बलरामपुर: जिले में हुई भारी बारिश के कारण तमाम पहाड़ी नाले और राप्ती नदी उफान पर हैं. इस कारण से तुलसीपुर-बलरामपुर मार्ग पिछले 6 दिनों से बंद है. ललिया-बलरामपुर मार्ग, गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग व अन्य मार्गों पर भी पूरी तरह से आवागमन ठप है. नेपाल के तराई वाले इलाकों से पानी धीरे-धीरे जा रहा है, लेकिन उसी के साथ लोगों की समस्याएं और बढ़ती जा रही हैं.
बाढ़ बना ग्रामीणों के लिए मुसीबत:
- लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए अपनी मोटरसाइकिलों को ठेलों व नावों पर लादकर जाना पड़ रहा है.
- भीरी जलभराव के चलते लोगों को मुश्किलों का सामना करना रहा है.
- गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा डीप के पास भारी जलभराव है.
- स्थिति बेहद होने के कारण ग्रामीण कई सालों से पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं.
- प्रशासन इनकी बातों को बार-बार अनदेखा कर रहा है.
नावों की समस्या को दूर करने के लिए फैजाबाद से नावों को मंगवा गया है. बाढ़ से बचने के लिए तैयारियां इस महीने के अंत तक पूरी कर ली जाएंगी. बाढ़ चौकियों की स्थापना कर दी गयी है. आने वाले एक जुलाई से काम शुरू हो जाएगा.
- कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी
भारी बरासत होने से इस नदी की स्थिति और भी बदतर हो जाती है. लगातार बारिश होने से यहां के पहाड़ी नाले व राप्ती नदी में उफान आ जाता है. पुल बनवाने को लेकर ग्रामीणों ने कई कोशिशें की लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. जलभराव के चलते यहां पूरी तरह से आवागमन ठप रहता है. लोगों के पास सब्जी और अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई तक रुक गई है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कृष्ण चंद्र यादव ने बताया कि हम लोग जान जोखिम में डालकर इन नदी-नालों को पार करते हैं. यहां पर प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था नहीं कराई गई है. जो स्थानीय लोग नाव लगा रहे हैं वह 50 से 60 रुपए वसूल रहे हैं.