बहराइचः महिला काव्य मंच इकाई बहराइच द्वारा गुरुवार को प्रथम ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. काव्य मंच इकाई की अध्यक्ष रुचि मटरेजा की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी संपन्न हुई. इसमें कई कवयित्रियों ने अपनी काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिला जज रंजीता रंजन ने सहभागिता की.
जिला जज रंजीता रंजन ने की शिरकत
आनलाइन काव्य गोष्ठी में बहराइच की वरिष्ठ कवयित्री विन्दुवासिनी त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि रहीं. वहीं मुख्य अतिथि के रूप में जिला जज रंजीता रंजन जी ने सरस्वती मां को मालार्पण कर दीप प्रज्वलित किया. इसके बाद अध्यक्ष रुचि मटरेजा ने सरस्वती वंदना से गोष्ठी का आगाज किया.
इस अवसर पर रंजना ने 'चंद सिक्को के लिए शांति मिटा देते हैं लोग' कविता सुनाईं. तमन्ना बहराइची की 'इंसान को इंसान परेशान कर रहा', रश्मि प्रभाकर की 'फिर से खुशियों का पुराना दौर आ जाये', अर्पिता मिश्रा की' झूठे कसमों वादों वाला प्यार तुम्हारा अच्छा था' खूब सराही गई.
वहीं रुचि बम्भा ने 'रिश्तों पर अधिकार जमाते क्यों हो', रुचि मटरेजा ने लॉकडाउन पर ' आज फिर वही बचपन का दौर याद आ गया, चिड़िया होने का अहसास जाग गया' सुनाया. इन कविताओं को सबसे अधिक सराहा गया. इसके अलावा अन्य कवयित्रियों ने भी कई कविताएं सुनाई.
इस दौरान महिला काव्य मंच इकाई की अध्यक्षा रुचि मटरेजा ने कहा कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन चल रहा है. इस वजह से कई महीने से काव्य गोष्ठी का आयोजन नहीं हो सका. इस वजह से ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिससे नए दौर की कवयित्रियों की कलम नहीं रुके और नई-नई कविताएं समाज मेंं आती रहें.