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बलरामपुर: मानसून से पहले हुई बारिश से खिले किसानों के चेहरे - बारिश से खुश हुए किसान

यूपी के बलरामपुर में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही है. मानसून के पहले हुई बरसात से किसानों के चेहरे खिल गए हैं. किसान इस साल कम लागत में अच्छी फसल की कामना कर रहे हैं.

बारिश से खुश हुए किसान.
बारिश से खुश हुए किसान.
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Published : Jun 22, 2020, 11:52 PM IST

बलरामपुर: जिले में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं. मानसून के आने से पहले हुई बरसात से किसान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. इससे किसान सीजन से पहले धान की न केवल नर्सरी तैयार कर सकेंगे, बल्कि जल्द ही धान की बुवाई भी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही इस बारिश से दलहनी और तिलहनी फसलों को भी फायदा मिलेगा. किसान अच्छी फसल की कामना कर रहे हैं.

जिले की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर आश्रित है. यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन गन्ना, धान, गेहूं, दलहनी व तिलहनी फसलें हैं. खरीफ की फसलों की तैयारी के लिए पिछले साल जहां किसानों को ज्यादा पानी देना पड़ा था. वहीं इस साल मानसून से पहले हुई बारिश के कारण किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आ रही है. इस बार धान की रोपाई के लिए तैयार की जाने वाली नर्सरी को न तो पानी देना पड़ेगा और न ही इस काम में ज्यादा पैसा खर्च होगा.

प्रवासी मजदूरों के आने से हुआ लाभ
किसान बताते हैं कि मानसून से पहले हुई बारिश के कारण तमाम तरह की सहूलियत मिल रही है. हमें नर्सरी तैयार करने के लिए जहां पानी बिल्कुल न के बराबर देना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों के कारण मजदूर मिलने में भी समस्या नहीं हो रही है. इस कारण इस बार धान की फसल अच्छी होगी.

किसानों ने दी जानकारी
वहीं तिलहनी फसलों की तैयारी करने वाले किसान बताते हैं कि तिलहनी और गन्ने की फसलों के लिए इस बार जो बारिश हुई है, वह न केवल फायदेमंद साबित होगी, बल्कि इस बार फसलों की लागत भी काम आएगी. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा हो सकेगा. बारिश अगर इसी तरह बनी रहे और बाढ़ ने बहुत ज़्यादा परेशान नहीं किया तो इस बार किसानों को बड़ी मात्रा में फायदा होगा.

जिला कृषि अधिकारी ने बताया
जिला कृषि अधिकारी मनदीप सिंह बताते हैं कि मौसम मानसून से पहले हुई बरसात के कारण जिले के किसानों को तमाम तरह की सहूलियत मिल रही है. किसान समय से पहले धान की नर्सरी बिना लागत के तैयार कर सकेंगे. अगर वह फसलों को जल्दी बैठा और बो ले जाते हैं, तो उन्हें बड़े पैमाने पर फायदा होगा.

धान की फसल के बारे में बात करते हुए जिला कृषि अधिकारी मनदीप कुमार बताते हैं कि पिछले साल धान की बुवाई का अच्छादन लक्ष्य 1 लाख 5 हजार 550 हेक्टेयर था. वहीं इस साल से इसे बढ़ाकर 1 लाख 9 हजार 30 हेक्टेयर कर दिया गया है. हमें उम्मीद है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा धान की फसल अच्छी बारिश के कारण तैयार की जा सकेगी, जिससे किसान भाई बड़े पैमाने पर रिकॉर्ड उत्पादन करके लाभ ले सकेंगे.

बलरामपुर: जिले में पिछले 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों के चेहरे खुशी से खिल गए हैं. मानसून के आने से पहले हुई बरसात से किसान काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. इससे किसान सीजन से पहले धान की न केवल नर्सरी तैयार कर सकेंगे, बल्कि जल्द ही धान की बुवाई भी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही इस बारिश से दलहनी और तिलहनी फसलों को भी फायदा मिलेगा. किसान अच्छी फसल की कामना कर रहे हैं.

जिले की आधी से ज्यादा आबादी कृषि पर आश्रित है. यहां की अर्थव्यवस्था का मुख्य साधन गन्ना, धान, गेहूं, दलहनी व तिलहनी फसलें हैं. खरीफ की फसलों की तैयारी के लिए पिछले साल जहां किसानों को ज्यादा पानी देना पड़ा था. वहीं इस साल मानसून से पहले हुई बारिश के कारण किसानों के चेहरों पर खुशी नजर आ रही है. इस बार धान की रोपाई के लिए तैयार की जाने वाली नर्सरी को न तो पानी देना पड़ेगा और न ही इस काम में ज्यादा पैसा खर्च होगा.

प्रवासी मजदूरों के आने से हुआ लाभ
किसान बताते हैं कि मानसून से पहले हुई बारिश के कारण तमाम तरह की सहूलियत मिल रही है. हमें नर्सरी तैयार करने के लिए जहां पानी बिल्कुल न के बराबर देना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों से आए प्रवासी मजदूरों के कारण मजदूर मिलने में भी समस्या नहीं हो रही है. इस कारण इस बार धान की फसल अच्छी होगी.

किसानों ने दी जानकारी
वहीं तिलहनी फसलों की तैयारी करने वाले किसान बताते हैं कि तिलहनी और गन्ने की फसलों के लिए इस बार जो बारिश हुई है, वह न केवल फायदेमंद साबित होगी, बल्कि इस बार फसलों की लागत भी काम आएगी. इससे किसानों को ज्यादा मुनाफा हो सकेगा. बारिश अगर इसी तरह बनी रहे और बाढ़ ने बहुत ज़्यादा परेशान नहीं किया तो इस बार किसानों को बड़ी मात्रा में फायदा होगा.

जिला कृषि अधिकारी ने बताया
जिला कृषि अधिकारी मनदीप सिंह बताते हैं कि मौसम मानसून से पहले हुई बरसात के कारण जिले के किसानों को तमाम तरह की सहूलियत मिल रही है. किसान समय से पहले धान की नर्सरी बिना लागत के तैयार कर सकेंगे. अगर वह फसलों को जल्दी बैठा और बो ले जाते हैं, तो उन्हें बड़े पैमाने पर फायदा होगा.

धान की फसल के बारे में बात करते हुए जिला कृषि अधिकारी मनदीप कुमार बताते हैं कि पिछले साल धान की बुवाई का अच्छादन लक्ष्य 1 लाख 5 हजार 550 हेक्टेयर था. वहीं इस साल से इसे बढ़ाकर 1 लाख 9 हजार 30 हेक्टेयर कर दिया गया है. हमें उम्मीद है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल ज्यादा धान की फसल अच्छी बारिश के कारण तैयार की जा सकेगी, जिससे किसान भाई बड़े पैमाने पर रिकॉर्ड उत्पादन करके लाभ ले सकेंगे.

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