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बहराइच: जान जोखिम में डालकर कोरोना से जंग कर रहे एंबुलेंस के ड्राइवर और कर्मचारी, नहीं मिले पीपीई - Ambulance drawers and technician strike

उत्तर प्रदेश के बहराइच में एम्बुलेंस सेवा के ड्राइवर और उसमें तैनात टेक्नीशियन को अभी तक पर्सनल प्रोटेक्शन किट उपलब्ध नहीं करायी है. जिसकी वजह से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच यह लोग जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर कोरोना से जंग कर रहे एंबुलेंस के ड्राइवर और कर्मचारी
एम्बुलेंस कर्मियों ने किया कार्यबहिष्कार का ऐलान
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Published : Apr 1, 2020, 9:18 PM IST

बहराइच: जहां एक ओर केंद्र और प्रदेश सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने और उनके इलाज में लगे कोरोना वारियर्स को प्रोत्साहित करने में जुुटी हुुई है. वहीं बहराइच जिले में मरीजों को अस्पताल से लाने ले जाने वाले एंबुलेंस चालक और टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.

शासन प्रशासन की लापरवाही की वजह से इन लोगों पर दोहरी मुसीबत आन पड़ी है. एक इन लोगोंं को बीते 3 महीने से वेतन नहीं मिला है और साथ ही कोरोना संकट के बीच मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने वाले इन कोरोना वारियर्स को अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षा किट उपलब्ध करायी गयी है. इसके अलावा इन लोगों को मास्क और सैनेटाइज भी उपलब्ध नहीं कराए गये हैं.

ऐसे में ये एंबुलेंस कर्मी काफी नाराज हैं और उन्होंने कार्यहिष्कार की चेतावनी दी है. एंबुलेंस कर्मी अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 3 माह से एंबुलेंस कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. जिसकी वजह से एंबुलेंस कर्मियों और उनके परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

साथ ही उन्होंने बताया कि, कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बावजूद एंबुलेंस कर्मियों को कोरोना से सुरक्षा के लिए कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है. यही नहीं अब पेट्रोल पंप वाले भी उन्हें डीजल देने को तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में एंबुलेंस सेवा को चलाना मुश्किल है.

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एम्बुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी को अवगत करा दिया गया है. लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. ऐसे में कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए सुरक्षा किट उपलब्ध ना होना और भूखे पेट काम कर पाना मुश्किल है. जिसकी वजह से कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है.

अजय मिश्रा, एम्बुलेंस तकनीक सहायक

एंबुलेंस कर्मियों को माक्स और सैेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा हैं.
डॉ. सुरेश सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

बहराइच: जहां एक ओर केंद्र और प्रदेश सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने और उनके इलाज में लगे कोरोना वारियर्स को प्रोत्साहित करने में जुुटी हुुई है. वहीं बहराइच जिले में मरीजों को अस्पताल से लाने ले जाने वाले एंबुलेंस चालक और टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.

शासन प्रशासन की लापरवाही की वजह से इन लोगों पर दोहरी मुसीबत आन पड़ी है. एक इन लोगोंं को बीते 3 महीने से वेतन नहीं मिला है और साथ ही कोरोना संकट के बीच मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने वाले इन कोरोना वारियर्स को अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षा किट उपलब्ध करायी गयी है. इसके अलावा इन लोगों को मास्क और सैनेटाइज भी उपलब्ध नहीं कराए गये हैं.

ऐसे में ये एंबुलेंस कर्मी काफी नाराज हैं और उन्होंने कार्यहिष्कार की चेतावनी दी है. एंबुलेंस कर्मी अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि 3 माह से एंबुलेंस कर्मियों को वेतन नहीं मिला है. जिसकी वजह से एंबुलेंस कर्मियों और उनके परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

साथ ही उन्होंने बताया कि, कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के बावजूद एंबुलेंस कर्मियों को कोरोना से सुरक्षा के लिए कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है. यही नहीं अब पेट्रोल पंप वाले भी उन्हें डीजल देने को तैयार नहीं है. ऐसी स्थिति में एंबुलेंस सेवा को चलाना मुश्किल है.

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और एम्बुलेंस सेवा संचालित करने वाली कंपनी को अवगत करा दिया गया है. लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. ऐसे में कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए सुरक्षा किट उपलब्ध ना होना और भूखे पेट काम कर पाना मुश्किल है. जिसकी वजह से कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है.

अजय मिश्रा, एम्बुलेंस तकनीक सहायक

एंबुलेंस कर्मियों को माक्स और सैेनेटाइजर उपलब्ध कराया जा रहा हैं.
डॉ. सुरेश सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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