बलरामपुर: जनपद प्राकृतिक संपदा के रूप में एक अति संपन्न जिला माना जाता है. यहां अवैध खनन भी तेजी से बढ़ रहा है. सुहेलदेव वन्य जीव अभ्यारण से निकलकर हरैया सतघरवा तक पहुंचने वाले धोबैनिया नाले पर चल रहे अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए जिला खनन निरीक्षक सुखेंद्र सिंह ने दो ट्रैक्टर-ट्राली को कब्जे में लिया.
जिले के तुलसीपुर तहसील के हरैय्या-सतघरवा थाना पुलिस की मिलीभगत से रात के अंधेरे में धोबैनिया नाले से बालू माफियों द्वारा बालू चोरी कर बेचा जा रहा है. रात के अंधेरे में तकरीबन 20 ट्रैक्टर-ट्रॉली नाले में से जिले की इस अकूत संपदा की चोरी करने में जुटी हुई थी. जबकि उसी पुल के ऊपर हर्रैया सतघरवा पुलिस लगातार गश्त कर रही थी. बालू माफिया जिला प्रशासन को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा रहे है, लेकिन पुलिस व प्रशासन को कानों-कान खबर तक नहीं पड़ रही है.
खनन निरीक्षक ने सीज किए दो वाहन
जब जिला खनन निरीक्षक बलरामपुर सुखेंद्र सिंह को इसकी सूचना मिली तो वे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और धोबैनिया नाले से बालू लदी दो ट्रैक्टर-ट्राली को अपने कब्जे में ले लिया. जबकि अन्य 10 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली और तमाम लोग मौके से फरार होने कामयाब रहे.
कैसे रुकेगी अकूत संपदा की लूट ?
जिले में 18 बड़े नाले जो तुलसीपुर तहसील के अंतर्गत आते हैं. जबकि जिले में सरकार की तरफ से वैध खनन के लिए 5 खनन पॉइंट का ठेका दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी लगातार खनन माफियाओं द्वारा जिले की अकूत खनन संपदा को लूटा जा रहा है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अब जब जिम्मेदार जिलाधिकारी, एसपी, एसडीएम व अन्य आला-अधिकारी ही इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए अपनी तत्परता नहीं दिखाएंगे तो कैसे अवैध खनन का कारोबार रुकेगा.
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