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बलरामपुर: पुस्कालय में संसाधनों का अभाव, जिला प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

जिले में स्थापित राजा राममोहन राय पुस्तकालय की बदहाल देखने को मिली. पुस्तकालय में पुस्तकों के अभाव के कारण छात्रों को पढ़ाई करने में असुविधा होती है. वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक जल्द ही नए पुस्तकालय का संचालन कराने की बात कह रहे हैं.

पुस्कालय में पुस्तकों का अकाल
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Published : May 31, 2019, 10:28 PM IST

बलरामपुर: जिला मुख्यालय के निकट स्थापित राजा राममोहन राय पुस्तकालय इन दिनों बदहाल अवस्था में पाया गया. यह पुस्तकालय वर्षों से संचालित किया जा रहा था, जो करीब 4 वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया.

पुस्कालय में पुस्तकों का अकाल

पुस्तकालय की बदहाल अवस्था

  • जिले में स्थित राजा राममोहन राय पुस्कालय बदहाल अवस्था में पाया गया.
  • भवन की कमी और संसाधनों के अभाव की वजह से काफी समय से यह पुस्कालय बंद है.
  • पुस्तकालय में पुस्तकों का अकाल होने के कारण लोगों को ऐतिहासिक और अन्य जानकारी नहीं हो पा रही है.
  • जिला प्रशासन सिर्फ पुस्तकालय संचालन का ढिंढोरा पीट रहा है.
  • जिले में लाखों की लागत से खरीदी गई पुस्तकों पर निजी भवन न होने के कारण धूल जम रही है.


शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के निचले पायदान से दूसरे नंबर पर बलरामपुर जिला शुमार है. ऐसी ही सुविधाओं से वंचित होने के कारण जिले के मेधावी पिछड़े हुए हैं. बेसिक शिक्षा कार्यालय में पुस्तकालय के लिए बनाया गया भवन की बदहाल अवस्था में है.

जिले के एकमात्र पुस्तकालय का हाल बहुत ही खराब है. हमारे बीच जानकारियों का अभाव है. हम किसी ऐतिहासिक जानकारी को प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए हमारे लिए एक राजकीय पुस्तकालय की सुविधा होनी बहुत जरूरी है.

-भानु प्रकाश, छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता


एमपीपी इंटर कॉलेज में पहले से ही राजकीय पुस्तकालय संचालित किया जा रहा है. हम कोशिश में हैं कि जल्द से जल्द नए भवन में राजकीय पुस्तकालय का संचालन कर दिया जाए. यहां पर पठन-पाठन करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया होंगी.

-महेंद्र नाथ कनौजिया, जिला विद्यालय निरीक्षक

बलरामपुर: जिला मुख्यालय के निकट स्थापित राजा राममोहन राय पुस्तकालय इन दिनों बदहाल अवस्था में पाया गया. यह पुस्तकालय वर्षों से संचालित किया जा रहा था, जो करीब 4 वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया.

पुस्कालय में पुस्तकों का अकाल

पुस्तकालय की बदहाल अवस्था

  • जिले में स्थित राजा राममोहन राय पुस्कालय बदहाल अवस्था में पाया गया.
  • भवन की कमी और संसाधनों के अभाव की वजह से काफी समय से यह पुस्कालय बंद है.
  • पुस्तकालय में पुस्तकों का अकाल होने के कारण लोगों को ऐतिहासिक और अन्य जानकारी नहीं हो पा रही है.
  • जिला प्रशासन सिर्फ पुस्तकालय संचालन का ढिंढोरा पीट रहा है.
  • जिले में लाखों की लागत से खरीदी गई पुस्तकों पर निजी भवन न होने के कारण धूल जम रही है.


शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के निचले पायदान से दूसरे नंबर पर बलरामपुर जिला शुमार है. ऐसी ही सुविधाओं से वंचित होने के कारण जिले के मेधावी पिछड़े हुए हैं. बेसिक शिक्षा कार्यालय में पुस्तकालय के लिए बनाया गया भवन की बदहाल अवस्था में है.

जिले के एकमात्र पुस्तकालय का हाल बहुत ही खराब है. हमारे बीच जानकारियों का अभाव है. हम किसी ऐतिहासिक जानकारी को प्राप्त नहीं कर पाते हैं. इसलिए हमारे लिए एक राजकीय पुस्तकालय की सुविधा होनी बहुत जरूरी है.

-भानु प्रकाश, छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता


एमपीपी इंटर कॉलेज में पहले से ही राजकीय पुस्तकालय संचालित किया जा रहा है. हम कोशिश में हैं कि जल्द से जल्द नए भवन में राजकीय पुस्तकालय का संचालन कर दिया जाए. यहां पर पठन-पाठन करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया होंगी.

-महेंद्र नाथ कनौजिया, जिला विद्यालय निरीक्षक

Intro:जिला मुख्यालय पर स्थापित राजा राममोहन राय पुस्तकालय इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रहा है। मुख्यालय स्थित पथिक होटल के दाहिने साइड में दिग्विजय कॉम्प्लेक्स में पुस्तकालय वर्षों से संचालित था, जो करीब 4 वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया। यहां से एमपीपी इंटर कॉलेज में राजा राममोहन राय लाइब्रेरी की स्थापना की गई।
भवन की कमी, संसाधनों का आभाव, पुस्तकों का अकाल में भी जिला प्रशासन सिर्फ पुस्तकालय संचालन का ढिंढोरा पीट रहा है। वहीं, अगर हकीकत पर गौर करें तो लोगों और छात्र-छात्राओं को ऐतिहासिक जानकारी देने के लिए पुस्तकालय सिर्फ खानापूर्ति के रूप में कागजों में संचालित किया जा रहा है। वहीं, जिले में लाखों की लागत से खरीदी गई पुस्तकें निजी भवन न होने के कारण अब धूल फांक रही हैं। उन्हें अब दीमक चाटते जा रहे हैं। जबकि विद्यार्थियों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है।


Body:बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय कैंपस में लाखों की लागत से पुस्तकालय के लिए बनाया गया नवनिर्मित भवन प्रशासनिक उदासीनता के कारण हैंडओवर के पहले ही जर्जर हो चुका है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2 साल पहले पुस्तकालय के लिए बनाया गया नवनिर्मित भवन विभागीय उदासीनता के कारण आज तक हैंडओवर ना हो पाने से विद्यार्थियों को इस सुविधा से वंचित करके रखा हुआ है।
बताते चलें शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के निचले पायदान से दूसरे नंबर पर बलरामपुर जिला शुमार है। ऐसी ही सुविधाओं से वंचित होने के कारण जिले के मेधावी पिछड़े हुए हैं। बेसिक शिक्षा कार्यालय में पुस्तकालय के लिए बनाया गया भवन हाथी दांत बना प्रशासनिक अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहा है। समुचित संसाधन न मिलने के कारण विद्यार्थी तो ऐतिहासिक जानकारी से दूर होते ही रहे हैं। साथ ही साथ इन्हीं कारणों से जिला पिछड़ता जा रहा है।


Conclusion:इस मामले पर हमसे बात करते हुए छात्र व सामाजिक कार्यकर्ता भानु प्रकाश कहते हैं कि जिले के एकमात्र पुस्तकालय का हाल हंसता है वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में स्थित नवनिर्मित राजकीय पुस्तकालय का भवन 2 साल में खंडहर होता जा रहा है। वह कहते हैं कि हमारे बीच जानकारियों का अभाव लगातार बना रहता है। हम किसी ऐतिहासिक चीज की जानकारी लेनी हो तो उससे वंचित रह जाते हैं इसलिए हमारे लिए एक राजकीय पुस्तकालय की सुविधा होनी बहुत जरूरी है।
वही इस मामले पर जानकारी देते हुए हमसे जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र नाथ कनौजिया ने कहा कि एमपीपी इंटर कॉलेज में पहले से ही राजकीय पुस्तकालय संचालित किया जा रहा है। लेकिन हम कोशिश में हैं कि जल्द से जल्द नए भवन में राजकीय पुस्तकालय का संचालन शुरू कर दिया जाए, जिससे यहां पर पठन-पाठन करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया हो सके।

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