बलिया: जिले के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 27 गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को उपाधि दी. इस दौरान गोल्ड मेडल पाकर छात्राओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. राज्यपाल महोदया ने अपने संबोधन में शिक्षक के रूप में छात्र-छात्राओं को जीवन के नैतिक मूल्यों के बारे में बताया.
जननायक चंद्रशेखर विवि. के दीक्षांत समारोह का आयोजन
- जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में निर्मित बहुउद्देशीय सभागार में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया.
- दीक्षांत समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
- राज्यपाल पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर उन्हें नमन किया.
- विश्वविद्यालय के कुलपति ने विश्वविद्यालय के इतिहास को मंच से लोगों के साथ साझा किया.
- इसके बाद स्नाकोत्तर में विषय वार सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और उपाधि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा दिया गया.
- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पहले दीक्षांत समारोह में 27 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और उपाधि दी, जिनमें से 24 छात्राएं और 3 छात्र थे.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में छात्रों को जीवन में राग द्वेष ईर्ष्या घृणा और क्रोध का त्याग करने की बात कही. उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि कोई गलती करता है तो उसे माफ करने वाला व्यक्ति ही श्रेष्ठ माना जाता है. इसलिए यदि कोई आपका सहपाठी या कोई अन्य व्यक्ति गलती करता है, तो उसे क्षमा करने की आदत अपने जीवन में उतारे.
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अन्न-जल बचाने का दिलाया संकल्प
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल संरक्षण और अन्न बचाने की मुहिम और आगे बढ़ाते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आपने स्नातक, स्नाकोत्तर, बीएड और पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली है, लेकिन अन्न और जल बचाने की डिग्री प्राप्त करना शेष है. असली डिग्री यह है कि आज से आप सभी लोग संकल्प लें कि अपने घर और परिवार में जाकर सभी को इस बात के लिए आश्वस्त करेंगे, कि हम लोग पानी बर्बाद नहीं करेंगे,अन्न खराब नहीं करेंगे,बीमार नही होंगे,फिट रहेंगे.
छात्राओं ने जमकर ली सेल्फी
अब तक दूसरे विश्वविद्यालयों की तस्वीरें टेलीविजन और न्यूज पेपर में देखने वाली बलिया की छात्राएं खुद के दीक्षांत समारोह की खुशियां कैमरे में कैद करती दिखीं. 27 में से 24 छात्राओं ने गोल्ड मेडल पाकर एक अलग कीर्तिमान स्थापित किया, जिसके बाद इनकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.