें अपना नेता चुनकर सदनों में भेजेगी. जिससे जनता का समुचित विकास हो सकेगा लेकिन यह व्यवस्था महज चुनाव तक ही लागू रह पाती है. इसके बाद चुनकर भेजी गई महिला जन प्रतिनिधियों की जगह पर पुरुष जनप्रतिनिधि काम करते हैं और महिलाएं महज स्टांप बनकर रह जाती हैं.

इसे भी पढे़ें- कुशीनगर : भासपा विधायक रामानन्द बौद्ध को कोर्ट ने भेजा जेल

क्या कहते हैं आंकड़े
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए रिजर्व होने के कारण बलरामपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष महिला है. जिले में कुल महिला जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 19 हैं. एक महिला नगर पालिका अध्यक्ष जबकि दो महिलाएं नगर पंचायतों की अध्यक्ष हैं. जिले में कुल 9 ब्लॉक हैं, जिनमें से 4 की ब्लाक प्रमुख महिलाएं हैं. जिले के 801 ग्राम पंचायतों में से 300 गांवों की प्रधान महिलाएं हैं जबकि महिला बीडीसी की संख्या 335 है. इस तरह पूरे जिले में कुल 662 जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं.

महिला जनप्रतिनिधियों के नाम पर पुलिस और प्रशासन पर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ जनता की शिकायत पर कार्रवाई करने का काम जिले में शुरू कर दिया गया है. हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं जो महिला जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि होने के नाम पर अपना रौब झाड़ते हैं.
-देव रंजन वर्मा, पुलिस अधीक्षक

बलरामपुर: जिले में पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने एक नई पहल की शुरुआत की है. इस पहल के तहत महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर लोगों पर रुआब झाड़ने वालों को अब सलाखों के पीछे जाना होगा. पुलिस अधीक्षक ने इस पहल की शुरुआत लोगों की शिकायत पर की है. पुलिस अधीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक चार थाना क्षेत्रों में महिला जन प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत किया गया है.

महिलाएं अब नहीं रहेंगी स्टांप जनप्रतिनिधि.

पुरुष प्रतिनिधि करते हैं काम
ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए संविधान में महिला आरक्षण की व्यवस्था की गई थी. जिसका लक्ष्य था कि इससे महिला उम्मीदवारों पर जनता भरोसा करेगी और उन्हें अपना नेता चुनकर सदनों में भेजेगी. जिससे जनता का समुचित विकास हो सकेगा लेकिन यह व्यवस्था महज चुनाव तक ही लागू रह पाती है. इसके बाद चुनकर भेजी गई महिला जन प्रतिनिधियों की जगह पर पुरुष जनप्रतिनिधि काम करते हैं और महिलाएं महज स्टांप बनकर रह जाती हैं.

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क्या कहते हैं आंकड़े
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए रिजर्व होने के कारण बलरामपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष महिला है. जिले में कुल महिला जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 19 हैं. एक महिला नगर पालिका अध्यक्ष जबकि दो महिलाएं नगर पंचायतों की अध्यक्ष हैं. जिले में कुल 9 ब्लॉक हैं, जिनमें से 4 की ब्लाक प्रमुख महिलाएं हैं. जिले के 801 ग्राम पंचायतों में से 300 गांवों की प्रधान महिलाएं हैं जबकि महिला बीडीसी की संख्या 335 है. इस तरह पूरे जिले में कुल 662 जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं.

महिला जनप्रतिनिधियों के नाम पर पुलिस और प्रशासन पर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ जनता की शिकायत पर कार्रवाई करने का काम जिले में शुरू कर दिया गया है. हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं जो महिला जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि होने के नाम पर अपना रौब झाड़ते हैं.
-देव रंजन वर्मा, पुलिस अधीक्षक

Intro:जनता बड़े अरमानों के साथ महिला जनप्रतिनिधियों का चुनाव करती है और उन्हें अपना नेता चुनकर सदनों तक भेजती है। लेकिन चुनाव के बाद से ही महिला जनप्रतिनिधियों को महज स्टांप बन कर रह जाना पड़ता है और उनके पुरुष रिश्तेदार उनके पदों पर काम करते है। उनसे महज दस्तख़त करवाने का काम ही लिया जाता है। लेकिन बलरामपुर जिले में अब ऐसा नहीं हो सकेगा, क्योंकि लोगों की शिकायत पर बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर लोगों पर रौब-रुआब झाड़ने वालों को अब सलाखों के पीछे जाना होगा। बलरामपुर में फर्जी जनप्रतिनिधि बनकर पुलिस और आम जनता में रौब गालिब करने वालों पर एफआईआरदर्ज करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। इसके तहत अब तक चार थाना क्षेत्रों में फर्जी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमें भी पंजीकृत किए जा चुके हैं।


Body:क्या है संवैधानिक व्यवस्था :-

महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर जो लोग पूरी संवैधानिक व्यवस्था का मखौल उड़ाते हैं। उन पर अब बलरामपुर पुलिस की नजर टेढ़ी हो चुकी है। महिला सशक्तिकरण के नाम पर अपराधियों का सशक्तिकरण हो रहा है। ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए संविधान में महिला आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। लक्ष्य था कि इससे महिला उम्मीदवारों पर जनता भरोसा करेगी और उन्हें अपना नेता चुनकर सदनों में भेजेगी। जिससे न केवल जनता का समुचित विकास हो सकेगा। बल्कि आधी आबादी को भी उनका पूरा का पूरा हक मिल सकेगा। लेकिन यह व्यवस्था महज चुनाव तक ही लागू रह पाती है। इसके बाद चुनकर भेजी गई महिला जनप्रतिनिधियों की जगह पर पुरुष जनप्रतिनिधि काम करते हैं और महिलाएं महज स्टांप बनकर रह जाती हैं।

क्या कहते हैं आंकड़े :-

जिला पंचायत अध्यक्ष का पद महिलाओं के लिए रिजर्व होने के कारण बलरामपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष महिला है। जिले में कुल महिला जिला पंचायत सदस्यों की संख्या 19 हैं। नगरपालिका अध्यक्ष एक है। जबकि दो नगर पंचायतों की अध्यक्ष महिलाएं हैं। बलरामपुर जिले में कुल 9 ब्लॉक हैं, जिनमें से 4 की ब्लाक प्रमुख महिलाएं हैं। जिले के 801 ग्राम पंचायतों में से 300 गांवों की प्रधान महिलाएं हैं। जबकि महिला बीडीसी की संख्या 335 है। इस तरह पूरे जिले में कुल 662 जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं।


Conclusion:इस बारे में हमें जानकारी देते हुए बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि महिला जनप्रतिनिधियों के नाम पर पुलिस और प्रशासन पर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ जनता की शिकायत पर कार्रवाई करने का काम जिले में शुरू कर दिया गया है। हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं। जो महिला जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि होने के नाम पर न केवल अपना रौब झाड़ते हैं। बल्कि वह पूरी व्यवस्था को चौपट करने में लगे हुए हैं। इनमें हम अपराधिक प्रवृति के लोगों को भी छांट रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने कहा कि अब तक चार थाना क्षेत्रों में महिला जनप्रतिनिधियों के प्रतिनिधि बनकर रौब झाड़ने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत किया गया है।
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