बलरामपुर: चीन और नेपाल में उपजी नई परिस्थितियों को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत की जा रही है. भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी कंपनी मुख्यालय पर जिले के अधिकारी, सशस्त्र सीमा बल और सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ नेपाल के जिलों के अधिकारियों के साथ अहम बैठक कर सीमा सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है.
बैठक में जिलाधिकारी, एसपी और एसएसबी 9वीं और 50वीं बटालियन के कमांडेंट सहित सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे. बॉर्डर पर एसएसबी और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सीमा की सुरक्षा बढ़ाने पर चर्चा की गई. बैठक में बताया गया कि नेपाल की 82.5 किलोमीटर की सीमा पर स्थापित 21 बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) एसएसबी, पुलिस, वन और राजस्व विभाग की टीम संयुक्त रूप से सीमा पर लगे हुए हैं. ये टीमें भारत-नेपाल की सीमा को अलग करने वाले पिलर्स की संयुक्त गश्त कर निगरानी करेंगी. बैठक में सीमा से सटे गांवों में लोगों से जन संवाद स्थापित कर सीमा की सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान चलाने का भी फैसला किया गया. बैठक में सीमा की सुरक्षा मानव तस्करी, राष्ट्र विरोधी तत्वों से निपटने सहित अन्य पहलुओं पर विचार के साथ-साथ भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने पर बल दिया गया.
इंफॉर्मेशन शेयरिंग की व्यवस्था के निर्देश
बैठक का उद्देश्य सीमा की सुरक्षा मे जितनी भी एजेंसिया काम कर रही हैं, उनमें किसी तरह की संवादहीनता की बात न आए. सीमा पर होने वाली हर गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों को पैनी नजर बनी हुई है. बॉर्डर पर पेट्रोलिंग की व्यवस्था, बॉर्डर के इलाकों पर सुरक्षा बलों द्वारा पेट्रोलिंग की व्यवस्था, इंटेलिजेंस पुलिस और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के लिए इंफॉर्मेशन शेयरिंग की व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए यह मीटिंग की गयी. इसके साथ ही व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए नेपाल के अधिकारियों के साथ भी वार्ता की जा रही है, जिससे बॉर्डर के इलाकों पर कोई दिक्कत न हो.