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प्रदेश के बटाईदार किसानों को भी मिलेगा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना योजना का लाभ

प्रदेश में अब किसानों के साथ बटाईदारों को भी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ मिलेगा. खेती-किसानी में लगे किसान की मौत हो जाने पर उनके परिजनों को पांच लाख रुपये आर्थिक मदद मिलेगी. इसके अलावा किसान के विकलांग होने पर भी योजना के तहत पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी.

लखनऊ में बैठक.
लखनऊ में बैठक.
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Published : Nov 7, 2020, 10:37 AM IST

Updated : Nov 7, 2020, 12:45 PM IST

बहराइचः योगी सरकार अब प्रदेश में बंटाई पर खेती कर रहे किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ देगी. खेती-किसानी के दौरान दुर्घटना के शिकार होने वाले किसानों और उनके परिजनों को योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत मृतक किसान के आश्रित को 5 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी, वहीं विकलांग होने पर भी आर्थिक मदद दी जाएगी. किसान हर सीजन में खेत में फसल की बुआई, सिंचाई, निराई आदि में लगा रहता है. खेती का काम करते समय किसान की विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु भी हो जाती है तो ऐसी दशा में उसका परिवार आर्थिक परेशानी में आ जाता है. ऐसे पीड़ित परिवारों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 लाख रुपये देने की योजना लागू की है.

उन्नाव के किसानों ने जताई खुशी
प्रदेश सरकार द्वारा बटाईदार किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना लाभ देने के फैसले का उन्नाव के किसानों ने स्वागत किया है. उन्नाव जिले में अधिकारियों ने बैठक कर मुख्यमंत्री की योजना को मूर्त रूप देने के लिए रणनीति बनाई है. जिले के बटाईदार किसानों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से हमारे परिवार का भविष्य सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि दैवीय घटना के बाद किसान परिवार के पास कोई खास आमदनी का जरिया नहीं होता है, इसलिए सरकार की योजना हमारे बहुत लाभदायक होगा.

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मूल निवासी किसान जिनकी आय का मुख्य साधन कृषि है और आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए. यदि किसी किसान के पास अपनी भूमि नहीं है और वह बटाई पर दूसरे की भूमि पर खेती करता है और किसी दुर्घटना के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है, तो वह भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे. किसी किसान, बटाईदार की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारियों को मुआवजा की धनराशि बैंक खातों में भेजी जाती है.

इस तरह मिलेगा मुआवजा
किसानों द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों या आवागमन के समय विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो सकती हैं. दुर्घटनाओं के कारण दोनों हाथ पैर कटने, दोनों आंखें चली जाने, मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, एक हाथ-एक पैर न होने से विकलांग होने पर 2 से 3 लाख रुपये, 25 प्रतिशत से अधिक 50 प्रति तक के विकलांगता पर 1 से 2 लाख रुपये मुआवजा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है.

45 दिन में जमा करना होगा आवेदन पत्र
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजनान्तर्गत लाभ लेने के लिए मृतक खातेदार सह खातेदार कृषक के परिजनों द्वारा आवेदन पत्र 45 दिन के अंदर सम्बंधित जिले एवं तहसील में जमा करना होगा. इसके निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता की फोटो कापी खाता नम्बर, आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज के फोटो, मोबाइल नम्बर, खतौनी जैसे दस्तावेज संलग्न करना जरूरी है. यदि आवेदन करने में 45 दिन का समय निकल जाता है तो सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी एक माह का समय दे सकते हैं. किसानों की हितैषी व कल्याणकारी तथा आर्थिक सम्बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की इस योजना से कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। और सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं.

बहराइचः योगी सरकार अब प्रदेश में बंटाई पर खेती कर रहे किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ देगी. खेती-किसानी के दौरान दुर्घटना के शिकार होने वाले किसानों और उनके परिजनों को योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत मृतक किसान के आश्रित को 5 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी, वहीं विकलांग होने पर भी आर्थिक मदद दी जाएगी. किसान हर सीजन में खेत में फसल की बुआई, सिंचाई, निराई आदि में लगा रहता है. खेती का काम करते समय किसान की विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु भी हो जाती है तो ऐसी दशा में उसका परिवार आर्थिक परेशानी में आ जाता है. ऐसे पीड़ित परिवारों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 5 लाख रुपये देने की योजना लागू की है.

उन्नाव के किसानों ने जताई खुशी
प्रदेश सरकार द्वारा बटाईदार किसानों को भी मुख्यमंत्री कृषक कल्याण योजना लाभ देने के फैसले का उन्नाव के किसानों ने स्वागत किया है. उन्नाव जिले में अधिकारियों ने बैठक कर मुख्यमंत्री की योजना को मूर्त रूप देने के लिए रणनीति बनाई है. जिले के बटाईदार किसानों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से हमारे परिवार का भविष्य सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि दैवीय घटना के बाद किसान परिवार के पास कोई खास आमदनी का जरिया नहीं होता है, इसलिए सरकार की योजना हमारे बहुत लाभदायक होगा.

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश के मूल निवासी किसान जिनकी आय का मुख्य साधन कृषि है और आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए. यदि किसी किसान के पास अपनी भूमि नहीं है और वह बटाई पर दूसरे की भूमि पर खेती करता है और किसी दुर्घटना के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है, तो वह भी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे. किसी किसान, बटाईदार की मृत्यु होने पर उनके उत्तराधिकारियों को मुआवजा की धनराशि बैंक खातों में भेजी जाती है.

इस तरह मिलेगा मुआवजा
किसानों द्वारा किये जा रहे कृषि कार्यों या आवागमन के समय विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाएं हो सकती हैं. दुर्घटनाओं के कारण दोनों हाथ पैर कटने, दोनों आंखें चली जाने, मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, एक हाथ-एक पैर न होने से विकलांग होने पर 2 से 3 लाख रुपये, 25 प्रतिशत से अधिक 50 प्रति तक के विकलांगता पर 1 से 2 लाख रुपये मुआवजा सीधे लाभार्थी के खाते में भेजा जाता है.

45 दिन में जमा करना होगा आवेदन पत्र
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजनान्तर्गत लाभ लेने के लिए मृतक खातेदार सह खातेदार कृषक के परिजनों द्वारा आवेदन पत्र 45 दिन के अंदर सम्बंधित जिले एवं तहसील में जमा करना होगा. इसके निवास प्रमाण पत्र, बैंक खाता की फोटो कापी खाता नम्बर, आधार कार्ड, आयु प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज के फोटो, मोबाइल नम्बर, खतौनी जैसे दस्तावेज संलग्न करना जरूरी है. यदि आवेदन करने में 45 दिन का समय निकल जाता है तो सम्बंधित जिले के जिलाधिकारी एक माह का समय दे सकते हैं. किसानों की हितैषी व कल्याणकारी तथा आर्थिक सम्बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की इस योजना से कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। और सरकार की प्रशंसा कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 7, 2020, 12:45 PM IST
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