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बलरामपुर: बढ़ाई जाएंगी स्टडी सेंटरों पर छात्रों के लिए सुविधाएं, शुरू हो रहे हैं नए कोर्स

बलरामपुर जिले में दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को आधुनिक और व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय संचालित अध्ययन केंद्र भी अपना योगदान दे रहे हैं.

दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को अब मिलेगी आधुनिक शिक्षा.
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Published : Oct 20, 2019, 12:51 PM IST

बलरामपुर: शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता के लिहाज से देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बलरामपुर में तमाम शैक्षिक मानकों को सुधारने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इन प्रयासों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से संचालित अध्ययन केंद्र भी अपना योगदान दे रहे हैं.

दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को अब मिलेगी आधुनिक शिक्षा.

दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को दी जाएगी आधुनिक शिक्षा
अध्ययन केंद्रों के जरिए न केवल दुगर्म इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को आधुनिक और व्यावसायिक शिक्षा मिल रही है, बल्कि वह दुनिया के तमाम हिस्सों से कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार भी हो रहे हैं. इसी कारण इग्नू ने जिले के दोनों स्टडी सेंटर्स पर कुछ नए कोर्सेज का शुभारंभ किया है, जिसमें छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

जिले के महारानी लाल कुंवरी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र पर नए सत्र के छात्र-छात्राओं के लिए परिचय बैठक हुई. आयोजित परिचय बैठक में संस्थान के क्षेत्रीय सहायक निर्देशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने छात्र-छात्राओं को तमाम तरह की जानकारी दी.

इग्नू का उद्देश्य है थारू जनजाति के लोगों का शिक्षा के माध्यम से विकास करवाना
डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि इग्नू का उद्देश्य है कि सुदूर क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्राएं अपनी रुचि और अपनी सुविधाओं के अनुकूल शिक्षा प्राप्त कर अपने आप को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि इग्नू का उद्देश्य जिले में रहने वाली थारू जनजाति के लोगों का शिक्षा के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जोड़ना भी है. इसलिए ही इमलिया कोडर जैसे दुर्गम इलाकों में भी इग्नू के स्टडी सेंटर संचालित हैं.

यहां पर बड़ी संख्या में थारू छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. उन्होंने कहा कि थारू जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए संस्थान की ओर से कई तरह के विशेष कोर्सेज शुरू किए जा रहे हैं, जो उनके विकास में सहायक होंगे. उन्होंने कहा कि इग्नू लगातार अपने तरीकों में सुधार कर रहा है. अब छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट के लिए कार्यशाला और रोजगार मेलों का आयोजन कर उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कोर्सों को पूरा करने के बाद नौकरी भी दिलाई जा रही है. इससे न केवल उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है, बल्कि इससे उनकी स्थिति में सुधार भी आ रहा है.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान सरकार का फैसला : बालिका स्कूलों में अब नहीं होंगे 50 साल से कम उम्र के शिक्षक

वहीं इग्नू स्टडी केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर डॉ. जेपी पाण्डेय ने कहा कि इग्नू का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है. इसके साथ ही गुणवत्ता पूर्ण व्यावसायिक शिक्षा छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करवाना हमारा प्रथम उद्देश्य है. इसके जरिए हम न केवल विकसित इलाकों में लोगों को रोजगारपरक शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि इसके जरिए तमाम तरह की चीजों को भी सुधार रहे हैं.

बलरामपुर: शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता के लिहाज से देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बलरामपुर में तमाम शैक्षिक मानकों को सुधारने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इन प्रयासों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की ओर से संचालित अध्ययन केंद्र भी अपना योगदान दे रहे हैं.

दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को अब मिलेगी आधुनिक शिक्षा.

दुर्गम इलाकों के छात्र-छात्राओं को दी जाएगी आधुनिक शिक्षा
अध्ययन केंद्रों के जरिए न केवल दुगर्म इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को आधुनिक और व्यावसायिक शिक्षा मिल रही है, बल्कि वह दुनिया के तमाम हिस्सों से कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार भी हो रहे हैं. इसी कारण इग्नू ने जिले के दोनों स्टडी सेंटर्स पर कुछ नए कोर्सेज का शुभारंभ किया है, जिसमें छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

जिले के महारानी लाल कुंवरी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र पर नए सत्र के छात्र-छात्राओं के लिए परिचय बैठक हुई. आयोजित परिचय बैठक में संस्थान के क्षेत्रीय सहायक निर्देशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने छात्र-छात्राओं को तमाम तरह की जानकारी दी.

इग्नू का उद्देश्य है थारू जनजाति के लोगों का शिक्षा के माध्यम से विकास करवाना
डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि इग्नू का उद्देश्य है कि सुदूर क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्राएं अपनी रुचि और अपनी सुविधाओं के अनुकूल शिक्षा प्राप्त कर अपने आप को आगे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि इग्नू का उद्देश्य जिले में रहने वाली थारू जनजाति के लोगों का शिक्षा के माध्यम से विकास की मुख्यधारा से जोड़ना भी है. इसलिए ही इमलिया कोडर जैसे दुर्गम इलाकों में भी इग्नू के स्टडी सेंटर संचालित हैं.

यहां पर बड़ी संख्या में थारू छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. उन्होंने कहा कि थारू जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए संस्थान की ओर से कई तरह के विशेष कोर्सेज शुरू किए जा रहे हैं, जो उनके विकास में सहायक होंगे. उन्होंने कहा कि इग्नू लगातार अपने तरीकों में सुधार कर रहा है. अब छात्र-छात्राओं को प्लेसमेंट के लिए कार्यशाला और रोजगार मेलों का आयोजन कर उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कोर्सों को पूरा करने के बाद नौकरी भी दिलाई जा रही है. इससे न केवल उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जा रहा है, बल्कि इससे उनकी स्थिति में सुधार भी आ रहा है.

इसे भी पढ़ें- राजस्थान सरकार का फैसला : बालिका स्कूलों में अब नहीं होंगे 50 साल से कम उम्र के शिक्षक

वहीं इग्नू स्टडी केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर डॉ. जेपी पाण्डेय ने कहा कि इग्नू का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है. इसके साथ ही गुणवत्ता पूर्ण व्यावसायिक शिक्षा छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करवाना हमारा प्रथम उद्देश्य है. इसके जरिए हम न केवल विकसित इलाकों में लोगों को रोजगारपरक शिक्षा दे रहे हैं, बल्कि इसके जरिए तमाम तरह की चीजों को भी सुधार रहे हैं.

Intro:शैक्षणिक स्तर और गुणवत्ता के लिहाज से देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बलरामपुर में तमाम शैक्षिक मानकों को सुधारने के लिए तमाम तरह का प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित अध्ययन केंद्र भी अपना योगदान दे रहे हैं। अध्ययन केंद्रों के जरिए न केवल दुगर्म इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को आधुनिक एवं व्यवसायिक शिक्षा मिल रही है। बल्कि वह दुनिया के तमाम हिस्सों से कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार भी हो रहे हैं। इसीलिए इग्नू ने बलरामपुर जिले के दोनों स्टडी सेंटर्स पर कुछ नए कोर्सेज का शुभारंभ किया है। जिसमें छात्र-छात्राएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।


Body:जिले के महारानी लाल कुंवरी पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र पर आयोजित नए सत्र में प्रवेश छात्र-छात्राओं की परिचय बैठक में संस्थान के क्षेत्रीय सहायक निर्देशक डॉ कीर्ति विक्रम सिंह ने ये बातें कहते छात्र छात्राओं को तमाम तरह की जानकारी एक मीटिंग के दौरान कहीं।
डॉक्टर कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि इग्नू का उद्देश्य है कि सुदूर क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्राएं अपनी रुचि व अपनी सुविधाओं के अनुकूल शिक्षा प्राप्त कर अपने आप को आगे बढ़ाएं।
डॉ सिंह ने कहा कि इग्नू का उद्देश्य बलरामपुर जिले में रहने वाली थारू जनजाति के लोगों का शिक्षा के माध्यम से विकास की मुख्यधारा में भी जोड़ना है। इसलिए ही इमलिया कोडर जैसे दुर्गम इलाकों में भी इग्नू के स्टडी सेंटर संचालित है। जहां पर बड़ी संख्या में थारु छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं। उन्होंने कहा कि थारु जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए संस्थान द्वारा कई तरह के विशेष कोर्सेस शुरु किए जा रहे हैं। जो उनके विकास में सहायक होंगे।
उन्होंने कहा कि इग्नू लगातार अपने तरीकों में सुधार कर रहा है। अब छात्र छात्राओं को प्लेसमेंट के लिए कार्यशाला और रोजगार मेलों का आयोजन कर उन्हें विभिन्न व्यवसायिक कोर्सों को पूरा करने के बाद नौकरी भी दिलाई जा रही है। इससे न केवल उन्हें रोज़गार मुहैया करवाया जा रहा है। बल्कि इससे उनके स्थिति में सुधार भी आ रहा है।


Conclusion:वहीं, इग्नू स्टडी केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर डॉ जेपी पांडे ने कहा कि इग्नू का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर बढ़ाना है। इसके साथ ही गुणवत्ता पूर्ण व्यवसायिक शिक्षा छात्र छात्राओं को उपलब्ध करवाना हमारा प्रथम उद्देश्य है। इसके जरिए हम न केवल विकसित इलाकों में लोगों को रोजगारपरक शिक्षा दे रहे हैं। बल्कि इसके जरिए तमाम तरह की चीजों को भी सुधारा जा रहा है।
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01:- डॉ कीर्ति विक्रम सिंह, क्षेत्रीय सहायक निर्देशक, इग्नू
02 :- डॉ जेपी पांडेय, जिला कॉर्डिनेटर इग्नू
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