बलरामपुरः जिले में बलरामपुर चीनी मिल और उसकी ईकाई चीनी मिल तुलसीपुर का पेराई सत्र रविवार को शुरू हुआ. इसका विधिवत शुभारंभ किया गया. जिले के इन दोनों चीनी मिलों से तकरीबन डेढ़ लाख किसान जुड़े हुए हैं. इनमें तुलसीपुर चीनी मिल्स में 46 हजार किसान पंजीकृत बताए जाते हैं.
बड़े गन्ना उत्पादक जिलों में है गिनती
बलरामपुर गन्ना उत्पादन के हिसाब से प्रदेश का एक बड़ा जिला माना जाता है. यहां पर गन्ना उत्पादन से दो लाख से अधिक किसान जुड़े हुए हैं. गन्ने की फसल को चीनी खरीदने और उससे चीनी उत्पादन के लिए तीन चीनी मिलें हैं. बलरामपुर चीनी मिल्स में चार दिन पहले ही पेराई सत्र की शुरुआत कर दी गई थी, जबकि तुलसीपुर चीनी मिल्स लिमिटेड में पेराई सत्र का प्रारंभ रविवार को किया गया. इसमें अतिथि शक्तिपीठ मंदिर देवीपाटन के पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश, पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा, चीनी मिल के मुख्य महाप्रबंधक योगेश कुमार सिंह ने विधिवत पूजन हवन करते हुए नारियल फोड़, डोगें में गन्ना डाल पेराई सत्र का शुभारंभ किया. इससे पूर्व समृद्धि के प्रतीक बैलों का भी पूजन किया गया.
46 हजार किसानों को लाभ तुलसीपुर
चीनी मिल से तकरीबन 46 हज़ार किसान जुड़े हुए हैं. इस चीनी मिल में पेराई सत्र से प्रारंभ होने से बड़े पैमाने पर किसान को लाभ तकरीबन 30 साल से मिलता आ रहा है.
पिछले पेराई सत्र का शत प्रतिशत भुगतान पहले ही कर दिया गया है. इस सत्र में 85 लाख कुंटल पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किसानों से अपील की जा रही है कि साफ सुथरा गन्ना लाएं. प्रदेश सरकार द्वारा जारी नए नियम के तहत गन्ना पर्ची के बजाय इस बार किसानों के नंबर पर एसएमएस भेजे जा रहे हैं.
- योगेश कुमार सिंह, मिल महाप्रबंधक