बलरामपुर: प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन एंबुलेंस सेवाओं के सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा लगातार दुरुपयोग किया जा रहा है. इसकी शिकायत भी शासन स्तर पर लगातार की जा रही है. फिर भी इन शिकायतों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. एंबुलेंस मरीज को ले जाने के बजाय तीर्थ यात्रा पर ले जाई जा रही है. ताजा मामला बलरामपुर का है. अब यह सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
जानकारी के अनुसार 29 जून को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर में तैनात एंबुलेंस संख्या यूपी 32 ईजी 0972 अयोध्या में देखी गई. अयोध्या में कुछ लोगों ने एंबुलेंस की फोटो और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. जांच करने पर पता चला कि एंबुलेंसकर्मी खुद, अपने 3-4 सहयोगियों और एक एएनएम को लेकर अयोध्या दर्शन करवाने के लिए एंबुलेंस लेकर फर्जी तरीके से तुलसीपुर से चले गए.
सूत्रों के अनुसार सीएचसी तुलसीपुर की यह एंबुलेंस एक स्टाफ नर्स कुंती कुमारी, जोकि नचौरा गैसड़ी में ड्यूटी करती है. एंबुलेंस चालक और कुछ अन्य लोग तीर्थ यात्रा करने के बहाने एंबुलेंस के जरिए तुलसीपुर से अयोध्या चले गए. इन लोगों ने फर्जी तरीके से रेहरा स्वास्थ्य केंद्र से एक केस बनाया और महज 48 किलोमीटर की दूरी दिखाकर अयोध्या चले गए.
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एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी में काम करने वाले एक पूर्व कर्मी ने बताया कि जिस तरह से तुलसीपुर से अयोध्या जाने का केस हुआ है. उसी तरह रोज फर्जी केस दिखाकर सरकारी धन का बंदरबांट एंबुलेंस कर्मियों द्वारा किया जाता है. स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आंख बंदकर सब देखते रहते हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि सीएससी तुलसीपुर में तैनात एंबुलेंस संख्या यूपी 32 ईजी 0972 फर्जी तरीके से अयोध्या ले जाई गई है, जिसकी जानकारी प्राप्त हुई है. उन्होंने नोडल एजेंसी जीवीके को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि संबंधित कर्मचारियों को तत्काल हटाते हुए सरकारी धन की वसूली सुनिश्चित की जाए. उन्होंने बताया कि एंबुलेंस से संबंधित अन्य शिकायतों की भी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.
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