बहराइच: जिले में निजी स्कूलों के रवैये से अभिभावक परेशान हैं. अभिभावकों का कहना है कि शासन के आदेश के बावजूद कई निजी विद्यालय अभिभावकों से अप्रैल, मई और जून माह की फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं. यही नहीं अभिभावकों पर नई किताबें भी खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है.
अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर पहले से संकट है. ऐसे में उनका परिवार गंभीर आर्थिक संकट का शिकार है. इन हालातों में शासन के आदेशों का अनुपालन कराने की मांग को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय पर मुलाकात की.
3 माह की फीस माफ करने की मांग
अभिभावकों की मांग की है कि इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 3 माह की फीस माफ करने और पिछले वर्ष संचालित हो रही किताबों को ही पुनः प्रयोग में लाने का आदेश दिया जाए. अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए.
शासन ने दबाव न बनाने के दिए हैं निर्देश
जिला विद्यालय निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडे ने बताया कि शासन ने लॉकडाउन के कारण अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किए हैं. विद्यालयों को नई किताबें खरीदने का दबाव अभिभावकों पर न डालने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि फीस जमा की जानी है, लेकिन अभिभावकों पर जबरन फीस वसूली का दबाव न डालने के निर्देश दिए गए हैं.
नियमानुसार की जाएगी कार्रवाई
जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि फीस न जमा करने की स्थिति में किसी छात्र का नाम न काटने के भी निर्देश दिये गये हैं. यदि किसी विद्यालय पर शासन के आदेशों के विपरीत कार्य करने की शिकायत मिलती है तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.