बलरामपुर: योगी सरकार प्रदेश की प्रमुख नदियों के किनारे बसे गांवों को कटान से बचाने के लिए कई कोशिशें कर रही है. लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण योजनाएं धरातल पर उतरती नजर नहीं आ रही है. जिले के तीनों तहसील क्षेत्रों के हजारों एकड़ भूमि राप्ती के बाढ़ से प्रत्येक वर्ष प्रभावित हो रही है. इस साल भी राप्ती नदी से पिछले कुछ दिनों से कई गांव में कटान तेजी से हो रहा है. रुक-रुक कर हो रही बारिश से राप्ती नदी का पानी कम होने से लगातार कटान जारी है. इससे नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को बेघर होने का डर सता रहा है.
कटान से भयभीत ग्रामीणों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, कटान रोकने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर किए गए बचाव कार्य पर भी सवाल उठाया जा रहा है. राप्ती के कटान से कल्याणपुर, चौका खुर्द, टेंगनहिया, मानकोट और सरदारगढ़ सहित कई गांव को बड़ा खतरा उत्पन्न हो चुका है.
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ग्रामीणों ने प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को इस समस्या से अवगत भी कराया था. बचाव कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग और काम चलाऊ प्रयास से अवगत होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार द्वारा दी गई मोटी रकम का बंदरबांट किया गया है, जिसका खामियाजा यहां के लोग भुगत रहे हैं. वहीं, अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष का कहना है कि राप्ती नदी किनारे कटान से प्रभावित होने वाले गांवों की जानकारी मिली है. बाढ़ खंड द्वारा कुछ कार्य करवाया गया है. शासन की योजनाओं के अनुरूप इन जगहों पर चल रहे और भी कार्यों को समय से पूर्ण कर लिया जाएगा.
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