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बलरामपुर: NGT के आदेशों को पलीता, अस्पतालों में नहीं हो रहा बायो वेस्ट का निस्तारण - bio waste is not being disposed

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में बायो वेस्ट के समय से निस्तारण न होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिलाधिकारी का कहना है कि इस पर सीएमओ से बातचीत कर ठोस कदम उठाया जाएगा.

अस्पतालों से निस्तारित नहीं हो रहा बायो वेस्ट.
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Published : Sep 1, 2019, 9:33 AM IST

बलरामपुर: जिले में बायो मेडिकल वेस्ट लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फैलता रहता है. ये अस्पताली कचरे न केवल लोगों को बीमारियां बांट रहे हैं, बल्कि इनसे वायु प्रदूषण भी फैल रहा है, लेकिन इसके निस्तारण के लिए जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
कचरे से मिलती है अतिरिक्त आयअस्पताल के एक कर्मचारी ने अपना नाम न लिखने के शर्त पर कहा कि यह बायो मेडिकल वेस्ट महीनों तक हम लोग इसी तरह इकट्ठा करते रहते हैं और जब भारी मात्रा में हो जाता है तो इसे किसी भी कबाड़ी को बुलाकर बेच दिया करते हैं, जिससे अतिरिक्त आय इकट्ठा हो जाती है. यहां पर मैं दो सालों से तैनात हूं, लेकिन कोई भी संस्था कचरा उठाने के लिए नहीं आती है.

एजेंसी के भरोसे है कूड़े का निस्तारण
यहां पर बदस्तूर इसी तरह कचरा फैला रहता है. बारिश के मौसम में यहां पर बाढ़ आती है, इसलिए और ज्यादा कचरा अस्पताल में फैला हुआ है. जिले में कुल 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 206 उप स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. सभी जगहों पर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एक अस्पताली कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को तैनात किया गया है.

इसे भी पढ़ें:- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बलरामपुर अस्पताल का किया निरीक्षण, मरीजों को बांटे फल

साथ ही प्राइवेट अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए मुख्य जिला चिकित्साधिकारी ने निर्देश जारी किये हैं, लेकिन इन निर्देशों का कोई फायदा नहीं होता दिख रहा है. यही नहीं जिस संस्था ने सरकारी अस्पतालों में बायो वेस्ट उठाने का दावा किया है वह कभी अस्पतालों तक पहुंचती ही नहीं है. वह संस्था असल में कागजों में काम रही है.

जिला प्रशासन बायो वेस्ट के प्रति नहीं हो रहा सख्त
संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला मेमोरियल चिकित्सालय और महिला चिकित्सालय में भी बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. इन अस्पतालों के मुख्यालय पर होने के बाद भी बायो मेडिकल वेस्ट को न तो समय से निस्तारित किया जाता है और न ही जिला प्रशासन और जिला चिकित्सा प्रशासन ने इसके लिए निगरानी की कोई व्यवस्था की है.


बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एजेंसी को तैनात किया गया है. उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह हर दूसरे तीसरे दिन अस्पतालों से कूड़े को उठाए और उसे संबंधित प्लांट को भेजे, लेकिन यह शायद माकूल तरीके से हो नहीं रहा है.
-डॉ. घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी

बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए ठोस प्रक्रिया न अपनाए जाने के कारण हमने कई बार जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान सीएमओ से सवाल जवाब किया है. फिर से इस मामले को संज्ञान में लाया जा रहा है कि अस्पतालों से वाकई में बायो मेडिकल वेस्ट समय से निस्तारित नहीं किया जा रहा है.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

बलरामपुर: जिले में बायो मेडिकल वेस्ट लगभग सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फैलता रहता है. ये अस्पताली कचरे न केवल लोगों को बीमारियां बांट रहे हैं, बल्कि इनसे वायु प्रदूषण भी फैल रहा है, लेकिन इसके निस्तारण के लिए जिम्मेदार चेत नहीं रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
कचरे से मिलती है अतिरिक्त आयअस्पताल के एक कर्मचारी ने अपना नाम न लिखने के शर्त पर कहा कि यह बायो मेडिकल वेस्ट महीनों तक हम लोग इसी तरह इकट्ठा करते रहते हैं और जब भारी मात्रा में हो जाता है तो इसे किसी भी कबाड़ी को बुलाकर बेच दिया करते हैं, जिससे अतिरिक्त आय इकट्ठा हो जाती है. यहां पर मैं दो सालों से तैनात हूं, लेकिन कोई भी संस्था कचरा उठाने के लिए नहीं आती है.

एजेंसी के भरोसे है कूड़े का निस्तारण
यहां पर बदस्तूर इसी तरह कचरा फैला रहता है. बारिश के मौसम में यहां पर बाढ़ आती है, इसलिए और ज्यादा कचरा अस्पताल में फैला हुआ है. जिले में कुल 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 206 उप स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. सभी जगहों पर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एक अस्पताली कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को तैनात किया गया है.

इसे भी पढ़ें:- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बलरामपुर अस्पताल का किया निरीक्षण, मरीजों को बांटे फल

साथ ही प्राइवेट अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए मुख्य जिला चिकित्साधिकारी ने निर्देश जारी किये हैं, लेकिन इन निर्देशों का कोई फायदा नहीं होता दिख रहा है. यही नहीं जिस संस्था ने सरकारी अस्पतालों में बायो वेस्ट उठाने का दावा किया है वह कभी अस्पतालों तक पहुंचती ही नहीं है. वह संस्था असल में कागजों में काम रही है.

जिला प्रशासन बायो वेस्ट के प्रति नहीं हो रहा सख्त
संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला मेमोरियल चिकित्सालय और महिला चिकित्सालय में भी बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. इन अस्पतालों के मुख्यालय पर होने के बाद भी बायो मेडिकल वेस्ट को न तो समय से निस्तारित किया जाता है और न ही जिला प्रशासन और जिला चिकित्सा प्रशासन ने इसके लिए निगरानी की कोई व्यवस्था की है.


बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एजेंसी को तैनात किया गया है. उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह हर दूसरे तीसरे दिन अस्पतालों से कूड़े को उठाए और उसे संबंधित प्लांट को भेजे, लेकिन यह शायद माकूल तरीके से हो नहीं रहा है.
-डॉ. घनश्याम सिंह, जिला चिकित्सा अधिकारी

बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए ठोस प्रक्रिया न अपनाए जाने के कारण हमने कई बार जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान सीएमओ से सवाल जवाब किया है. फिर से इस मामले को संज्ञान में लाया जा रहा है कि अस्पतालों से वाकई में बायो मेडिकल वेस्ट समय से निस्तारित नहीं किया जा रहा है.
-कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी

Intro:मेडिकल बोर्ड ऑफ इंडिया, केंद्र सरकार, राज्य सरकार और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण कितने भी फैसले कितने भी आदेश यह कितने भी निर्देश क्यों न दे ले। लेकिन बलरामपुर जिले में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की प्रक्रिया सही होती नजर नहीं आ रही।
बलरामपुर जिले में बायो मेडिकल वेस्ट लगभग सभी सरकारी अस्पतालों या प्राइवेट अस्पतालों में फैला रहता है। ये अस्पताली कचरे न केवल लोगों को बीमारियां बांट रहे हैं। बल्कि इनके द्वारा वायु प्रदूषण भी फैलाया जा रहा है।


Body:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गैंडास बुजुर्ग के अंतर्गत आने वाले नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महुआबाजार-रसूलाबाद की जब हमने यथास्थिति देखी तो आंखें खुली की खुली रह गई। अस्पताल में चारों तरफ अस्पताल कचरा फैला हुआ था। अस्पताल के एक कमरे में भारी मात्रा में बायो मेडिकल वेस्ट को इकट्ठा किया गया था।
अस्पताल के एक कर्मचारी ने नाम ना लिखने की शर्त पर कहा कि यह बायो मेडिकल वेस्ट महीनों तक हम लोग इसी तरह इकट्ठा करते रहते हैं और जब भारी मात्रा में हो जाता है। तो इसे किसी भी कबाड़ी को बुलाकर बेच दिया करते हैं। जिससे हमें अतिरिक्त आए हो जाए करती है।
उस व्यक्ति ने हमसे अभी कहा कि यहां पर मैं दो सालों से तैनात हूं। लेकिन कोई भी संस्था कचरा उठाने के लिए नहीं आती। यहां पर बदस्तूर इसी तरह कचरा फैला रहता है। बरसात का मौसम था। यहां पर बाढ़ आती है इसलिए और ज्यादा कचरा अस्पताल में फैला हुआ है।
बलरामपुर जिले में कुल 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 206 उप स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सभी जगहों पर बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एक अस्पताली कूड़ा उठाने वाली एजेंसी को तैनात किया गया है। इसके साथ ही प्राइवेट अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए मुख्य जिला चिकित्साधिकारी द्वारा निर्देश जारी किए गए। लेकिन इन निर्देशों का कोई फायदा नहीं होता दिख रहा।
यही नहीं, जिस संस्था द्वारा सरकारी अस्पतालों में उठाने का दावा किया जाता है। वह कभी अस्पतालों तक पहुंचती ही नहीं। वह संस्था असल में कागजों में काम रही है।
जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय, जिला मेमोरियल चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय में भी बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की कोई ठोक व्यवस्था नहीं है। इन अस्पतालों के मुख्यालय पर होने के बाद भी बायो मेडिकल वेस्ट को ना तो समय से निस्तारित किया जाता है और ना ही जिला प्रशासन और जिला चिकित्सा प्रशासन द्वारा इसके लिए निगरानी की कोई व्यवस्था ही अपनाई जा रही है। कुल मिलाकर जिले के अधिकारियों को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के डंडे से भी कोई डर नहीं है।


Conclusion:जब हमने इस मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए एजेंसी को तैनात किया गया है। उसकी यह जिम्मेदारी है कि वह हर दूसरे तीसरे दिन अस्पतालों को उठाए और उसे संबंधित प्लांट को भेजें। लेकिन यह शायद माकूल तरीके से हो नहीं रहा है।उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने अन्य चिकित्सा अधिकारियों को साफ साफ निर्देश दे रखा है कि समय से बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण चरणबद्ध तरीके से करवाया जाए।
डॉ सिंह ने कहा कि इस तरह के मामले अगर सामने आते हैं तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। आपके द्वारा इस मामला संज्ञान में लाया जा रहा है। इस पर जांच के आदेश देता हूँ।
वहीं, जब बलरामपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करने से ईटीवी ने इस मुद्दे पर सवाल पूछा तो कहा उन्होंने कहा कि बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए ठोस प्रक्रिया ना अपनाए जाने के कारण हमने कई बार जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान सीएमओ से सवाल जवाब किया है। आपके द्वारा इस मामले को संज्ञान में लाया जा रहा है कि अस्पतालों से वाकई में बायो मेडिकल वेस्ट समय से निस्तारित नहीं किया जा रहा है। इस पर हम संबंधित चिकित्सा अधिकारी व अस्पताल के खिलाफ जांच करवाकर कार्रवाई करेंगे।
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