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बलिया: जिला अस्पताल में मरीजों से इमरजेंसी पर्चे के लिए अवैध वसूली

यूपी के जिला अस्पताल बलिया में आपातकाल में दिखाने के लिए बनाए जाने वाले पर्ची के नाम पर रुपये वसूलने का मामला सामने आया है. नि:शुल्क पर्ची के नाम पर रुपये लेने से अस्पताल में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में सीएमएस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी कर्मचारी को हटा दिया.

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बलिया जिला अस्पताल में इमरजेंसी पर्चे के एवज में वसूले जा रहे रुपये.
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Published : Mar 29, 2020, 9:49 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जिला अस्पताल की ओपीडी को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन इमरजेंसी सेवा को अनवरत चालू रखने के निर्देश दिए हैं. शनिवार को जिला अस्पताल में काफी संख्या में मरीज इमरजेंसी में दिखाने पहुंचे, जहां निःशुल्क बनने वाली पर्चियों के बदले रुपये लिए जा रहे थे. लोगों ने इसको लेकर विरोध किया. मामला मीडिया में आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कम्प मच गया.

जिला अस्पताल में मरीजों से इमरजेंसी पर्चे के लिए अवैध वसूली


जिला अस्पताल में पहुंचे मरीजों ने बताया कि उन्हें लाल पर्ची मिली है, जिसके एवज में उनसे 5 से 10 रुपये लिए जा रहे हैं. सावित्री देवी ने कहा कि 5 रुपये उनसे पर्ची बनाने के लिए गए है. गड़वार गांव से आए सुभाष ने कहा कि वे अपने पिता के साथ इमरजेंसी में आए हैं. यहां 5 रुपये लेकर पर्ची बनाई जा रही है, लेकिन डॉक्टर ने बताया कि पर्ची निःशुल्क बनती है.

सीएमएस ने दी सफाई
इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीपी सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से अस्पताल बंद चल रहा है, लेकिन जो भी मरीज सर्दी, जुखाम की समस्या को लेकर आ रहे हैं, उनकी सुविधा के लिए अस्थायी व्यवस्था की गई थी. लेकिन आप लोगों से जानकारी हुई कि यहां पर्ची के नाम पर रुपये लिए गए.

ये भी पढ़ें: बलिया में बच्चों ने कुछ इस तरह से लॉकडाउन तोड़ने वालों को दिया संदेश

सीएमएस ने बताया कि ये अस्पताल का डाटा मैनेजर मनोज कुमार है, जिसे तत्काल अस्पताल से हटा दिया गया है. साथ ही ये जिस संस्था से जुड़ा है, वहां पत्र लिखकर इसे हटाने की कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है.

बलिया: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जिला अस्पताल की ओपीडी को बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन इमरजेंसी सेवा को अनवरत चालू रखने के निर्देश दिए हैं. शनिवार को जिला अस्पताल में काफी संख्या में मरीज इमरजेंसी में दिखाने पहुंचे, जहां निःशुल्क बनने वाली पर्चियों के बदले रुपये लिए जा रहे थे. लोगों ने इसको लेकर विरोध किया. मामला मीडिया में आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कम्प मच गया.

जिला अस्पताल में मरीजों से इमरजेंसी पर्चे के लिए अवैध वसूली


जिला अस्पताल में पहुंचे मरीजों ने बताया कि उन्हें लाल पर्ची मिली है, जिसके एवज में उनसे 5 से 10 रुपये लिए जा रहे हैं. सावित्री देवी ने कहा कि 5 रुपये उनसे पर्ची बनाने के लिए गए है. गड़वार गांव से आए सुभाष ने कहा कि वे अपने पिता के साथ इमरजेंसी में आए हैं. यहां 5 रुपये लेकर पर्ची बनाई जा रही है, लेकिन डॉक्टर ने बताया कि पर्ची निःशुल्क बनती है.

सीएमएस ने दी सफाई
इस मामले में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीपी सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि लॉकडाउन की वजह से अस्पताल बंद चल रहा है, लेकिन जो भी मरीज सर्दी, जुखाम की समस्या को लेकर आ रहे हैं, उनकी सुविधा के लिए अस्थायी व्यवस्था की गई थी. लेकिन आप लोगों से जानकारी हुई कि यहां पर्ची के नाम पर रुपये लिए गए.

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सीएमएस ने बताया कि ये अस्पताल का डाटा मैनेजर मनोज कुमार है, जिसे तत्काल अस्पताल से हटा दिया गया है. साथ ही ये जिस संस्था से जुड़ा है, वहां पत्र लिखकर इसे हटाने की कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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