बलिया: जनपद के दुर्जनपुर गांव में कोटे की दुकान के चुनाव के समय 15 अक्टूबर 2020 को दो पक्षों के बीच बवाल हुआ था. इसमें धीरेंद्र प्रताप सिंह ने जय प्रकाश पाल को गोली मारकर हत्या कर दी. वहीं इस मामले में धीरेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा था, जिसे लेकर धीरेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी ने कोर्ट में गुहार लगाई थी.
वहीं, न्यायालय के आदेश के बाद 24 अक्टूबर 2020 को ग्राम प्रधान कृष्णा यादव सहित 21 नामजद और 30 अज्ञात के खिलाफ रेवती पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
दरअसल, कोटे की दुकान के चयन के समय दो पक्षों के बीच बवाल हो गया था, जहां मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने जय प्रकाश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी और मौके से फरार हो गया था, लेकिन 18 अक्टूबर को एसटीएफ की टीम ने धीरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद धीरेंद्र प्रताप को कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार देर रात बलिया कोतवाली लाकर रखा गया था.
वहीं, पुलिस ने 19 अक्टूबर को सुबह 10 बजे धीरेंद्र प्रताप सिंह को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां न्यायालय ने धीरेंद्र प्रताप सिंह को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस दौरान पुलिस ने धीरेंद्र को 48 घंटे के लिए रिमांड पर ले लिया और उसे 22 अक्टूबर को गांव दुर्जनपुर ले जाकर डेढ़ घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद वापस से धीरेंद्र को पुलिस ने जेल में भेज दिया था.
वहीं, धीरेंद्र प्रताप के परिजन अपने पक्ष की तरफ से एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन पुलिस ने धीरेंद्र प्रताप की तरफ से एफआईआर दर्ज नहीं की. इसे लेकर धीरेंद्र की पत्नी ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी, जिस पर न्यायालय ने मुहर लगाते हुए शुक्रवार को केस दर्ज करने का आदेश दिया था.
वहीं, कोर्ट के आदेश के बाद 24 अक्टूबर, 2020 को ग्राम प्रधान कृष्णा यादव सहित 21 नामजद और 30 अज्ञात के खिलाफ रेवती पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
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