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बलिया: बाहर से आए मजदूरों को प्रशासन ने कराया भोजन, जांच के बाद भेजा घर

देश भर में लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी दिल्ली से कई लोग बलिया पहुंचे. यहां इन लोगों की जांच की गई. साथ ही उन्हें भोजन कराकर उनके गांव भेजा गया. जिलाधिकारी ने बताया कि सभी लोगों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. साथ ही ग्राम प्रधान और आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की देख-रेख में इन्हें रखा जाएगा.

मजदूरों को कराया गया भोजन.
मजदूरों को कराया गया भोजन.
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Published : Mar 29, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: लॉकडाउन की वजह से बाहर से आए मजदूरों को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ दुबे ने भोजन कराया. इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ और संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन ने बाकायदा सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए पहले सबकी जांच कराई. इसके बाद उनको एक-एक कर बस में बैठाया और घर भेजा. सभी व्यक्तियों को खाने-पीने का लंच पैकेट भी वितरित किया गया.

मास्क, दस्ताना व घर पर चिपकाने के लिए दी गई क्वारंटाइन स्लिप
रोडवेज पर आए सभी व्यक्तियों को यह बताया गया कि कोरोना के सम्बंध में दी गई स्लीप घर के दरवाजे पर ही चिपकाएं. साथ ही घर के व्यक्तियों को भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतने को कहें. सावधानी ही बचाव है और बचाव ही एकमात्र इलाज है.

जिलाधिकारी ने बताया कि रोडवेज बस से जा रहे हर व्यक्ति को घर पर ही रहने का निर्देश दिया गया है. उस व्यक्ति की देख-रेख ग्राम पंचायत के आशा, आगनवाड़ी और ग्राम प्रधान के माध्यम से किया जाएगा. ग्राम पंचायत में बने प्राइमरी स्कूलों में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी और खाना पकाने वाली महिलाओं की व्यवस्था की जाए. सभी रोडवेज बस के ड्राइवर व कंडक्टर को भी मास्क, दस्ताना व कैप का वितरण किया गया. जनपद से दस रोडवेज बस चलाई गईं.

जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल यह सेवा 24 घण्टे उपलब्ध रहेगी, ताकि किसी को कोई प्रकार परेशानी न हो. जिलाधिकारी ने सभी लोगों को यह बताया कि करोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है. बचाव ही इसका सर्वोत्तम इलाज है. इसलिए सभी लोग घर में ही रहें.

इसे भी पढ़ें- बरेली में मिला पहला कोरोना पॉजिटिव केस, इलाज शुरू

बलिया: लॉकडाउन की वजह से बाहर से आए मजदूरों को जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही और पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ दुबे ने भोजन कराया. इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र नाथ और संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन ने बाकायदा सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए पहले सबकी जांच कराई. इसके बाद उनको एक-एक कर बस में बैठाया और घर भेजा. सभी व्यक्तियों को खाने-पीने का लंच पैकेट भी वितरित किया गया.

मास्क, दस्ताना व घर पर चिपकाने के लिए दी गई क्वारंटाइन स्लिप
रोडवेज पर आए सभी व्यक्तियों को यह बताया गया कि कोरोना के सम्बंध में दी गई स्लीप घर के दरवाजे पर ही चिपकाएं. साथ ही घर के व्यक्तियों को भी कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतने को कहें. सावधानी ही बचाव है और बचाव ही एकमात्र इलाज है.

जिलाधिकारी ने बताया कि रोडवेज बस से जा रहे हर व्यक्ति को घर पर ही रहने का निर्देश दिया गया है. उस व्यक्ति की देख-रेख ग्राम पंचायत के आशा, आगनवाड़ी और ग्राम प्रधान के माध्यम से किया जाएगा. ग्राम पंचायत में बने प्राइमरी स्कूलों में ठहरने की व्यवस्था की जाएगी और खाना पकाने वाली महिलाओं की व्यवस्था की जाए. सभी रोडवेज बस के ड्राइवर व कंडक्टर को भी मास्क, दस्ताना व कैप का वितरण किया गया. जनपद से दस रोडवेज बस चलाई गईं.

जिलाधिकारी ने बताया कि फिलहाल यह सेवा 24 घण्टे उपलब्ध रहेगी, ताकि किसी को कोई प्रकार परेशानी न हो. जिलाधिकारी ने सभी लोगों को यह बताया कि करोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं है. बचाव ही इसका सर्वोत्तम इलाज है. इसलिए सभी लोग घर में ही रहें.

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Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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