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बहराइच: भारत और नेपाल के बीच सदियों से चला आ रहा है रोटी-बेटी का रिश्ता

भारत और नेपाल के बीच सदियों से रोटी और बेटी का रिश्ता कायम है. भारत और नेपाल की संस्कृति, रीति रिवाज, रहन सहन, धार्मिक परंपराएं एक समान हैं. इन समानताओं के कारण ही दोनों देशों के बीच का रिश्ता और मजबूत होता जा रहा है.

भारत और नेपाल के बीच रोटी बेटी का रिश्ता.
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Published : Nov 22, 2019, 11:52 AM IST

बहराइच: पड़ोसी राष्ट्र नेपाल और भारत के सदियों पुराने रोटी और बेटी के रिश्ते हैं. एक जैसी संस्कृति, धार्मिक रीति-रिवाज, रोटी-बेटी के रिश्तों की मजबूत कड़ी है. भले ही भारत और नेपाल दो देश दो राष्ट्र हो, लेकिन दोनों देशों में बिना वीजा पासपोर्ट के आवागमन व्यापारिक पारगमन संधि ने मित्रता की डोर को मजबूर कर रखा है.

जानकारी देती नेपाली नागरिक देवकी गौतम.

दोनों देशों के बीच भाई जैसे रिश्ते

  • भारत और नेपाल में धार्मिक रीति-रिवाज, धार्मिक परंपराएं और संस्कृति एक जैसी हैं.
  • संस्कृति एक जैसी होने की वजह से यहां की बेटियां नेपाल में और नेपाल की बेटियां भारत में ब्याही जाती हैं.
  • भारत सरकार द्वारा समय-समय पर नेपाल के विकास के लिए बढ़ाए जाने वाला हाथ रिश्तों की मजबूती की मजबूत कड़ी है.
  • भारत और नेपाल देशों के बीच सदियों से कायम रोटी बेटी के रिश्ते मौजूदा परिवेश में एक धरोहर के रूप में देखा जा रहा है.
  • नेपाल निवासी देवकी गौतम का कहना है कि भारत और नेपाल के सदियों पुराने और बहुत मजबूत रिश्ते हैं.
  • भारत और नेपाल का रिश्ता छोटे और बड़े भाई के समान हैं.
  • सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. चतुर्वेदी ने बताया हैं कि सीमा पार नेपाली गांव के कुछ हिस्से भारतीय क्षेत्र में और कुछ हिस्से नेपाली क्षेत्र में आते हैं.
  • डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि रुपईडीहा थाना क्षेत्र का जमुनहा गांव आधा भारत में और आधा नेपाल में है.
  • दोनों देशों को दो भागों में बांटने वाली सीमा भी उनकी मित्रता और संस्कृति को बाट नहीं पाई है.

इसे भी पढ़ें- उन्नाव: बारात में हर्ष फायरिंग, गोली लगने से तीन लोग घायल

बहराइच: पड़ोसी राष्ट्र नेपाल और भारत के सदियों पुराने रोटी और बेटी के रिश्ते हैं. एक जैसी संस्कृति, धार्मिक रीति-रिवाज, रोटी-बेटी के रिश्तों की मजबूत कड़ी है. भले ही भारत और नेपाल दो देश दो राष्ट्र हो, लेकिन दोनों देशों में बिना वीजा पासपोर्ट के आवागमन व्यापारिक पारगमन संधि ने मित्रता की डोर को मजबूर कर रखा है.

जानकारी देती नेपाली नागरिक देवकी गौतम.

दोनों देशों के बीच भाई जैसे रिश्ते

  • भारत और नेपाल में धार्मिक रीति-रिवाज, धार्मिक परंपराएं और संस्कृति एक जैसी हैं.
  • संस्कृति एक जैसी होने की वजह से यहां की बेटियां नेपाल में और नेपाल की बेटियां भारत में ब्याही जाती हैं.
  • भारत सरकार द्वारा समय-समय पर नेपाल के विकास के लिए बढ़ाए जाने वाला हाथ रिश्तों की मजबूती की मजबूत कड़ी है.
  • भारत और नेपाल देशों के बीच सदियों से कायम रोटी बेटी के रिश्ते मौजूदा परिवेश में एक धरोहर के रूप में देखा जा रहा है.
  • नेपाल निवासी देवकी गौतम का कहना है कि भारत और नेपाल के सदियों पुराने और बहुत मजबूत रिश्ते हैं.
  • भारत और नेपाल का रिश्ता छोटे और बड़े भाई के समान हैं.
  • सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. चतुर्वेदी ने बताया हैं कि सीमा पार नेपाली गांव के कुछ हिस्से भारतीय क्षेत्र में और कुछ हिस्से नेपाली क्षेत्र में आते हैं.
  • डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि रुपईडीहा थाना क्षेत्र का जमुनहा गांव आधा भारत में और आधा नेपाल में है.
  • दोनों देशों को दो भागों में बांटने वाली सीमा भी उनकी मित्रता और संस्कृति को बाट नहीं पाई है.

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Intro:एंकर। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल और भारत के सदियों पुराने रोटी और बेटी के रिश्ते है. एक जैसी संस्कृति धार्मिक रीति रिवाज रोटी बेटी के रिश्तो की मजबूत कड़ी है. भले ही भारत और नेपाल दो देश, दो राष्ट्र हो लेकिन दोनों देशों में बिना वीजा पासपोर्ट के आवागमन व्यापारिक पारगमन संधि ने मित्रता की डोर को मजबूर कर रखा है. धार्मिक रीति रिवाज धार्मिक परंपराएं और संस्कृति एक जैसी होने के चलते यहां की बेटियां नेपाल में और नेपाल की बेटियां भारत में ब्याही जाती हैं. भारत सरकार द्वारा समय समय पर नेपाल के विकास के लिए बढ़ाए जाने वाला हाथ रिश्तों की मजबूती की मजबूत कड़ी है.


Body:वीओ-1-भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने है रोटी बेटी के रिश्ते. दोनों देशों के बीच सदियों से कायम रोटी बेटी के रिश्ते मौजूदा परिवेश में एक धरोहर के रूप में देखा जा रहा है. दोनों देशों के नागरिक धरोहर को अक्षुण्ण बनाए रखने की पक्षधर है. उनका कहना है कि ऐसे संबंधों से दोनों देशों की मैत्री संबंध और प्रगाढ़ होंगे तथा नफरत की भावना पनपने नहीं पाएगी. नेपाल निवासी केतकी गौतम भारत और नेपाल के सदियों पुराने और बहुत मजबूत रिश्ते हैं. उनका कहना है कि बहुत से बहुत से ऐसे नेपाली नागरिक है जिनकी बेटियां भारत में ब्याही है और भारत की बहुत सी बेटियां नेपाल में व्याही है. उनका कहना है कि भारत नेपाल के रिश्ते बड़े भाई और छोटे भाई के समान हैं.भारत बडा भाई हैं. यहां रोटी बेटी के रिश्तो के साथ व्यापारिक संधि के चलते व्यापार परवान चल रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ चतुर्वेदी का कहना है कि सीमा पार नेपाली गांव के कुछ हिस्से भारतीय क्षेत्र में और कुछ हिस्से नेपाली क्षेत्र में आते है. उन्होंने कहा कि रुपईडीहा थाना क्षेत्र का जमुनहा गांव आधा भारत में और आधा नेपाल में है. वहां भी यहां भी जमुनहा गांव है और सीमा के उस पार भी जमुनहा गांव. वहां वह नेपाल का हिस्सा माना जाता है और यहां भारत का. उनका कहना है कि भारत और नेपाल के रिश्ते ना केवल रोटी बेटी के हैं बल्कि व्यापारिक और सांस्कृतिक धरोहर भी दोनों देशों की समान है. उनका कहना है कि दोनों देशों की धार्मिक और सांस्कृतिक रीति रिवाज और मान्यता एक जैसी है. दोनों देशों के खानपान रहन-सहन हर चीज में समानता है. बस एक सीमा है जो दोनों देशों को दो भागों में बांट देती है. लेकिन सीमा भी दोनों देशों की मित्रता और संस्कृति को बाट नहीं पाई है.
बाइट:-1-डा.जितेन्द्र चतुर्वेदी सामाजिक कार्यकर्ता 2-केतकी गौतम नेपाली नागरिक


Conclusion:सय्यद मसूद कादरी
9415151963
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