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बहराइच: अंधविश्वास ने ली नवजात की जान, खौलते तेल में डाली थी अंगुली - superstition in bahraich

उत्तर प्रदेश के अंधविश्वास में फसकर एक दंपति ने नवजात की अंगुली खौलते तेल में डालकर जला दी. हालत बिगड़ने पर नवजात को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

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नवजात शिशु की अंगुली खौलते तेल में डालकर जलाई.
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Published : Mar 18, 2020, 8:08 PM IST

बहराइच: जिले में अंधविश्वास में पड़कर लोग अपने नवजात शिशुओं की अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जलाने से नहीं झिझक रहे. ताजा मामला कोतवाली नानपारा खेत के ईशा पुरवा का है. यहां नवजात शिशु के अधिक रोने और स्तनपान न करने के कारण उसकी अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जला दिया गया. नवजात शिशु की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां संक्रमण के चलते नवजात शिशु के उपचार के दौरान मौत हो गई.

नवजात शिशु की अंगुली खौलते तेल में डालकर जलाई.
बहराइच के ग्रामीण अंचलों में आज भी बीमारी को भूत-प्रेत और बाधा मानकर अंधविश्वास के मकड़जाल में लोग ऐसे उलझे हैं कि उन्हें अपने जिगर के टुकड़े की जिंदगी को दांव पर लगाने में झिझक नहीं होती. मामला कोतवाली नानपारा क्षेत्र की ईशा पुरवा का है. यहां गांव की एक महिला को प्रसव के लिए शंकरपुर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां महिला ने शिशु को जन्म दिया. शिशु के अधिक रोने और स्तनपान न करने के चलते नवजात शिशु का उपचार कराने के बजाय उसे भूत-प्रेत बाधा मानकर महिला के रिश्तेदारों द्वारा नवजात शिशु की अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जला दिया गया.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: केजीएमयू में रेजीडेंट डॉक्टर मे कोरोना की पुष्टि

नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां संक्रमण के चलते उपचार के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई. यह कोई पहला अवसर नहीं है. इसके पूर्व भी थाना हुजूरपुर थाना फखरपुर क्षेत्र के दो नवजात शिशु की अंगलियों को अंधविश्वास के चक्कर में खौलते तेल में डालकर जला दिया गया था. मासूमों की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.

बहराइच: जिले में अंधविश्वास में पड़कर लोग अपने नवजात शिशुओं की अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जलाने से नहीं झिझक रहे. ताजा मामला कोतवाली नानपारा खेत के ईशा पुरवा का है. यहां नवजात शिशु के अधिक रोने और स्तनपान न करने के कारण उसकी अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जला दिया गया. नवजात शिशु की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां संक्रमण के चलते नवजात शिशु के उपचार के दौरान मौत हो गई.

नवजात शिशु की अंगुली खौलते तेल में डालकर जलाई.
बहराइच के ग्रामीण अंचलों में आज भी बीमारी को भूत-प्रेत और बाधा मानकर अंधविश्वास के मकड़जाल में लोग ऐसे उलझे हैं कि उन्हें अपने जिगर के टुकड़े की जिंदगी को दांव पर लगाने में झिझक नहीं होती. मामला कोतवाली नानपारा क्षेत्र की ईशा पुरवा का है. यहां गांव की एक महिला को प्रसव के लिए शंकरपुर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां महिला ने शिशु को जन्म दिया. शिशु के अधिक रोने और स्तनपान न करने के चलते नवजात शिशु का उपचार कराने के बजाय उसे भूत-प्रेत बाधा मानकर महिला के रिश्तेदारों द्वारा नवजात शिशु की अंगुलियों को खौलते तेल में डालकर जला दिया गया.

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नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां संक्रमण के चलते उपचार के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई. यह कोई पहला अवसर नहीं है. इसके पूर्व भी थाना हुजूरपुर थाना फखरपुर क्षेत्र के दो नवजात शिशु की अंगलियों को अंधविश्वास के चक्कर में खौलते तेल में डालकर जला दिया गया था. मासूमों की हालत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.

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