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बलरामपुर: बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें, लोगों ने लगाया प्रशासन पर आरोप - यू.पी बलरामपुर में बाढ़ से जन जीवन अस्त वयस्त

जिले में तीन दिन से हो रही तेज बारिश के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश के कारण सड़कें टूट गई हैं और लोगों के घरों में पानी भर गया है. लोगो का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है.

बाढ़ में डूबा गांव
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Published : Jul 11, 2019, 9:49 PM IST

बलरामपुर: जिले में तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसी समस्या हो गई है. लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है, तमाम सड़कें बाढ़ में बह चुकीं हैं. वहीं लोगों को जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल सिंघवारा, गौरा चौराहा, ललिया, शिवपुरा, महाराजगंज, हरैया सतघरवा क्षेत्रों में भी है. लोगों का कहना है कि शासन प्रशासन द्वारा महज कागजों में मदद मुहैया करवाई जा रही है, लेकिन धरातल पर इसकी स्थिति बिल्कुल उलट है.

बाढ़ के चलते पानी में डूबा गांव.

बाढ़ से बुरे हुए हालात-

  • तीन दिन से हो रही तेज बारिश के कारण बलरामपुर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
  • जिले के तराई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं.
  • तमाम सड़कें बाढ़ के कारण कट गई हैं.
  • लोगों के घरों में पानी घुस चुका है.
  • पार करने के लिए लोगों को ट्रैक्टर-ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है.

यहां पर जो समस्याएं हैं. उसे तत्काल दूर करने का काम किया जा रहा है. वहीं प्रशासन द्वारा नावों की व्यवस्था कई इलाकों में करवाई गई है.
- डॉ नागेंद्र यादव, एसडीएम, बलरामपुर

बलरामपुर: जिले में तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसी समस्या हो गई है. लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है, तमाम सड़कें बाढ़ में बह चुकीं हैं. वहीं लोगों को जान जोखिम में डालकर सड़क पार करना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल सिंघवारा, गौरा चौराहा, ललिया, शिवपुरा, महाराजगंज, हरैया सतघरवा क्षेत्रों में भी है. लोगों का कहना है कि शासन प्रशासन द्वारा महज कागजों में मदद मुहैया करवाई जा रही है, लेकिन धरातल पर इसकी स्थिति बिल्कुल उलट है.

बाढ़ के चलते पानी में डूबा गांव.

बाढ़ से बुरे हुए हालात-

  • तीन दिन से हो रही तेज बारिश के कारण बलरामपुर में जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
  • जिले के तराई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं.
  • तमाम सड़कें बाढ़ के कारण कट गई हैं.
  • लोगों के घरों में पानी घुस चुका है.
  • पार करने के लिए लोगों को ट्रैक्टर-ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है.

यहां पर जो समस्याएं हैं. उसे तत्काल दूर करने का काम किया जा रहा है. वहीं प्रशासन द्वारा नावों की व्यवस्था कई इलाकों में करवाई गई है.
- डॉ नागेंद्र यादव, एसडीएम, बलरामपुर

Intro:उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। बलरामपुर भी इससे अछूता नहीं है। यहां पर नेपाल से उतरने वाले तकरीबन डेढ़ दर्जन पहाड़ी नाले अपने उफान पर है। इसके साथ ही जिले में बहने वाली 2 नदियां भी लगातार बारिश से खतरे के निशान से ऊपर हैं। लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। जिले के तराई क्षेत्र में मुख्यालय को जोड़ने वाली तमाम सड़कें बाढ़ में बह चुके हैं। वहीं, कुछ सड़कों पर लोग जान जोखिम में डालकर पार करते नजर आ रहे हैं। लोगों को शासन प्रशासन द्वारा महज कागजों में मदद मुहैया करवाई जा रही है। लेकिन धरातल पर इसकी स्थिति बिलकुल उलट है।


Body:बलरामपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात है। 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है। जिले के तराई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। तराई क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने वाली तमाम सड़कें बाढ़ के कारण कट गई है। वहीं, कुछ लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। जहां-तहां जाने के लिए लोग कमर भर पानी में जान जोखिम में डालकर सड़कों को पार करने पर मजबूर है। तराई के गांवों में रहने वाले घरों में इस कदर पानी चल रहा है कि लोगों को इस दुख से पार करने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसके लिए उन्हें अच्छी खासी रकम भी चुकानी पड़ रही है। ऐसा ही हाल सिंघवारा, गौरा चौराहा, ललिया, शिवपुरा, महाराजगंज, हरैया सतघरवा क्षेत्रों में भी बाढ़ जैसे हालात है।
ऐसे में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश द्वारा पूरी मदद की व्यवस्था देने का दावा तो किया जा रहा है। लेकिन उनका दावा जमीन पर फेल नजर आ रहा है।
जब ईटीवी ने दतरंगवा डिप के पास रहने वाले गांवों के लोगों से संपर्क किया तो लोगों ने बताया कि शासन प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं मिल पा रही है। हम लोग स्वयं से ही खाने का व्यवस्था कर रहे हैं। आने जाने के लिए जो संसाधन उपलब्ध होने चाहिए थे, वह भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में ट्रैक्टर ट्राली का सहारा लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं। बरसात से पहले ही जो तैयारी करने का दावा प्रशासन महज तीन दिनों की बारिश में घुटने टेकते नजर आ रहा है।


Conclusion:इस मामले पर जिलाधिकारी कृष्णा कमलेश का अपना दावा है जबकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोक प्रशासन से नाखुश नजर आ रहे हैं।
इस मामले पर बात करते हुए दतरंगवा का अवलोकन करने आए। बलरामपुर सदर एसडीएम व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट डॉ नागेंद्र यादव ने हमसे बात करते हुए कहा कि यहां पर जो समस्याएं हैं। उसे तत्काल दूर करने का काम किया जा रहा है। वहीं, प्रशासन द्वारा नावों की व्यवस्था कई इलाकों में करवाई गई है।
इस मामले पर जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि बाढ़ का पानी नहीं है। बरसात का पानी है। जो जल्द ही निकल जाएगा जिले के सभी बंदे सुरक्षित है। डेट पर आने जाने के लिए नावों की व्यवस्था करा दी गई है पीड़ितों को मदद पहुंचाई जा रही है।

बाईट क्रमश :-
01 :- सोहबता देवी,
02 :- भीखी चौरसिया,
03 :- डॉ नागेंद्र यादव, एसडीएम/ जॉइंट मजिस्ट्रेट, बलरामपुर
पीटीसी :- योगेंद्र त्रिपाठी
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