बलिया: जिले में विकासखंड पंद्रह के अंतर्गत ग्राम सभा सहुलाई के ग्रामीणों ने ग्राम सभा के कार्यों में हो रही अनियमितता को लेकर जांच की मांग की थी. इसके बाद बलिया के जिला लेखा अधिकारी अमित राय को जांच अधिकारी बनाया गया था. गांव में पहुंचे जांच अधिकारी खानापूर्ति करते हुए नजर आए. यहां तक कि उन्होंने मीडिया के सामने कुछ कहने से मना कर दिया.
यह है पूरा मामला
बलिया जनपद के विकास पन्द्रह के ग्राम सभा सहुलाई के ग्रामीणों ने विकास कार्यों में हुई अनियमितता की जांच कराने के लिए जिलाधिकारी को शपथ पत्र सौंपा था. इस पर जिलाधिकारी ने एक जांच टीम गठित कर दी थी. इसका जांच अधिकारी जिला लेखा अधिकारी अमित राय को बनाया गया था. अब जांच अधिकारी ही सवालों के घेरे में आ गए हैं. अधिकारी अमित राय जांच के लिए मौके पर तो पहुंचे, लेकिन उनकी जांच बस एक टेबल और कुर्सी तक ही सीमित रह गई. उन्होंने न तो मौके पर पहुंच कर विकास कार्यों का जायजा लिया और न ही ग्रामीणों से विकास को लेकर कोई चर्चा की. उन्होंने मीडियो को भी कवरेज करने से रोक दिया. गांव वालों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने कहा कि आप लोग मीडिया से इस मामले की जांच करवा लें.
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नहीं हुआ विकास
बलिया जनपद के विकास पन्द्रह के ग्राम सभा सहुलाई के मुन्ना तिवारी और चंद्रमा चौहान ने जिलाधिकारी बलिया को शपथ पत्र के माध्यम से बताया था कि गांव में विकास कार्य के नाम पर 77 लाख रुपये का गबन किया गया है. इसमें ग्राम प्रधान ने नाली निर्माण, खरंजा, विद्यालय में बेंच लगवाने के नाम पर 77 लाख रुपये ले लिए हैं. हकीकत में इनमें से कोई काम नहीं हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि जांच अधिकारी अमित राय जांच के दौरान बस एक विद्यालय में बैठे रहे.
मीडियो को कवरेज करने से रोका
संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उन लोगों ने ग्राम सभा सहुलाई में 2019 से हुई अनियमितताओं की जांच कराने के लिए कई बार प्रयास किया है. इसके बाद जांच के लिए टीम गठित की गई है. जांच अधिकारी अमित राय जांच को निपटाते हुए नजर आ रहे हैं. वे विद्यालय से जांच करने गांव तक नहीं पहुंचे. गांव निवासी मदन तिवारी ने बताया कि यहां जांच टीम तो आई लेकिन जांच अधिकारी विद्यालय में ही बैठे रहे. मीडिया कर्मियों को कवरेज करने तक के रोक दिया गया.