बलिया: जनपद के रसड़ा चीनी मिल को दोबारा चालू करने के लिए भाजपा नेता राजेश सिंह कुशवाहा ने मांग की है. राजेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि इस चीनी मिल का निर्माण इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा वर्ष 1974 में कराया गया था. इसके बाद वर्ष 1975 में पेराई शुरू हो गई थी. इस मिल से जनपद के किसानों एवं हजारों वर्करों की जीविका चलती थी, लेकिन सपा और बसपा की सरकार में इस चीनी मिल को बेच खाने का सिलसिला शुरू हो गया.
पूर्व की सरकारों में चीनी मिल का जमकर हुआ दोहन
भाजपा नेता ने सपा और बसपा सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि पूर्व में इन सरकारों में प्रबंधक एवं स्थानीय कर्मचारी व लीडरों द्वारा चीनी मिल का जमकर धन दोहन किया गया, जिससे किसी तरह से यह चीनी मिल 2013 तक चलती रहीं. वहीं विभागीय लापरवाही एवं सरकार की उदासीनता के कारण यह मिल 2013 से बंद पड़ी हुई है. भाजपा नेता राजेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि चीनी मिल के पास अधिकारी आवास के अतिरिक्त 81 एकड़ का फार्म हाउस भी गन्ना लगाने के लिए है, लेकिन आज सब विराना पड़ा हुआ है. जहां कभी जनपद के समस्त किसानों और मजदूरों के साथ कई लोगों की रोजी-रोटी चलती थी. भाजपा नेता राजेश सिंह कुशवाहा ने बताया कि आज यह मिल बंद हो जाने के कारण यहां के किसान एवं मिल वर्करों की दशा दयनीय हो गई है. आज यहां के किसानों और मजदूरों को दो वक्त की रोटी नहीं मिल पाती.
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रदेश में जब भाजपा की सरकार बनी, तो यहां के किसानों और मजदूरों में एक आशा की किरण जगी कि अब हम लोगों के दुख के दिन दूर हो गए हैं. वहीं तीन साल गुजरने के बाद भी चीनी मिल चालू नहीं हो सकी. मिल के दोबारा संचालन न होने से यहां के किसान अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं.
पूर्व में बसपा एवं सपा की सरकार द्वारा इस मिल को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया गया, जिससे यह मिल आज इस स्थिति में है. यथाशीघ्र मैं यह चीनी मिल चालू करने का प्रयास करूंगा. यदि सरकार इसे नहीं चालू करा पाती, तो हम सरकार से निवेदन करेंगे कि प्राइवेट फंड में ही देकर इस मिल को चालू कराया जाए.
-राजेश सिंह कुशवाहा, वरिष्ठ नेता, बीजेपी