ETV Bharat / state

लखनऊ: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, जाम की समस्या बरकरार - लखनऊ

हाईकोर्ट के आदेश के बाद बलरामपुर अस्पताल के बाहर से अवैध दुकानें तो हट गई, लेकिन निजी एंबुलेंसों के अतिक्रमण से ट्रैफिक की समस्या में कोई सुधार नहीं हुआ है. हालात ये हैं कि मराजों को अस्पताल के गेट पर घंटों जाम से जूझना पड़ता है.

अतिक्रमण तो हटा पर हालात जस के तस.
author img

By

Published : May 14, 2019, 11:02 PM IST

लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल के बाहर से अभी कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन निजी एंबुलेंसों के अतिक्रमण से ट्रैफिक की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है. इससे मरीजों को आय दिन अस्पताल के बाहर घंटों ट्रैफिक में जूझना पड़ता है.

अतिक्रमण तो हटा पर हालात जस के तस.

मरीजों को हो रही समस्या

  • बलरामपुर अस्पताल के गेट पर दोनों तरफ सालों से अतिक्रमण और निजी एंबुलेंस का कब्जा है.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले दिनों यहां से अतिक्रमण हटाया गया था और सभी दुकानदार व निजी एंबुलेंस को भी यहां से भगा दिया गया था.
  • इसके बाद ही थोड़े दिन बाद से अतिक्रमण निजी एंबुलेंसों का अड्डा यहां फिर से जमा होने लगा है.
  • इसकी वजह से यहां पर जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

'जाम तो थोड़ा लग रहा है लेकिन अतिक्रमण काफी हटाया गया है. सारी अवैध दुकाने तोड़ दीं हैं मगर जाम तो इसलिए लग जाता है कि कई वाहनों सहित निजी एंबुलेंस यहां आकर खड़ी हो जाती हैं. इन सब से जाम लगता है उसके लिए यहां पर एक ट्रैफिक पुलिस को तैनात करने की जरुरत है इससे जाम नहीं लगेगा.

-डॉ. राजीव लोचन, निदेशक, जिला अस्पताल

लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल के बाहर से अभी कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन निजी एंबुलेंसों के अतिक्रमण से ट्रैफिक की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है. इससे मरीजों को आय दिन अस्पताल के बाहर घंटों ट्रैफिक में जूझना पड़ता है.

अतिक्रमण तो हटा पर हालात जस के तस.

मरीजों को हो रही समस्या

  • बलरामपुर अस्पताल के गेट पर दोनों तरफ सालों से अतिक्रमण और निजी एंबुलेंस का कब्जा है.
  • हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछले दिनों यहां से अतिक्रमण हटाया गया था और सभी दुकानदार व निजी एंबुलेंस को भी यहां से भगा दिया गया था.
  • इसके बाद ही थोड़े दिन बाद से अतिक्रमण निजी एंबुलेंसों का अड्डा यहां फिर से जमा होने लगा है.
  • इसकी वजह से यहां पर जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

'जाम तो थोड़ा लग रहा है लेकिन अतिक्रमण काफी हटाया गया है. सारी अवैध दुकाने तोड़ दीं हैं मगर जाम तो इसलिए लग जाता है कि कई वाहनों सहित निजी एंबुलेंस यहां आकर खड़ी हो जाती हैं. इन सब से जाम लगता है उसके लिए यहां पर एक ट्रैफिक पुलिस को तैनात करने की जरुरत है इससे जाम नहीं लगेगा.

-डॉ. राजीव लोचन, निदेशक, जिला अस्पताल

Intro:बलरामपुर अस्पताल के बाहर से अवैध दुकानें तो हट गई। लेकिन वहां से अवैध एंबुलेंस और ट्रैफिक अभी भी पूरी तरह से नहीं हट पा रहा है। जिसकी वजह से बलरामपुर अस्पताल के बाहर अभी भी यातायात की समस्या सुलझ नहीं पाई है। और एंबुलेंस आदि अभी भी इस जाम में फंसी रह रही हैं।


Body:दरअसल बलरामपुर अस्पताल के गेट के सामने दोनों तरफ सालों से अतिक्रमण और अवैध एंबुलेंस लग रहा है। नगर निगम ने जब यहां पर अपना दावा बोला था। तो वह एंबुलेंस व शव वाहन भी हटा लिए गए थे। तो नगर निगम ने बलरामपुर अस्पताल के बाहर लगे अवैध दुकानों को हटाकर लौट गई थी। इसके बाद ही थोड़े दिन बाद से अतिक्रमण अवैध एंबुलेंस का अड्डा यहां फिर से जमा होने लगा है। इसकी वजह से यहां पर जाम की स्थिति जस की तस बनी हुई है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद पिछले दिनों यहां से अतिक्रमण हटाया गया था। और किसी भी दुकानदार व निजी एंबुलेंस को भी यहां से भगा दिया गया था। लेकिन उसके बाद भी यहां पर तस्वीर कुछ बदलती नजर नहीं आ रही। और यहां पर ठेले खोमचे वाले अभी भी नजर आ रहे हैं। इसकी वजह से यातायात की व्यवस्था और उलझ गई है। हालात जस के तस बने हुए।

हालात ऐसे हैं। अस्पताल के बाहर एंबुलेंस तक के निकलने में दिक्कत आ रही है। एक ही जगह पर 5 से 6 गाड़ियां जाम में लगातार फसी रहती है। सुबह ओपीडी के समय पर मरीजों की संख्या सबसे अधिक रहती है। उसके बाद भी अस्पताल के बाहर कोई भी पुलिसकर्मी आदि मौजूद नहीं रहते सिर्फ यहां पर बलरामपुर अस्पताल के सिक्योरिटी गार्ड द्वारा ही जाम को किसी तरह संभाला जा रहा है। जो कि इस पूरे मामले पर नाकाफी है। और हालात ऐसे हो जाते हैं। कि अस्पताल से ना तो कोई एंबुलेंस बाहर आ सकती है। और ना ही अंदर जा सकती है। ऐसे में मरीजों की जान पर आफत बनी हुई है।

बलरामपुर अस्पताल के बाहर फिर सजी दुकानें।

दस्ते की कार्रवाई के बाद बलरामपुर अस्पताल के गेट के पास फिर दुकाने लग गई हैं। वही दुकानदार थोड़ी देर दुकानों का मलबा बटोर रहे थे। हालांकि अस्पताल के बाहर दुकानें नहीं लग रही थी। अफसरों का दावा था। कि दुकाने नहीं लगेंगी यदि ऐसा हुआ। तो पुलिस को सूचना दी जाएगी। ताकि अतिक्रमण ना हो।

वाक थ्रू- बलरामपुर अस्पताल के बाहर से।

बाइट- डॉ. राजीव लोचन, निदेशक।




Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
7054605976
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.