बलरामपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बाद पार्टी का प्रतिनिधिमंडल बलरामपुर दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने उसके घर पहुंचा. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पीड़िता के लिए त्वरित न्याय और 50 लाख के मुआवजे की मांग की.
दरअसल, जिले में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद अब मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. घटना का संज्ञान लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. पूर्व सीएम ने लिखा कि, 'हाथरस के बाद अब बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है. घायलावस्था में पीड़िता की मृत्यु हो गई है श्रद्धांजलि! भाजपा सरकार बलरामपुर में हाथरस जैसी लापरवाही व लीपापोती न करे और अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई करे'.
ट्वीट करने के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को निर्देश दिया, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल मृतका के परिवार से मिलने उसके घर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव ने कहा कि जब से भाजपा सरकार आई तब से यूपी बलात्कार और अपरहण का प्रदेश बन गया है. आजादी से अब तक इतने बलात्कर के मामले यूपी में सामने नहीं आए, जितने योगी सरकार में आए हैं और इनमें पीड़िताएं खासकर बच्चियां हैं.
पूर्व मंत्री एसपी यादव ने कहा कि सूबे में अपराधी बेखौफ हैं. इससे साफ है कि अपराधियों को कहीं न कहीं सत्ता का संरक्षण भी प्राप्त होता है. अगर सत्ता का संरक्षण प्राप्त न हो तो कभी ऐसी घटनाएं हो ही नहीं सकतीं. सरकार खुले मन से पारदर्शिता के साथ कार्यवाई करे तो ऐसी घटना हो ही नहीं सकती. पूर्व मंत्री ने कहा कि यूपी में खासकर दलित, पिछड़े और वंचितों के साथ ज्यादातक घटनाएं हो रही हैं. उन्नाव रेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने के लिए मौजूद सरकार ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था, लेकिन समाजवादी पार्टी के आंदोलन और मीडिया के सहयोग से नतीजा यह हुआ कि मजबूरन उन्हें कार्यवाई करनी पड़ी. वहीं सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओंकार नाथ पटेल ने पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते हुए सरकार से परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.