बागपत: जिले में गन्नेका बकाया भुगतान न होने से किसान परेशान हैं. किसानों काकरोड़ों रुपयेका बकाया भुगतान मलकपुर चीनी मिलपर अब भी है, जिसकी मांग किसान लगातार कर रहे हैं. इसी को लेकरईटीवी भारत की टीम ने मलकपुर में किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की.इस दौरान किसानों ने गन्ना भुगतान, सरकार और चुनाव को लेकरअपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
दरअसल पश्चिम उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में गन्ना भुगतान न होने से किसान परेशान हैं. दिन-रात किसान खेतों में मेहनत करके गन्ने कीपैदावार करते हैं, लेकिन उन्हें फसल का उचित दाम भी समय पर नहीं मिल पाताहै. जिले की मलकपुर चीनी मिल मेंकिसानों का करोड़ रुपये का बकाया भुगतान है, जिसकी मांगकिसानों द्वारा लगातार कीजा रहीहैं, लेकिन आश्वासन के शिवा और कुछ नहीं मिल रहा है. जिले की तीनों चीनी मिल बागपत, रमाला और मलकपुर चीनी मिल पर करोड़ों रुपये का गन्ना किसानों का बकाया भुगतान होना है, लेकिन भुगतान को लेकर सरकार की तरफ सेकोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है.
वहीं मलकपुर चीनी मील में पेराई सत्र2018 में 196 करोड़रुपये किसानों काबकाया है. बकाया भुगतान नहोने से किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है. गन्ना भुगतान को लेकर आए दिन किसानप्रदर्शन करते रहते हैं,लेकिन उसके बाद भी प्रदेश सरकारध्यान नहीं दे रही है. वहीं इन सब समस्याओं के बीच2019 लोकसभा चुनाव का आगाजहो गया है. तमाम राजनैतिक पार्टिया अपने वोटरों को लुभाने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाने में जुट गईहैं और गन्ना किसानों के मुद्दे को भी उठा रही हैं. बागपत लोकसभा सीट भी वीवीआईपी सीट मानी जाती है. यहांसे किसानों के मसीहा कहे जाने वालेचौधरी चरण सिंह ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करके देश के प्रधानमंत्री तक की गद्दी तक संभाली है.
चौधरी चरण सिंह के बाद उनके बेटेचौधरी अजित सिंह ने उनकी विरासत को संभाल कर रखा है, लेकिन 2014 के लोकसभाचुनाव में मोदी लहर में वह अपनी साख भी नहीं बचा पाए और बागपत सेबीजेपी ने अपना परचम लहराया था.इस बार के चुनाव में चौधरी अजित सिंह ने गठबंधन के साथ मिलकर अपना पाला बदल लिया है. चौधरी अजीत सिंहमुज्जफरनगर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए हैं,जबकि बागपत सीट से उनके बेटेजयंतचौधरी चुनावी मैदान में हैं. इन्हीं सब मुद्दों और चुनावी माहौल को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने मलकपुर चीनी मिल में गन्ना रखने आए किसानों से बातचीत की और उनकी नब्ज टटोलने की कोशिश की.