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लॉकडाउन के दौरान नेपाली मजदूरों ने ठानी घर जाने की जिद, बहराइच जिला प्रशासन के प्रयास से पहुंचे नेपाल

नेपाल से लगे बहराइच बॉर्डर पर सैकड़ों नेपाली मजदूरों ने नेपाल जाने की जिद पकड़ ली. इन मजदूरों ने भारत में क्वारंटाइन होने से इनकार कर दिया और अपने घर जाने की बात पर अड़े रहे. इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए बहराइच जिला प्रशासन ने नेपाल में उच्च अधिकारियों से बात कर इन मजदूरों को इनके घर पहुंचवाया.

nepali labourer
नेपाली मजदूर.
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Published : Apr 3, 2020, 10:22 AM IST

बहराइच: यूपी से लगे नेपाल बॉर्डर पर सैंकड़ों नेपालियों को बहराइच के डीएम और एसपी के प्रयास से नेपाल सरकार ने वापस नेपाल आने दिया. कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन घोषित होने के बाद भारत और नेपाल दोनों ही देशों में इसका कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है. दोनों देशों के नागरिकों से सरकारों ने अपील की थी कि जो जहां है वहीं रुक जाए, लेकिन भारत में काम करने वाले सैंकड़ों नेपाली मजदूरों ने भारत के विभिन्न शहरों से पैदल चलकर अपने घर पहुंचना ही मुनासिब समझा.

nepali labourer
नेपाली मजदूर.

ये मजदूर जब रुपईडीहा की सीमा पर पहुंचे तो उन्हें भारतीय पुलिस और एसएसबी ने रोक दिया. किसी प्रकार वे छिपते-छिपाते नेपालगंज में प्रवेश कर गए, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर दो दिनों तक अलग रखा. जैसे ही यह खबर उच्चाधिकारियों को लगी हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आदेश दिया गया कि उन मजदूरों को भारत में ही क्वारंटाइन में रहना होगा. कल इसी कारण नेपाली पुलिस उन्हें नो मेंस लैंड पर छोड़ गई थी.

ऐसी परिस्थिति में सैंकड़ों की संख्या में नेपाली मज़दूरों ने बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया. नो मेंस लैंड पर जमे हुए नेपाली मजदूरों ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अब भारत नहीं जाएंगे. उनका कहना था कि वे लोग नेपाल के बांके जिले के खजुरा में दो दिनों से रह रहे थे. उन्हें जबरन नेपाली पुलिस नो मेंस लैंड छोड़ गई है.

इस खबर को सुनते ही बहराइच के डीएम शम्भू कुमार और पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा रुपईडीहा पहुंचे और हालात को बारीकी से समझा. इसके बाद सीडीओ कुमार बहादुर खड़का से इस विषय पर बातचीत की और उन मजदूरों को भारत में ही क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया, लेकिन नेपाली मजदूर नहीं माने. इसके बाद बहराइच के डीएम व एसपी के प्रयास से नेपाल के अधिकारियों ने सभी नेपाली मजदूरों को नेपाल में आने की अनुमति दे दी.

बहराइच: यूपी से लगे नेपाल बॉर्डर पर सैंकड़ों नेपालियों को बहराइच के डीएम और एसपी के प्रयास से नेपाल सरकार ने वापस नेपाल आने दिया. कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन घोषित होने के बाद भारत और नेपाल दोनों ही देशों में इसका कड़ाई से पालन करवाया जा रहा है. दोनों देशों के नागरिकों से सरकारों ने अपील की थी कि जो जहां है वहीं रुक जाए, लेकिन भारत में काम करने वाले सैंकड़ों नेपाली मजदूरों ने भारत के विभिन्न शहरों से पैदल चलकर अपने घर पहुंचना ही मुनासिब समझा.

nepali labourer
नेपाली मजदूर.

ये मजदूर जब रुपईडीहा की सीमा पर पहुंचे तो उन्हें भारतीय पुलिस और एसएसबी ने रोक दिया. किसी प्रकार वे छिपते-छिपाते नेपालगंज में प्रवेश कर गए, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़कर दो दिनों तक अलग रखा. जैसे ही यह खबर उच्चाधिकारियों को लगी हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आदेश दिया गया कि उन मजदूरों को भारत में ही क्वारंटाइन में रहना होगा. कल इसी कारण नेपाली पुलिस उन्हें नो मेंस लैंड पर छोड़ गई थी.

ऐसी परिस्थिति में सैंकड़ों की संख्या में नेपाली मज़दूरों ने बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया. नो मेंस लैंड पर जमे हुए नेपाली मजदूरों ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर अब भारत नहीं जाएंगे. उनका कहना था कि वे लोग नेपाल के बांके जिले के खजुरा में दो दिनों से रह रहे थे. उन्हें जबरन नेपाली पुलिस नो मेंस लैंड छोड़ गई है.

इस खबर को सुनते ही बहराइच के डीएम शम्भू कुमार और पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्रा रुपईडीहा पहुंचे और हालात को बारीकी से समझा. इसके बाद सीडीओ कुमार बहादुर खड़का से इस विषय पर बातचीत की और उन मजदूरों को भारत में ही क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया, लेकिन नेपाली मजदूर नहीं माने. इसके बाद बहराइच के डीएम व एसपी के प्रयास से नेपाल के अधिकारियों ने सभी नेपाली मजदूरों को नेपाल में आने की अनुमति दे दी.

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