बहराइचः ऑक्सीजन की कमी से प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की जान पर तो बनी ही है, बहराइच जिले में एक निजी अस्पताल में बीमार बच्चों के लिए भी समस्या बन गई है. गुरुवार को अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर, सीएमओ के पास पहुंचे और ऑक्सीजन की मांग की. हालांकि सीएमओ का दावा था कि एक दिन पहले ही उन्हें 20 ऑक्सीजन सिलिंडर दिए गए हैं. साथ ही सीएमओ ने सख्त निर्देश दिए कि वह बच्चों के डॉक्टर हैं तो कोविड-19 के मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते.
ये था पूरा मामला
जिले में हिंदुस्तान चाइल्ड अस्पताल के डॉक्टर गयास अहमद गुरुवार शाम को सीएमओ दफ्तर पहुंचे. काफी देर दफ्तर के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें ऑक्सीजन लेने के लिए अनुमति नहीं मिली. गयास अहमद ने इस संदर्भ में आरोप लगाए कि दफ्तर में उन्हें इधर-उधर दौड़ाया जाता रहा. पहले उन्हें कोविड-19 पॉजिटिव बताकर उनकी बात नहीं सुनी गई. बाद में जब उन्होंने अपनी कोविड-19 की निगेविट होने की रिपोर्ट दिखाई तो एक के बाद दूसरे अधिकारी के पास भेजते रहे. गयास अहमद का यहां तक कहना है कि मेरे पास खुद के खरीदे 50 ऑक्सीजन सिलिंडर हैं, मैं सिर्फ रिफिलिंग की अनुमति मांग रहा हूं. उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल में 11 मासूम बच्चे वेंटिलेटर पर हैं. थोड़ी सी ही ऑक्सीजन शेष बची है. 20 सिलिंडर मिले थे लेकिन जरूरत बहुत ज्यादा होने के कारण जल्द खत्म होने वाले हैं. यदि जल्द ही व्यवस्था नहीं हुई तो कोई भी अनहोनी हो सकती है. कोरोना महामारी की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई सीएमओ के आदेश पर की जा रही है, लिहाजा अब प्राइवेट अस्पतालों में तेजी से आक्सीजन की कमी हुई है.
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ये बोले सीएमओ
इस मामले में सीएमओ डॉ. राजेश श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका दावा था कि इस अस्पताल के एक दिन पहले ही 20 ऑक्सीजन सिलिंडर दिए गए थे. अब आगे कि डिमांड के लिए भी एसडीएम को लिखा गया है. साथ ही सख्त लहजे में ये भी कहा कि यह बच्चों के डॉक्टर हैं तो सिर्फ बच्चों का इलाज करें. कोविड-19 के मरीजों को भर्ती नहीं कर सकते.