बहराइच: गांव की सरकार में रहते हुए सरकारी योजनाओं के धन का बंदरबांट करने वाले निवर्तमान प्रधान इस बार प्रधानी का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे घोटालेबाज निवर्तमान प्रधानों से घोटाले की रकम रिकवरी करने का निर्देश जारी किया गया है. उनके अदेयता प्रमाण पत्र जारी करने पर भी संबंधित विभागों से रोक लगा दी गई है. शासन के इस फैसले से दोबारा गांव की सत्ता पर काबिज होने की मंशा संजोने वाले निवर्तमान प्रधानों की उम्मीदों को झटका लगा है.
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पंचायती राज विभाग, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन में लाभार्थियों के हिस्से का धन हड़पने की शिकायत हुई थी. इस पर जिलास्तरीय टीम ने जांच की. जांच में लगभग 13 गांवों के निवर्तमान प्रधानों पर मुकदमा दर्ज है. इन सभी को विभागों की ओर से धन वापस करने की नोटिस जारी की गई. बावजूद इन्होंने सरकारी धन को जमा नहीं किया. अब ऐसे घोटालेबाज प्रधानों को चुनाव लड़ने से बेदखल करने की तैयारी हो रही है.
प्रधानों की सूची तैयार
ब्लॉकवार निर्वतमान प्रधानों की सूची तैयार हो रही है. यह सूची खंड विकास अधिकारी कार्यालय को मुहैया कराई जाएगी. यहां से बीडीओ अदेयता प्रमाण पत्र जारी करने वाले विभागों को भी उपलब्ध कराएंगे, ताकि ऐसे लोगों को अदेयता प्रमाण पत्र जारी न किया जा सके. गुपचुप तरीके से अदेयता प्रमाण पत्र जारी होने पर भी निवर्तमान प्रधानों की सूची एआरओ टेबल पर भी उपलब्ध कराई जाएगी. शासन के इस कदम ने चुनाव लड़ने वाले घोटालेबाजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
इन ब्लॉकों में निवर्तमान प्रधानों पर दर्ज है मुकदमा
ब्लॉक | संख्या |
बलहा | 03 |
शिवपुर | 04 |
तेजवापुर | 03 |
मिहींपुरवा | 04 |
फखरपुर | 01 |
कैसरगंज | 01 |
महसी | 04 |
जरवल | 01 |
हुजूरपुर | 01 |
नवाबगंज | 01 |
पयागपुर | 01 |
रिसिया | 01 |
कई निवर्तमान प्रधानों पर मुकदमा दर्ज है. इनकी जांच हो रही है. ऐसे निवर्तमान प्रधानों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने सरकारी धन जमा नहीं किया है.
- उमाकांत पांडेय, जिला पंचायत राज अधिकारी