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लखनऊ में कबाड़ से कमाई; प्लास्टिक से बनाया सजावटी सामान, 1500 रुपये में तोरण, 1000 में हैंगिंग लैंप - PLASTIC POLYTHENE FOR HOME DECOR

लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाली मधु लाठ वेस्ट मटेरियल से घर के सजावटी सामान बनाकर समाज को जागरूक कर रही हैं.

वेस्ट मटेरियल से तैयार किया गया सजावटी सामान.
वेस्ट मटेरियल से तैयार किया गया सजावटी सामान. (वेस्ट मटेरियल से तैयार किया गया सजावटी सामान.)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 12, 2025, 5:54 PM IST

लखनऊ: सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए कई कानून और नीतियां बनाई हैं, लेकिन बाजार और घरों में अब भी पॉलीथिन और प्लास्टिक का बेहिसाब इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि, लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाली मधु लाठ इस समस्या से लड़ने के लिए अपने स्तर पर अनोखा काम कर रही हैं.

मधु पिछले तीन साल से अपने मोहल्ले के 15 घरों से इस्तेमाल की हुई पॉलीथिन इकट्ठा कर रही हैं. इससे वह घर सजाने के सामान बनाती हैं. मधु अब तक 40 से अधिक सजावटी सामान तैयार कर चुकी हैं, जिनकी कीमत 30 से लेकर 1500 रुपये तक है.

मधु लाठ और उनका परिवार लोगों को जागरूक कर रहा है. (Photo Credit ; ETV Bharat)

कोरोना के बाद मिला पर्यावरण बचाने का संकल्प: मधु लाठ ने बताया, कोरोना के समय मैं बीमार हुई, तब एहसास हुआ कि समाज के लिए कुछ नहीं किया. ठीक होने के बाद मैंने पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया. प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करना मुश्किल है, लेकिन इसे रीसायकल करके हम नए उपयोग में ला सकते हैं.

मधु ने कहा, शुरुआत में जब मोहल्ले के लोगों से पॉलीथिन मांगी, तो लोग कतराते थे. जब उन्हें इस पहल का महत्व समझ में आया, तो अब वे खुद पॉलीथिन जमा करके देने लगे हैं. वह इनसे हैंगिंग लैंप, एनवेलप, लड़ी, तोरण और नाइट लैंप जैसी चीजें बना रही हैं, ताकि बेकार पड़ी पॉलीथिन को नए उपयोग में लाया जा सके.

कबाड़ से कमाई
एनवेलप 100 रुपये
बोतल लैंप 250 रुपये
ट्रे 800 रुपये
हैंगिंग लैंप 1000 रुपये
तोरण 700 से 1500 रुपये
भगवान के पोशाक 250 रुपये
नाइट लैंप 50 रुपये
प्लांटर 500 रुपये

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने की सराहना: राजभवन में आयोजित फ्लावर शो में मधु लाठ ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी. उन्होंने वहां 40 आइटम पेश किए, जिनकी सराहना उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी की. मधु लाठ ने बताया, गवर्नर आनंदीबेन पटेल खुद हमारे स्टॉल पर आईं और 10 मिनट तक बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण काम कर रही हूं और इस पहल को सरकार के साथ मिलकर आगे बढ़ाने पर बात की.

राज्यपाल आनंदी बेन ने मधु लाठ की तारीफ की.
राज्यपाल आनंदी बेन ने मधु लाठ की तारीफ की. (Photo Credit ; ETV Bharat)

नगर निगम के साथ मिलकर बढ़ाएंगी पहल: मधु लाठ का अगला लक्ष्य लखनऊ नगर निगम के साथ मिलकर "तीन आर" (रीयूज, रीसायकल, रिड्यूस) मॉडल पर काम करने का है. उन्होंने कहा, नगर निगम सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. हम कई इलाकों में वर्कशॉप आयोजित करेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें और अगर करें, तो उसे रीसायकल करें. इससे न केवल पर्यावरण बचेगा, बल्कि लोग इसे व्यवसाय के रूप में भी अपना सकते हैं.

अपने हाथ से तोरण बनातीं मधु लाठ.
अपने हाथ से तोरण बनातीं मधु लाठ. (Photo Credit ; ETV Bharat)

बच्चों को सिखाएंगी प्लास्टिक रीसायकल करना: मधु लाठ के पति जीके लाठ भी इस पहल में उनका साथ दे रहे हैं. वह स्कूलों में बच्चों के लिए वर्कशॉप करने की प्लानिंग बना रहे हैं, ताकि वे अपने घरों में माता-पिता को भी जागरूक कर सकें.

जीके लाठ ने कहा, बच्चे अगर समझ जाएंगे कि पॉलीथिन को कैसे रीसायकल किया जाता है, तो वे अपने परिवारों को भी सिखाएंगे. इस तरह हर घर में यह संदेश पहुंचेगा कि प्लास्टिक को सही तरीके से कैसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

भगवान के पोशाक भी बना रहीं रीसायकल प्लास्टिक से: मधु लाठ ने भगवान की पोशाकें भी रीसायकल प्लास्टिक से तैयार की हैं. उन्होंने बताया कि हर साल नई पोशाक बनाकर हम उन्हें नदी में विसर्जित कर देते हैं, जिससे पानी दूषित होता है. लेकिन अब उन्होंने पुनः इस्तेमाल करने योग्य पोशाकें बनाई हैं, ताकि नदी को गंदा होने से बचाया जा सके.

यह भी पढ़ें : Bhopal Unique library: कबाड़ से बनी एक अनोखी लाइब्रेरी, नाम रखा किताबी मस्ती, बच्चे करते हैं देखरेख - Children take care of Bhopal Library

यह भी पढ़ें : कबाड़ से बना दी अनोखी इलेक्ट्रिक बाइक, 9 रुपये के खर्च पर 50 किमी तक चलेगी, पढ़िए डिटेल - PETROL BIKE CONVERTED EV

लखनऊ: सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए कई कानून और नीतियां बनाई हैं, लेकिन बाजार और घरों में अब भी पॉलीथिन और प्लास्टिक का बेहिसाब इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि, लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाली मधु लाठ इस समस्या से लड़ने के लिए अपने स्तर पर अनोखा काम कर रही हैं.

मधु पिछले तीन साल से अपने मोहल्ले के 15 घरों से इस्तेमाल की हुई पॉलीथिन इकट्ठा कर रही हैं. इससे वह घर सजाने के सामान बनाती हैं. मधु अब तक 40 से अधिक सजावटी सामान तैयार कर चुकी हैं, जिनकी कीमत 30 से लेकर 1500 रुपये तक है.

मधु लाठ और उनका परिवार लोगों को जागरूक कर रहा है. (Photo Credit ; ETV Bharat)

कोरोना के बाद मिला पर्यावरण बचाने का संकल्प: मधु लाठ ने बताया, कोरोना के समय मैं बीमार हुई, तब एहसास हुआ कि समाज के लिए कुछ नहीं किया. ठीक होने के बाद मैंने पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया. प्लास्टिक को पूरी तरह खत्म करना मुश्किल है, लेकिन इसे रीसायकल करके हम नए उपयोग में ला सकते हैं.

मधु ने कहा, शुरुआत में जब मोहल्ले के लोगों से पॉलीथिन मांगी, तो लोग कतराते थे. जब उन्हें इस पहल का महत्व समझ में आया, तो अब वे खुद पॉलीथिन जमा करके देने लगे हैं. वह इनसे हैंगिंग लैंप, एनवेलप, लड़ी, तोरण और नाइट लैंप जैसी चीजें बना रही हैं, ताकि बेकार पड़ी पॉलीथिन को नए उपयोग में लाया जा सके.

कबाड़ से कमाई
एनवेलप 100 रुपये
बोतल लैंप 250 रुपये
ट्रे 800 रुपये
हैंगिंग लैंप 1000 रुपये
तोरण 700 से 1500 रुपये
भगवान के पोशाक 250 रुपये
नाइट लैंप 50 रुपये
प्लांटर 500 रुपये

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने की सराहना: राजभवन में आयोजित फ्लावर शो में मधु लाठ ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी. उन्होंने वहां 40 आइटम पेश किए, जिनकी सराहना उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी की. मधु लाठ ने बताया, गवर्नर आनंदीबेन पटेल खुद हमारे स्टॉल पर आईं और 10 मिनट तक बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैं पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण काम कर रही हूं और इस पहल को सरकार के साथ मिलकर आगे बढ़ाने पर बात की.

राज्यपाल आनंदी बेन ने मधु लाठ की तारीफ की.
राज्यपाल आनंदी बेन ने मधु लाठ की तारीफ की. (Photo Credit ; ETV Bharat)

नगर निगम के साथ मिलकर बढ़ाएंगी पहल: मधु लाठ का अगला लक्ष्य लखनऊ नगर निगम के साथ मिलकर "तीन आर" (रीयूज, रीसायकल, रिड्यूस) मॉडल पर काम करने का है. उन्होंने कहा, नगर निगम सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. हम कई इलाकों में वर्कशॉप आयोजित करेंगे और लोगों को जागरूक करेंगे कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें और अगर करें, तो उसे रीसायकल करें. इससे न केवल पर्यावरण बचेगा, बल्कि लोग इसे व्यवसाय के रूप में भी अपना सकते हैं.

अपने हाथ से तोरण बनातीं मधु लाठ.
अपने हाथ से तोरण बनातीं मधु लाठ. (Photo Credit ; ETV Bharat)

बच्चों को सिखाएंगी प्लास्टिक रीसायकल करना: मधु लाठ के पति जीके लाठ भी इस पहल में उनका साथ दे रहे हैं. वह स्कूलों में बच्चों के लिए वर्कशॉप करने की प्लानिंग बना रहे हैं, ताकि वे अपने घरों में माता-पिता को भी जागरूक कर सकें.

जीके लाठ ने कहा, बच्चे अगर समझ जाएंगे कि पॉलीथिन को कैसे रीसायकल किया जाता है, तो वे अपने परिवारों को भी सिखाएंगे. इस तरह हर घर में यह संदेश पहुंचेगा कि प्लास्टिक को सही तरीके से कैसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है.

भगवान के पोशाक भी बना रहीं रीसायकल प्लास्टिक से: मधु लाठ ने भगवान की पोशाकें भी रीसायकल प्लास्टिक से तैयार की हैं. उन्होंने बताया कि हर साल नई पोशाक बनाकर हम उन्हें नदी में विसर्जित कर देते हैं, जिससे पानी दूषित होता है. लेकिन अब उन्होंने पुनः इस्तेमाल करने योग्य पोशाकें बनाई हैं, ताकि नदी को गंदा होने से बचाया जा सके.

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