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बलिया: 2 लाख के इनामी को उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट में किया पेश

यूपी के बलिया में शुक्रवार को सत्र न्यायालय में दो लाख के इनामी बदमाश कौशल चौबे को उत्तराखंड पुलिस ने पेश किया. जहां फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय ने कौशल चौबे पर वारंट जारी करते हुए पांच दिन बाद दोबारा पेशी पर लाने का आदेश दिया. आपको बता दें कि कौशल चौबे को 31 मई 2019 को उत्तराखंड में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था.

2 लाख के इनामी को उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट में किया पेश.
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Published : Sep 27, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: वर्ष 2002 से 2005 के बीच बलिया में आतंक का पर्याय बने कौशल चौबे को 17 साल बाद 31 मई 2019 को उत्तराखंड में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. जिले में हुए चर्चित डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर और चार लोगों के हत्याकांड में इसका और इसके गैंग का नाम सामने आया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 रुपये का इनाम घोषित किया, जिसके बाद यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए, जिसके बाद 31 मई 2019 को इसे गिरफ्तार कर लिया गया.

2 लाख के इनामी को उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट में किया पेश.

शुक्रवार को बलिया के फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय में उत्तराखंड पुलिस ने दो लाख के इनामी कौशल चौबे को पेश किया. न्यायालय ने कौशल चौबे के खिलाफ वारंट जारी कर दिया और पांच दिन बाद अगली पेशी की तारीख दी है.

जानें कौशल चौबे का आपराधिक इतिहास

  • बलिया में ठेकेदारी को लेकर 2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील चंद्र राय की रेलवे स्टेशन परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
  • इस मामले में जीआरपी की जवाबी फायरिंग में एक कॉन्स्टेबल रामाशंकर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.
  • वहीं दो कांस्टेबल गोली लगने से घायल हुए थे.
  • इस मामले में तत्कालीन जीआरपी थानाध्यक्ष ने कौशल चौबे और अन्य तीन लोगों पर हत्या और जान से मारने का प्रयास सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
  • वर्ष 2004 में बलिया के पीडब्ल्यूडी ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया के दौरान मारपीट और फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी.
  • इसमें भी कौशल चौबे गैंग का नाम सामने आया था.
  • इस घटना के बाद कौशल चौबे और उसके गैंग के सदस्य फरार हो गए थे.
  • दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 का इनाम घोषित किया.
  • यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए.
  • 31 मई 2019 को उत्तराखंड एसटीएफ ने कौशल चौबे को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.

पढ़ें: बलिया: बाढ़ ने पुलिसकर्मियों को दी काले पानी की सजा

बलिया सत्र न्यायालय में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर लेकर आई. जहां फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय ने कौशल चौबे पर वारंट जारी करते हुए 5 दिन बाद दोबारा पेशी पर लाने का आदेश दिया. आपको बता दें कि कौशल चौबे पर करीब हत्या, हत्या का प्रयास जैसे 10 मुकदमे दर्ज हैं.

2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर की रेलवे स्टेशन में हुई हत्या के मामले में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर लाई थी, जिसके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया और अब उत्तराखंड पुलिस उसे लेकर वापस रवाना हो गई है.
-हरिवंश सिंह, अधिवक्ता, सिविल कोर्ट

बलिया: वर्ष 2002 से 2005 के बीच बलिया में आतंक का पर्याय बने कौशल चौबे को 17 साल बाद 31 मई 2019 को उत्तराखंड में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. जिले में हुए चर्चित डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर और चार लोगों के हत्याकांड में इसका और इसके गैंग का नाम सामने आया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 रुपये का इनाम घोषित किया, जिसके बाद यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए, जिसके बाद 31 मई 2019 को इसे गिरफ्तार कर लिया गया.

2 लाख के इनामी को उत्तराखंड पुलिस ने कोर्ट में किया पेश.

शुक्रवार को बलिया के फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय में उत्तराखंड पुलिस ने दो लाख के इनामी कौशल चौबे को पेश किया. न्यायालय ने कौशल चौबे के खिलाफ वारंट जारी कर दिया और पांच दिन बाद अगली पेशी की तारीख दी है.

जानें कौशल चौबे का आपराधिक इतिहास

  • बलिया में ठेकेदारी को लेकर 2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील चंद्र राय की रेलवे स्टेशन परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
  • इस मामले में जीआरपी की जवाबी फायरिंग में एक कॉन्स्टेबल रामाशंकर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.
  • वहीं दो कांस्टेबल गोली लगने से घायल हुए थे.
  • इस मामले में तत्कालीन जीआरपी थानाध्यक्ष ने कौशल चौबे और अन्य तीन लोगों पर हत्या और जान से मारने का प्रयास सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
  • वर्ष 2004 में बलिया के पीडब्ल्यूडी ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया के दौरान मारपीट और फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी.
  • इसमें भी कौशल चौबे गैंग का नाम सामने आया था.
  • इस घटना के बाद कौशल चौबे और उसके गैंग के सदस्य फरार हो गए थे.
  • दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 का इनाम घोषित किया.
  • यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए.
  • 31 मई 2019 को उत्तराखंड एसटीएफ ने कौशल चौबे को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.

पढ़ें: बलिया: बाढ़ ने पुलिसकर्मियों को दी काले पानी की सजा

बलिया सत्र न्यायालय में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर लेकर आई. जहां फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय ने कौशल चौबे पर वारंट जारी करते हुए 5 दिन बाद दोबारा पेशी पर लाने का आदेश दिया. आपको बता दें कि कौशल चौबे पर करीब हत्या, हत्या का प्रयास जैसे 10 मुकदमे दर्ज हैं.

2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर की रेलवे स्टेशन में हुई हत्या के मामले में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर लाई थी, जिसके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया और अब उत्तराखंड पुलिस उसे लेकर वापस रवाना हो गई है.
-हरिवंश सिंह, अधिवक्ता, सिविल कोर्ट

Intro:वर्ष 2002 से 2005 के बीच बलिया में हुए चर्चित डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर व चौहरे हत्याकांड के आरोपी कौशल चौबे को 17 साल बाद 31 मई 2019 को उत्तराखंड में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था शुक्रवार को बलिया के फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय में उत्तराखंड पुलिस ने दो लाख के इनामी कौशल चौबे को पेश किया न्यायालय ने कौशल चौबे के खिलाफ वारंट जारी कर दिया और 5 दिन बाद अगली पेशी की तारीख दी है


Body:बलिया में ठेकेदारी को लेकर 2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील चंद्र राय की रेलवे स्टेशन परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी इस मामले में जीआरपी द्वारा जवाबी फायरिंग भी की गई थी जिसमें एक कॉन्स्टेबल रामाशंकर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी जबकि दो कांस्टेबल गोली लगने से घायल हुए थे

इस मामले में तत्कालीन जीआरपी थानाध्यक्ष ने कौशल चौबे और अन्य तीन लोगों पर हत्या और जान से मारने का प्रयास सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था इसी हत्याकांड के बाद से कौशल चौबे फरार हो गया था और बलिया पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी थी

वर्ष 2004 में बलिया के पीडब्ल्यूडी ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया के दौरान मारपीट और फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी इसमें भी कौशल चौबे गैंग का नाम सामने आया था इस घटना को करने के बाद भी कौशल चौबे और उसके गैंग के सदस्य फरार हो गए थे और पुलिस लगातार कुख्यात अपराधी को पकड़ने में नाकाम साबित होती रही

दिनदहाड़े हुई इस हत्याकांड को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर ₹200000 का इनाम घोषित कर दिया और यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास करने लगे लेकिन 31 मई 2019 को उत्तराखंड एसटीएफ ने कौशल चौबे को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की


Conclusion:शुक्रवार को बलिया सत्र न्यायालय में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर ले आई जहां फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय ने कौशल चौबे पर वारंट जारी करते हुए 5 दिन बाद दोबारा पेशी पर लाने का आदेश दिया इस मामले में सिविल कोर्ट के अधिवक्ता हरिवंश सिंह ने बताया कि 2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर की रेलवे स्टेशन में हुई हत्या के मामले में उत्तराखंड पुलिस कौशल चौबे को पेशी पर लाई थी जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया और अब उत्तराखंड पुलिस उन्हें लेकर वापस रवाना हो गई है 5 दिन बाद वापस बलिया आएंगे उन्होंने बताया कि कौशल चौबे पर करीब हत्या,हत्या का प्रयास जैसे 10 मुकदमे दर्ज है

बाइट---हरिवंश सिंह---अधिवक्ता

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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