बहराइच: एक तरफ देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है. इस महामारी को भगाने में सबसे अधिक योगदान डॉक्टर्स और सफाईकर्मियों का है, लेकिन वहीं सफाई कर्मचारी उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. जनपद के मेडिकल कॉलेज में तैनात सफाईकर्मियों ने प्रदर्शन कर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी कमियों को उजागर किया है.
सफाईकर्मियों का कहना है वो जान जोखिम में डालकर आइसोलेशन वार्ड सहित कोरोना क्वारंटाइन वार्ड की सफाई करते हैं. इसके बावजूद उन्हें वायरस से बचने के लिए कोई किट नहींं दिया गया है और जो सैलरी तय की गई है. उसमें से भी भारी कटौती की जा रही है. लिहाजा अब सभी सफाईकर्मी विरोध जताते हुए सफाई करने से इनकार कर दिया है. सफाई कर्मचारियों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल कायम है. अस्पताल के आला अधिकारी सफाईकर्मियों को मनाने में जुटे हुए हैं.
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हालाकिं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इन सफाईकर्मियों को N-95 मास्क उपलब्ध करवाने के लिए मंगवाया गया है. इसी के साथ पीपीई किट उपलब्ध होने पर सभी को दिया जाएगा. वहीं सैलरी पर सफाई देते हुए अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर डीके सिंह ने कहा कि 7200 रुपये सैलरी में से पीएफ काटकर 5500 सभी को दिया जा रहा है. सैलरी हड़पने का आरोप निराधार है.