ETV Bharat / state

बलरामपुर: दर्जनों गांव में घुसा बाढ़ का पानी, ये हैं प्रशासन के दावे - बलरामपुर में बाढ़ के हालात

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में कई दिनों से हो रही बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. राप्ती नदी चेतावनी बिदु 103.680 से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जोकि डेंजर जोन से अभी लगभग 100 सेंटीमीटर नीचे है.

flood-conditions-in-balrampur-due-to-heavy-rain
बलरामपुर के दर्जनों गांव में घुसा बाढ़ का पानी.
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 4:55 PM IST

बलरामपुर: राप्ती नदी के कटान से जिले की आधी से ज्यादा आबादी साल-दर-साल प्रभावित होती आ रही है. कटान को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तटबंधों की मरम्मत कराई, लेकिन वह काम सफल होता दिख नहीं रहा है. दर्जनों गांव में नदी और नालों का पानी घुस आया है. कई सड़कों पर तेजी से पानी बह रहा है, जिससे आम लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बलरामपुर के दर्जनों गांव में घुसा बाढ़ का पानी.

जिले में कई दिनों से हो रही बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. नदी चेतावनी बिदु 103.680 से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जोकि डेंजर जोन से अभी लगभग 100 सेंटीमीटर नीचे है. गौरा चौराहा क्षेत्र के थरूवा-थरूनिया मार्ग पर पांच फीट पानी बह रहा है. अंबरनगर, बढ़ईपुरवा, टेंगनहवा, बगनहा समेत करीब दस गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. चार दिनों से यह मार्ग बंद है.

गौरा-तुलसीपुर मार्ग स्थित दतरंगवा, सिघवापुर, भुसैलवा और गौरा डिप पर चार फीट पानी बह रहा है. पहाड़ी नाला हेंगहा, जमधरा, धोबिनिया, कचनी, फोहरी और गौरिया में उफान आने से तराई क्षेत्र के करीब 40 गांवों में पानी भर गया है. ललिया-हरिहरगंज और महराजगंज तराई-ललिया मार्ग पर तकरीबन ड़ेढ फीट पानी बह रहा है. बाढ़ के पानी से भौरही, बनघुसरी, ठड़क्की, इटैहिया, लखनीपुर, भुसैलिया, लौकहवा, भवानियापुर, पिट्ठा, नरायनापुर, प्रतापपुर, बुड़ंतपुर गांव घिरे हुए हैं. इसके साथ ही आंशिक तौर पर कई और गांवों में पानी घुस गया है. खरझार नाला की बाढ़ से क्षेत्र के गांवों में धान की फसल को क्षति पहुंची है. शांतिनगर, रामगढ़ मैटहवा, विजयडी, लहेरी, औरैया गांवों में फसलें औऱ सड़कें जलमग्न नजर आ रही हैं. इसके साथ तुलसीपुर, गैंसड़ी और पचपेड़वा के कई इलाकों में जलभराव हो गया है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार

अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि जिले में 34 कटान क्षेत्र हैं, जो अतिसंवेदनशील माने जाते हैं. यहां पर जरूरी व्यवस्था की जा रही है. अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि खरझार नाले में हर साल उफान आता है, जिस कारण कई गांव जिले से कट जाते हैं. जहां पर बाढ़ की समस्या है, वहां पर नाव की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही टैक्टर-ट्रॉली की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो.

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 31 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जबकि जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 18 बाढ़ राहत शिविरों व केंद्रों को स्थापित किया गया है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 3 कंपनी को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है. इसके साथ ही बांधों को मजबूत करने का काम चल रहा है.

बलरामपुर: राप्ती नदी के कटान से जिले की आधी से ज्यादा आबादी साल-दर-साल प्रभावित होती आ रही है. कटान को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तटबंधों की मरम्मत कराई, लेकिन वह काम सफल होता दिख नहीं रहा है. दर्जनों गांव में नदी और नालों का पानी घुस आया है. कई सड़कों पर तेजी से पानी बह रहा है, जिससे आम लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बलरामपुर के दर्जनों गांव में घुसा बाढ़ का पानी.

जिले में कई दिनों से हो रही बारिश के कारण राप्ती नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. नदी चेतावनी बिदु 103.680 से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जोकि डेंजर जोन से अभी लगभग 100 सेंटीमीटर नीचे है. गौरा चौराहा क्षेत्र के थरूवा-थरूनिया मार्ग पर पांच फीट पानी बह रहा है. अंबरनगर, बढ़ईपुरवा, टेंगनहवा, बगनहा समेत करीब दस गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. चार दिनों से यह मार्ग बंद है.

गौरा-तुलसीपुर मार्ग स्थित दतरंगवा, सिघवापुर, भुसैलवा और गौरा डिप पर चार फीट पानी बह रहा है. पहाड़ी नाला हेंगहा, जमधरा, धोबिनिया, कचनी, फोहरी और गौरिया में उफान आने से तराई क्षेत्र के करीब 40 गांवों में पानी भर गया है. ललिया-हरिहरगंज और महराजगंज तराई-ललिया मार्ग पर तकरीबन ड़ेढ फीट पानी बह रहा है. बाढ़ के पानी से भौरही, बनघुसरी, ठड़क्की, इटैहिया, लखनीपुर, भुसैलिया, लौकहवा, भवानियापुर, पिट्ठा, नरायनापुर, प्रतापपुर, बुड़ंतपुर गांव घिरे हुए हैं. इसके साथ ही आंशिक तौर पर कई और गांवों में पानी घुस गया है. खरझार नाला की बाढ़ से क्षेत्र के गांवों में धान की फसल को क्षति पहुंची है. शांतिनगर, रामगढ़ मैटहवा, विजयडी, लहेरी, औरैया गांवों में फसलें औऱ सड़कें जलमग्न नजर आ रही हैं. इसके साथ तुलसीपुर, गैंसड़ी और पचपेड़वा के कई इलाकों में जलभराव हो गया है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार

अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि जिले में 34 कटान क्षेत्र हैं, जो अतिसंवेदनशील माने जाते हैं. यहां पर जरूरी व्यवस्था की जा रही है. अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि खरझार नाले में हर साल उफान आता है, जिस कारण कई गांव जिले से कट जाते हैं. जहां पर बाढ़ की समस्या है, वहां पर नाव की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही टैक्टर-ट्रॉली की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी न हो.

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 31 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जबकि जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 18 बाढ़ राहत शिविरों व केंद्रों को स्थापित किया गया है. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 3 कंपनी को स्टैंडबाय मोड पर रखा गया है. इसके साथ ही बांधों को मजबूत करने का काम चल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.