बहराइच: जिले में बाल विवाह जैसे सामाजिक अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सामाजिक संगठन और सरकारी अमला प्रयत्नशील है, लेकिन ग्रामीण इलाको में बाल विवाह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.
पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने कहा कि ऐसा करने वालों पर बाल विवाह अधिनियम के अलावा महामारी अधिनियम और लॉकडाउन तोड़ने संबंधी धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
बाल विवाह पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में एंटी ह्यूमन शाखा की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारियों के साथ-साथ जिला कल्याण अधिकारी, यूनिसेफ और चाइल्ड लाइन के पदाधिकारियों ने भाग लिया.
पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा ने सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने थाना क्षेत्रों में बाल विवाह न हो इसके लिए ग्राम प्रधान, चौकीदार, पंडित आदि से संपर्क रखें. उन्होंने कहा कि किसी भी थाना क्षेत्र में बाल विवाह की संभावना होने पर ग्राम प्रधान, चौकीदार इसकी सूचना तत्काल स्थानीय थाने को दें.
बाल विवाह की सूचना न देने पर बाल विवाह अधिनियम के अलावा महामारी अधिनियम और लॉकडाउन तोड़ने संबंधी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी. दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार-प्रचार में कमी के चलते बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार कम उम्र में शादी होने के कारण गांव में कई बच्चियां अपने प्रथम प्रसव के दौरान ही मौत के मुंह में समा जाती है.