ETV Bharat / state

लोकसभा चुनाव: जानिए ! कैसा रहा अब तक बहराइच जिले का सियासी समर - बहराइच न्यूज

बहराइच में लोकसभा का चुनाव का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां से कई नामी हस्तियां चुनाव जीतकर संसद पहुंची हैं लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिले के विकास की दशा में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला है.

जिले में लोकसभा का चुनाव का बीता सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है.
author img

By

Published : Apr 7, 2019, 6:29 AM IST

बहराइच: जिले में लोकसभा चुनाव का बीता सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा तो कभी भाजपा को यहां के मतदाताओं ने सीने से लगाया है. इस उम्मीद के साथ कि जिले का विकास होगा. लेकिन आज तक जिले को विकास की दरकार है.

जिले में लोकसभा का चुनाव का बीता सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है.

जिले के लोकसभा चुनाव में कई नामी हस्तियों नें चुनाव जीत कर लोकसभा की दहलीज़ को पार किया है. लेकिन जिले के विकास की दशा अभी भी किसी से छिपी नहीं है. जहां आजादी के 70 साल बाद भी जिले के लोग छोटी लाइन के सहारे सफर करने को मजबूर हैं. रोजगार और शैक्षिक सुविधाओं के अभाव के कारण जिलावासी गैर जिलों में पलायन करने को विवश हैं. जिले के संसदीय चुनाव में आजादी के बाद से कांग्रेस का खासा दबदबा रहा है, हालांकि भाजपा ने यहां 4 बार जीत दर्ज की है.

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा से अक्षयवर लाल गौड़, सपा बसपा गठबंधन से शबीर वाल्मीकि और कांग्रेस से साध्वी सावित्री बाई फूले किस्मत आजमा रही हैं. सभी प्रत्याशी विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी जहां मोदी सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर वाल्मीकि विकास के मुद्दे पर किस्मत आजमा रहे हैं. जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के टिकट से जीतकर संसद पहुंचने वाली साध्वी सावित्री बाई फूले इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.

बहराइच: जिले में लोकसभा चुनाव का बीता सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. यहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा तो कभी भाजपा को यहां के मतदाताओं ने सीने से लगाया है. इस उम्मीद के साथ कि जिले का विकास होगा. लेकिन आज तक जिले को विकास की दरकार है.

जिले में लोकसभा का चुनाव का बीता सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है.

जिले के लोकसभा चुनाव में कई नामी हस्तियों नें चुनाव जीत कर लोकसभा की दहलीज़ को पार किया है. लेकिन जिले के विकास की दशा अभी भी किसी से छिपी नहीं है. जहां आजादी के 70 साल बाद भी जिले के लोग छोटी लाइन के सहारे सफर करने को मजबूर हैं. रोजगार और शैक्षिक सुविधाओं के अभाव के कारण जिलावासी गैर जिलों में पलायन करने को विवश हैं. जिले के संसदीय चुनाव में आजादी के बाद से कांग्रेस का खासा दबदबा रहा है, हालांकि भाजपा ने यहां 4 बार जीत दर्ज की है.

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा से अक्षयवर लाल गौड़, सपा बसपा गठबंधन से शबीर वाल्मीकि और कांग्रेस से साध्वी सावित्री बाई फूले किस्मत आजमा रही हैं. सभी प्रत्याशी विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. भाजपा प्रत्याशी जहां मोदी सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर वाल्मीकि विकास के मुद्दे पर किस्मत आजमा रहे हैं. जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के टिकट से जीतकर संसद पहुंचने वाली साध्वी सावित्री बाई फूले इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं.

Intro:एंकर:- बहराइच लोकसभा चुनाव का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है . यहां कभी कांग्रेस का दबदबा रहा , कभी भाजपा का , तो कभी समाजवादी पार्टी और बसपा का कभी जनता दल और कभी जनता पार्टी का . यहां के मतदाताओं ने सभी को तो सीने से लगाया . इस उम्मीद से कि जिले का विकास होगा . लेकिन आज तक बहराइच विकास की दृश्य देश के आखिरी पायदान पर खड़ा है . बहराइच लोकसभा चुनाव में कांग्रेसका खासा दबदबा रहा है हालांकि भाजपा ने भी चार बार चुनाव में जीत दर्ज कराई है एक एक बार बहराइच संसदीय सीट से जीत दर्ज कराने वालों में सपा बसपा जनता दल दिशा मिल रही है .


Body:वीओ:-1- बहराइच लोकसभा चुनाव का सफर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है कभी यहां नामी गिरामी हस्तियों नें चुनाव जीत कर लोकसभा की दहलीज़ को पार किया है . तो कभी शख्सियत ने किस्मत आजमाई है बहराइच संसदीय क्षेत्र की जनता ने सभी को बराबर तवज्जो दी है चाहे राजस्थान के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय योगेंद्र सिंह रहे हो चाहे साधारण सिपाही कमल किशोर कमांडो या फिर केंद्रीय राजनीति पर जबरदस्त शेप रखने वाले रफी अहमद किदवई हो या आरिफ मोहम्मद खान या के कन्हैया सभी ने बहराइच लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व किया है . लेकिन बहराइच के विकास की दशा अभी भी किसी से छिपी नहीं है यहां रेलवे लाइन जैसी बुनियादी सुविधाओं का टोटा है आजादी के 70 साल बाद भी जिले के लोग छोटी लाइन के सहारे सफर करने को मजबूर हैं रोजगार और शैक्षिक सुविधाओं के अभाव के कारण जनपद वासी गैर जनपदों में पलायन करने को विवश है बहराइच संसदीय चुनाव में आजादी के बाद से कांग्रेस का खासा दबा रहा है हालांकि भाजपा ने यहां 4 बार जीत दर्ज कराई है 2019 के संसदीय चुनाव में भाजपा से अक्षयवर लाल गौड़ सपा बसपा गठबंधन से शबीर भागने की और कांग्रेस से साध्वी सावित्री बाई फूले किस्मत आजमा रही हैं सभी प्रत्याशी विकास के मुद्दे पर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं भाजपा प्रत्याशी जहां मोदी सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं वहीं सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी शब्बीर बाल्मीकि विकास के मुद्दे पर किस्मत आजमा रहे हैं जबकि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा के टिकट से जीतकर संसद पहुंचने वाली साध्वी सावित्री बाई फूले इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं वह अपने कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों और विकास के वादों के बल पर चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में है .
बाइट:-1-अक्षयवर लाल गौड भाजपा 2-साध्वी सावित्री बाई फुले कांग्रेस 3-शब्बीर अहमद बाल्मीकि सपा-बसपा गठबंधन


Conclusion:सैयद मसूद कादरी
94 15 15 1963
बहराइच
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.