बलरामपुर: आईएस आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम के परिजनों से ईटीवी भारत ने बात की. आतंकी की बहन मुनीजा ने कहा कि मेरे भाई के बारे में जो अफवाहें उड़ाई गई वह सरासर गलत हैं. मीडिया हमसे बातचीत में केवल उन्हीं बातों को पूछा जो मेरे भाई के खिलाफ थीं, चाहे वो जाकिर नाईक से जुड़ी हों या फिर राम मंदिर या ऐसे ही अन्य मसलों के बारे में. मुनीजा ने कहा कि मेरे भाई ने खुद पुलिस के सामने सारी बातें स्वीकार की हैं और तमाम सामान बरामद कराया है.
'नहीं पता था कि भाई इस तरह के काम करता है'
मुनीजा ने बताया कि मेरे भाई जब घर से निकले थे तो वह बता कर गए थे कि वह मामा के बीमार बेटे से मिलने जा रहे हैं. इसके बाद जब वह दिल्ली में पकड़े गए तो हमें खुद नहीं पता था कि वह इस तरह के काम करते हैं. हमें जब ये पता चला तो हमें बहुत बुरा लगा. मुनीजा ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि गलती तो मेरे भाई से हुई है और वह गलतियां उन्होंने खुद स्वीकार की हैं. उन्होंने खुद पुलिस को सारी चीजें बता दीं. सरकार उनकी पहली गलती माफ करते हुए सामान्य जिंदगी में वापस भेजने का काम कर सकती है.
'मीडिया बातों को अपनी तरह से पेश कर रहा है'
आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम की पत्नी आयशा ने कहा कि मीडिया बातों को अपनी तरह से पेश कर रहा है, जो सरासर गलत है. मेरे पति ने जो भी किया उसकी सच्चाई एटीएस, दिल्ली पुलिस को उन्होंने बता दी है. दिल्ली पुलिस और तमाम टीमें जांच करेंगी और उसके बाद पता चलेगा कि क्या सच्चाई थी, लेकिन मीडिया जो बता रहा है वह गलत है. वह हमारे पति के बारे में पैसे, जमीन, घर और जाकिर नाईक, राम मंदिर से जुड़ी जो बातें बता रहा है, वह सरासर गलत हैं. इस तरह की न तो कभी कोई बात मैंने कही और न ही मेरे परिवार वालों ने इस तरह की कोई बात की है.
'सजा मिले, लेकिन सामान्य जिंदगी जीने का अधिकार भी मिले'
आयशा ने कहा कि मैं अपने पति के बारे में इतना ही कहना चाहती हूं कि उन्होंने जो गलती की है उसकी सजा उन्हें सरकार जरूर देगी, लेकिन पहले ही हमें इस तरह जिल्लत की जिंदगी में डाल देना कितना सही है. उन्होंने कहा कि सरकार जो भी सजा दे वह हमें मंजूर है, लेकिन उसके बाद उन्हें सामान्य जिंदगी जीने का अधिकार जरूर मिलना चाहिए. सरकार अगर उन्हें छोड़ दे तो हमारे बच्चों और परिवार का भरण पोषण सही से हो सकेगा.