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बलरामपुर: देश के 60 जिलों से ICMR इकट्ठा करा रही ब्लड सैंपल

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद देश के 60 जिलों लोगों के ब्लड सैंपल इकट्ठा कर रही है. बलरामपुर जिले में गोरखपुर इकाई के वैज्ञानिकों की 27 लोगों की टीम ने 10 गांव से 400 लोगों के ब्लड सैंपल लिए हैं.

60 जिलों से ICMR इकट्ठा करा रहा ब्लड सैंपल
60 जिलों से ICMR इकट्ठा करा रहा ब्लड सैंपल
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Published : May 21, 2020, 7:37 PM IST

महराजगंज: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस को लेकर देश में शोध कार्य शुरू किया है. आईसीएमआर देश के 60 जिलों से 24 हजार ब्लड सैंपल इकट्ठा कर रहा है, जिससे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव और देशवासियों के अंदर रोग प्रतिरोधिक क्षमता की स्थिति का पता लगाया जा सके.

देश भर के 60 जिलों से ICMR इकट्ठा करा रहा ब्लड सैंपल

एक गांव में 40 लोगों के सैंपल इस तरह लिया गया है, जिससे गांव के सभी मजरों के लोग उसमें शामिल हो सकें. ब्लड सैंपल लेने के बाद इसे एनआईबी गोरखपुर और मुख्यालय चेन्नई भेजकर ब्लड सैंपल की जांच कराई जाएगी, जिससे ये पता चल सके कि कोरोना वायरस का संक्रमण समुदाय में हुआ है या नहीं. इससे ये भी पता चल सकेगा कि ग्रामीण अंचल के लोगोंकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है.

आईसीएमआर ने देश में शोध के लिए दो तरह के स्थानों का चयन किया है. पहला हाॅटस्पाॅट एरिया और दूसरा ग्रामीण अंचल. देश के 60 जिलों से 24 हजार लोगों के ब्लड के सैंपल जांच व शोध के लिए लिए जा रहे हैं.

पूर्वांचल के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव राज द्विवेदी बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों की जांच करके यह पता लगाया जा सके कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है. वह बढ़ रही है या घट रही है.

कोरोना वायरस का प्रसार ग्रामीण अंचलों में हो रहा है या नहीं, इसलिए हम लोगों ने पूरे देश से 24,000 सैंपल इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है, जो देश भर के 60 जिलों से इकट्ठा किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के तीन जिलों गोंडा, बलरामपुर और मऊ को चुना गया है.

उन्होंने बताया कि आईजीजी बेस्ड रैंडम सैंपलिंग करके हम लोग इसे जांच के लिए चेन्नई व गोरखपुर सेंटर पर भेजेंगे, जिसके बाद जो नतीजे आएंगे, उसके आधार पर कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति को तैयार की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है.

इन गांवों में लिया गया सैंपल

जिले में टीम ने बलरामपुर तहसील के भुसैलिया और अमरहवा, तुलसीपुर तहसील के लालनगर, विश्रामपुर, गुलरिहा अहिरौली, सकरी कुईया, उतरौला तहसील के फत्तेपुर, ईटईरामपुर, खैरिका मासूमपुर व नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं 18 में शोध के लिए 4 सौ लोगों के ब्लड का सैंपल लिया.

करीब 3 हजार लोगों की जांच रिपोर्ट प्रतिदिन पाॅजिटिव आ रही है. वहीं 40 हजार लोग अब तक ठीक हो चुके हैं. ऐसे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का ये शोध कोरोना वायरस की दशा और दिशा बदलने में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

इसे भी पढ़ें:- यूपी में खाद्य विभाग ने बनाए रिकॉर्ड, लॉकडाउन में बनाए गए 7.88 लाख नए राशन कार्ड

आईसीएमआर की टीम ने हमारे जिले से 400 सैंपल लिए हैं. ये जिले के 3 ब्लॉकों के 10 गांवों से लिए गए हैं. इसे जांच के लिए भेजा जा रहा है, जिसके नतीजों के आधार पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
डॉ. ए.के. सिंघल,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

महराजगंज: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस को लेकर देश में शोध कार्य शुरू किया है. आईसीएमआर देश के 60 जिलों से 24 हजार ब्लड सैंपल इकट्ठा कर रहा है, जिससे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव और देशवासियों के अंदर रोग प्रतिरोधिक क्षमता की स्थिति का पता लगाया जा सके.

देश भर के 60 जिलों से ICMR इकट्ठा करा रहा ब्लड सैंपल

एक गांव में 40 लोगों के सैंपल इस तरह लिया गया है, जिससे गांव के सभी मजरों के लोग उसमें शामिल हो सकें. ब्लड सैंपल लेने के बाद इसे एनआईबी गोरखपुर और मुख्यालय चेन्नई भेजकर ब्लड सैंपल की जांच कराई जाएगी, जिससे ये पता चल सके कि कोरोना वायरस का संक्रमण समुदाय में हुआ है या नहीं. इससे ये भी पता चल सकेगा कि ग्रामीण अंचल के लोगोंकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है.

आईसीएमआर ने देश में शोध के लिए दो तरह के स्थानों का चयन किया है. पहला हाॅटस्पाॅट एरिया और दूसरा ग्रामीण अंचल. देश के 60 जिलों से 24 हजार लोगों के ब्लड के सैंपल जांच व शोध के लिए लिए जा रहे हैं.

पूर्वांचल के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव राज द्विवेदी बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों की जांच करके यह पता लगाया जा सके कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है. वह बढ़ रही है या घट रही है.

कोरोना वायरस का प्रसार ग्रामीण अंचलों में हो रहा है या नहीं, इसलिए हम लोगों ने पूरे देश से 24,000 सैंपल इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है, जो देश भर के 60 जिलों से इकट्ठा किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के तीन जिलों गोंडा, बलरामपुर और मऊ को चुना गया है.

उन्होंने बताया कि आईजीजी बेस्ड रैंडम सैंपलिंग करके हम लोग इसे जांच के लिए चेन्नई व गोरखपुर सेंटर पर भेजेंगे, जिसके बाद जो नतीजे आएंगे, उसके आधार पर कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति को तैयार की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है.

इन गांवों में लिया गया सैंपल

जिले में टीम ने बलरामपुर तहसील के भुसैलिया और अमरहवा, तुलसीपुर तहसील के लालनगर, विश्रामपुर, गुलरिहा अहिरौली, सकरी कुईया, उतरौला तहसील के फत्तेपुर, ईटईरामपुर, खैरिका मासूमपुर व नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं 18 में शोध के लिए 4 सौ लोगों के ब्लड का सैंपल लिया.

करीब 3 हजार लोगों की जांच रिपोर्ट प्रतिदिन पाॅजिटिव आ रही है. वहीं 40 हजार लोग अब तक ठीक हो चुके हैं. ऐसे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद का ये शोध कोरोना वायरस की दशा और दिशा बदलने में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

इसे भी पढ़ें:- यूपी में खाद्य विभाग ने बनाए रिकॉर्ड, लॉकडाउन में बनाए गए 7.88 लाख नए राशन कार्ड

आईसीएमआर की टीम ने हमारे जिले से 400 सैंपल लिए हैं. ये जिले के 3 ब्लॉकों के 10 गांवों से लिए गए हैं. इसे जांच के लिए भेजा जा रहा है, जिसके नतीजों के आधार पर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
डॉ. ए.के. सिंघल,अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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