बलिया: जिले के मुरली मनोहर टाउन डिग्री कॉलेज के मनोरंजन हॉल में 1971 के 16 दिसंबर को याद कर सैनिकों ने जीत की खुशी मनाई. आज ही के दिन 48 साल पहले भारत ने पाकिस्तान को युद्ध में धूल चटाई थी. इस मौके पर पूर्व सैनिकों ने नागरिकता संशोधन कानून को देशहित में बताया है. उनका कहना है कि जो भी लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वह इस बिल के बारे में जानते ही नहीं हैं.
बलिया में विजय दिवस के अवसर पर अपर जिलाधिकारी बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. पूर्व सैनिकों का यह कार्यक्रम पूर्व सैनिक कल्याण समिति की ओर से आयोजित किया गया. इसमें जिले के विभिन्न इलाकों में रहकर समाज की सेवा करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया.
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इस मौके पर पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष अखिलेश्वर सिंह ने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटा कर विजय हासिल की थी और बांग्लादेश को आजाद कराया था. इसी मौके को हम लोग प्रत्येक वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाते हैं और अपने पूर्व सैनिकों का सम्मान करते हैं.
देशहित में है CAA
संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद देश के पूर्वोत्तर इलाकों में लगातार इसका विरोध किया जा रहा है. यूपी के भी कई हिस्सों में लोग इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं बलिया में विजय दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिकों ने इस बिल को देशहित में बताया. पूर्व सैनिकों ने कहा कि जो लोग इस नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं, वह नासमझ लोग हैं. उन्हें इस बिल की वास्तविकता की जानकारी ही नहीं है.
क्यों हुआ था 1971 का युद्ध
साल 1971 में पाकिस्तान ने भारतीय सेना के 11 एयरफील्ड पर हमला किया था. इसके बाद यह युद्ध शुरू हुआ. इस युद्ध में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया और मात्र 13 दिनों में ही भारतीय सेना ने पाकिस्तानी फौज को मुंहतोड़ जवाब दिया. इस युद्ध के बाद ही पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान अलग हुआ, जो अब बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है. भारतीय सेना की इस जीत को हर वर्ष सेना के जवान विजय दिवस के रूप में मनाते हैं.