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दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान, खेतों में महिलाओं ने संभाला मोर्चा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बॉर्डर पर प्रदर्शन पर बैठे हैं. ऐसे में खेती पर असर ना पड़े जिसके लिए बागपत में महिलाओं ने खेतों में मोर्चा संभाल लिया है. महिलाएं न केवल खेत में गन्ने की फसल को काट रहीं हैं, बल्कि ट्रैक्टर भी चला रही हैं. इन किसान महिलाओं का कहना है कि हमारे घर के आदमी दिल्ली बॉर्डर पर हैं इसलिए हम लोग खेतों में हैं.

महिलाएं कर रही किसानों की खेती
महिलाएं कर रही किसानों की खेती
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Published : Jan 24, 2021, 2:36 PM IST

बागपत: नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन और मुखर होता जा रहा है. किसान अपनी मांगों को लेकर बीते 60 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. ऐसे में खेती पर असर ना पड़े इसके लिए बागपत के कई गांवों में खेत खलिहानों की कमान महिलाओं ने संभाल ली है. ये महिलाएं ट्रैक्टर चलाने से लेकर गन्ने की कटाई और ढुलाई तक सभी काम कर रही हैं.

महिला किसान कर रहीं खेती


किसान कर रहे आंदोलन

पूरा देश गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटा है. जबकि किसान इस बार दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाले जाने की जिद पर अड़े हैं. ऐसे में खेत खलिहान छोड़कर किसानों ने दिल्ली का रुख करना शुरू कर दिया है. जबकि कुछ किसान गांव-गांव संपर्क कर रहे हैं. ऐसे में खेती प्रभावित ना हो उसके लिए महिला किसानों ने खेत खलिहानों का रुख कर लिया है. पशुओं का चारा लाना हो, ट्रैक्टर चलना हो या गन्ना छीलना हो. महिलाएं हर काम को बखूभी निभा रही हैं. दाह और उसके आस-पास के कई गांवों में महिला किसान खेत में मोर्च संभाले नजर आयीं.

खेतों में खड़ी है गन्ने की फसल
इस समय जिन किसानों के खेत मे गन्ना खड़ा है उनके आगे सबसे ज्यादा परेशानी है, क्योंकि चीनी मिल निर्धारित समय तक ही चलेगी और खेत खाली कर पशुओं के लिए चारा बोना है. कई जगह गेहूं की बुआई भी करनी है. ऐसे में गन्ने की कटाई कराना और ट्रैक्टर को चीनी मिल लेकर जाने का काम भी महिला किसान संभाल रही हैं.

किसान कर रहे दिल्ली जाने की तैयारी

महिला किसान ब्रजेश का कहना है कि हम लोग सारा काम कर रहे हैं. घर के सारे मर्द दिल्ली में हैं. सारा काम हमें ही सम्भालना पड़ेगा. रोज गन्ना भी छीलते हैं, मिल में भी चले जाते हैं कोई और भी कोई काम तो जाना पड़ता है. हमारे गांव से सब लोग दिल्ली जाएंगे और लोग दिल्ली जाने की तैयारी करने में लगे हुए हैं.


गांव से जाएंगे ट्रैक्टर
किसान किरातपाल सिंह राठी का कहना है कि पूरी व्यवस्था कर ली गयी है. धीरे-धीरे काम चलता रहेगा. सरकार जब तक तीनों कानून वापस नहीं लेगी, तब तक किसान पीछे नही हटेंगे. जो भी आदेश संयुक्त मोर्चे और किसान लीडरों का होगा, उसी के मुताबिक हर गांव वासी चलेगा. मीटिंग में तय हुआ है कि 25 तारीख को सभी ट्रैक्टर और हर घर से एक आदमी लोनी बॉर्डर पर जाएगा.


ट्रैक्टर चलाना सीख लिया
महिला किसान सुरेश का कहना है कि खेत में काम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हमारे घर के आदमी धरने पर गए हुए हैं. घर में बच्चे हैं, पशु हैं. उनको घास और पानी चाहिए. हम खेती संभाल रहे हैं. खेत में गन्ना खड़ा हुआ है, उसकी कटाई भी करनी है. हम लोग खेत में काम करते करते अब ट्रैक्टर चलाना भी सीख गए हैं.

बागपत: नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन और मुखर होता जा रहा है. किसान अपनी मांगों को लेकर बीते 60 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. ऐसे में खेती पर असर ना पड़े इसके लिए बागपत के कई गांवों में खेत खलिहानों की कमान महिलाओं ने संभाल ली है. ये महिलाएं ट्रैक्टर चलाने से लेकर गन्ने की कटाई और ढुलाई तक सभी काम कर रही हैं.

महिला किसान कर रहीं खेती


किसान कर रहे आंदोलन

पूरा देश गणतंत्र दिवस की तैयारियों में जुटा है. जबकि किसान इस बार दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाले जाने की जिद पर अड़े हैं. ऐसे में खेत खलिहान छोड़कर किसानों ने दिल्ली का रुख करना शुरू कर दिया है. जबकि कुछ किसान गांव-गांव संपर्क कर रहे हैं. ऐसे में खेती प्रभावित ना हो उसके लिए महिला किसानों ने खेत खलिहानों का रुख कर लिया है. पशुओं का चारा लाना हो, ट्रैक्टर चलना हो या गन्ना छीलना हो. महिलाएं हर काम को बखूभी निभा रही हैं. दाह और उसके आस-पास के कई गांवों में महिला किसान खेत में मोर्च संभाले नजर आयीं.

खेतों में खड़ी है गन्ने की फसल
इस समय जिन किसानों के खेत मे गन्ना खड़ा है उनके आगे सबसे ज्यादा परेशानी है, क्योंकि चीनी मिल निर्धारित समय तक ही चलेगी और खेत खाली कर पशुओं के लिए चारा बोना है. कई जगह गेहूं की बुआई भी करनी है. ऐसे में गन्ने की कटाई कराना और ट्रैक्टर को चीनी मिल लेकर जाने का काम भी महिला किसान संभाल रही हैं.

किसान कर रहे दिल्ली जाने की तैयारी

महिला किसान ब्रजेश का कहना है कि हम लोग सारा काम कर रहे हैं. घर के सारे मर्द दिल्ली में हैं. सारा काम हमें ही सम्भालना पड़ेगा. रोज गन्ना भी छीलते हैं, मिल में भी चले जाते हैं कोई और भी कोई काम तो जाना पड़ता है. हमारे गांव से सब लोग दिल्ली जाएंगे और लोग दिल्ली जाने की तैयारी करने में लगे हुए हैं.


गांव से जाएंगे ट्रैक्टर
किसान किरातपाल सिंह राठी का कहना है कि पूरी व्यवस्था कर ली गयी है. धीरे-धीरे काम चलता रहेगा. सरकार जब तक तीनों कानून वापस नहीं लेगी, तब तक किसान पीछे नही हटेंगे. जो भी आदेश संयुक्त मोर्चे और किसान लीडरों का होगा, उसी के मुताबिक हर गांव वासी चलेगा. मीटिंग में तय हुआ है कि 25 तारीख को सभी ट्रैक्टर और हर घर से एक आदमी लोनी बॉर्डर पर जाएगा.


ट्रैक्टर चलाना सीख लिया
महिला किसान सुरेश का कहना है कि खेत में काम इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि हमारे घर के आदमी धरने पर गए हुए हैं. घर में बच्चे हैं, पशु हैं. उनको घास और पानी चाहिए. हम खेती संभाल रहे हैं. खेत में गन्ना खड़ा हुआ है, उसकी कटाई भी करनी है. हम लोग खेत में काम करते करते अब ट्रैक्टर चलाना भी सीख गए हैं.

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