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चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि के दौरान भावुक हुए जयंत चौधरी, बोले- आपकी उम्मीदों को टूटने नहीं दूंगा

किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जो राजनीतिक विरासत छोटे चौधरी अजीत सिंह को मिली थी, वही विरासत उनके निधन के बाद आज जयंत चौधरी को मिल गई. पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह की बागपत के छपरौली में हुई श्रद्धांजलि सभा और रस्म पगड़ी कार्यक्रम में चौधरियों और खाप मुखियाओं ने रीति रिवाज से उन्हें रस्म पगड़ी बांधी. इसी के साथ ही अब उनके सिर पर रालोद की चौधराहट भी आ गई.

बागपत
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Published : Sep 19, 2021, 5:16 PM IST

बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में छपरौली के श्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग पहुंचे. यहां सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के भी लोग यहां पहुंचे.

श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में पहुंचे सभी राज्यों से खाप चौधरियों ने स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि देकर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को पगड़ी पहनाई. बता दें कि छपरौली पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह व उनके बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की कर्मभूमि रही है. छपरौली ने रालोद का कभी साथ नहीं छोड़ा और हर संकट के समय में भी यहां के लोग इस परिवार के साथ खड़े रहे. चौधरी अजित सिंह के देहावसान के बाद इस विरासत की जिम्मेदारी जयंत चौधरी को सौंपी गई है.

आपको बता दें, किसानों के बड़े नेता कहे जाने वाले चौधरी अजीत सिंह का करोनाकाल में निधन हुआ, ऐसे में ना तो उनकी अंतिम यात्रा में उनके समर्थक जा पाए और ना तेहरवीं का कोई बड़ा कार्यक्रम हुआ. उसी रस्मो-रिवाज को पूरा करने के लिए बागपत के छपरौली में श्रद्धांजलि सभा और रस्म पगड़ी कार्यक्रम किया गया. यहीं से कभी छोटे चौधरी ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. हजारों लोगों की भीड़ अपने जननायक को श्रद्धांजलि देने पहुंची थी.

यहां एक तरफ रस्म पूरी हुई थी, तो दूसरी तरफ छोटे चौधरी की राजनीतिक विरासत भी सौपी जानी थी. उनके बेटे जयंत चौधरी को ही ये राजनीतिक विरासत मिलनी थी. मंच पर कई जिलों के चौधरी और खाप मुखिया मौजूद थे. मंच के सामने जनसैलाब था. बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत और बरवाला खाप सहित कई खापों के मुखिया यहां पहुंचे थे. जयंत चौधरी के मंच पर पहुंचते ही उन्हें खाप के मुखियाओं और चौधरियों ने रस्म पगड़ी बांधी और इसी के साथ ही जयंत चौधरी के कंधों पर वो बड़ी जिम्मेदारी आ गई, जो कभी चौधरी अजीत सिंह संभाला करते थे. जयंत चौधरी ने भी कह दिया जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी तरह निभाउंगा. आपके सामने झुक जाऊंगा लेकिन आपके सम्मान की लड़ाई में कभी नहीं झुकूंगा.

नरेश टिकैत ने कहा...


इस चौधराहट की पगड़ी मिलने के बाद जयंत चौधरी की जिम्मेदारी भी बढ़ गईं हैं. इस मसले को लेकर बालियान खाप मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि अब बहुत बदलाव देखने को मिलेंगे, और जयंत से बहुत उम्मीदें हैं. उधर, जयंत चौधरी को इस बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अब रालोद समर्थक भी काफी खुश हैं. उन्हें अब उम्मीद है कि जयंत चौधरी बड़े नेता हैं और अब भाजपा साफ होगी.

हालांकि इस श्रद्धांजलि सभा और रस्म पगड़ी कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं भी हावी रहीं. खूब धक्का-मुक्की भी हुई. मंच के पास रखा साउंड सिस्टम इसी अव्यवस्था की वजह से पलट गया, जिसमें कई लोग घायल होने से बाल-बाल बचे. जयंत चौधरी को मंच तक जाने में भी काफी मुश्किल उठानी पड़ी. मंच पर भी लोगों को धकियाकर जैसे-तैसे रोका गया. कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद जयंत चौधरी वापिस लौटे तो भी खूब धक्का-मुक्की हुई, और इसी वजह से साउंड सिस्टम पलट गया. उनके समर्थक जैसे-तैसे जयंत को बाहर निकाल पाए. हालांकि उससे पहले सुबह से ही भूखे प्यासे लोग केले देखते ही टूट पड़े और वहां भी धक्का मुक्की हुई.

इसे भी पढे़ं- सरकार के साढ़े चार वर्ष पूरे होने पर बोले योगी, प्रदेश में सुरक्षा से लेकर निवेश तक का बना माहौल

मिशन 2022 में जयंत चौधरी के कंधों पर ना सिर्फ रालोद के वजूद की उम्मीदें टिकी हैं, बल्कि खुद को साबित करने की भी बड़ी जिम्मेदारी है. गांव, गरीब, किसान मजदूर सबको एक मंच पर लाने में जयंत कितने कामयाब होंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में छपरौली के श्री विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग पहुंचे. यहां सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी थी. उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान के भी लोग यहां पहुंचे.

श्रद्धांजलि सभा व रस्म पगड़ी कार्यक्रम में पहुंचे सभी राज्यों से खाप चौधरियों ने स्वर्गीय चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि देकर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को पगड़ी पहनाई. बता दें कि छपरौली पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह व उनके बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की कर्मभूमि रही है. छपरौली ने रालोद का कभी साथ नहीं छोड़ा और हर संकट के समय में भी यहां के लोग इस परिवार के साथ खड़े रहे. चौधरी अजित सिंह के देहावसान के बाद इस विरासत की जिम्मेदारी जयंत चौधरी को सौंपी गई है.

आपको बता दें, किसानों के बड़े नेता कहे जाने वाले चौधरी अजीत सिंह का करोनाकाल में निधन हुआ, ऐसे में ना तो उनकी अंतिम यात्रा में उनके समर्थक जा पाए और ना तेहरवीं का कोई बड़ा कार्यक्रम हुआ. उसी रस्मो-रिवाज को पूरा करने के लिए बागपत के छपरौली में श्रद्धांजलि सभा और रस्म पगड़ी कार्यक्रम किया गया. यहीं से कभी छोटे चौधरी ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. हजारों लोगों की भीड़ अपने जननायक को श्रद्धांजलि देने पहुंची थी.

यहां एक तरफ रस्म पूरी हुई थी, तो दूसरी तरफ छोटे चौधरी की राजनीतिक विरासत भी सौपी जानी थी. उनके बेटे जयंत चौधरी को ही ये राजनीतिक विरासत मिलनी थी. मंच पर कई जिलों के चौधरी और खाप मुखिया मौजूद थे. मंच के सामने जनसैलाब था. बालियान खाप के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत और बरवाला खाप सहित कई खापों के मुखिया यहां पहुंचे थे. जयंत चौधरी के मंच पर पहुंचते ही उन्हें खाप के मुखियाओं और चौधरियों ने रस्म पगड़ी बांधी और इसी के साथ ही जयंत चौधरी के कंधों पर वो बड़ी जिम्मेदारी आ गई, जो कभी चौधरी अजीत सिंह संभाला करते थे. जयंत चौधरी ने भी कह दिया जो जिम्मेदारी दी है उसे पूरी तरह निभाउंगा. आपके सामने झुक जाऊंगा लेकिन आपके सम्मान की लड़ाई में कभी नहीं झुकूंगा.

नरेश टिकैत ने कहा...


इस चौधराहट की पगड़ी मिलने के बाद जयंत चौधरी की जिम्मेदारी भी बढ़ गईं हैं. इस मसले को लेकर बालियान खाप मुखिया चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि अब बहुत बदलाव देखने को मिलेंगे, और जयंत से बहुत उम्मीदें हैं. उधर, जयंत चौधरी को इस बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अब रालोद समर्थक भी काफी खुश हैं. उन्हें अब उम्मीद है कि जयंत चौधरी बड़े नेता हैं और अब भाजपा साफ होगी.

हालांकि इस श्रद्धांजलि सभा और रस्म पगड़ी कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं भी हावी रहीं. खूब धक्का-मुक्की भी हुई. मंच के पास रखा साउंड सिस्टम इसी अव्यवस्था की वजह से पलट गया, जिसमें कई लोग घायल होने से बाल-बाल बचे. जयंत चौधरी को मंच तक जाने में भी काफी मुश्किल उठानी पड़ी. मंच पर भी लोगों को धकियाकर जैसे-तैसे रोका गया. कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद जयंत चौधरी वापिस लौटे तो भी खूब धक्का-मुक्की हुई, और इसी वजह से साउंड सिस्टम पलट गया. उनके समर्थक जैसे-तैसे जयंत को बाहर निकाल पाए. हालांकि उससे पहले सुबह से ही भूखे प्यासे लोग केले देखते ही टूट पड़े और वहां भी धक्का मुक्की हुई.

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मिशन 2022 में जयंत चौधरी के कंधों पर ना सिर्फ रालोद के वजूद की उम्मीदें टिकी हैं, बल्कि खुद को साबित करने की भी बड़ी जिम्मेदारी है. गांव, गरीब, किसान मजदूर सबको एक मंच पर लाने में जयंत कितने कामयाब होंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.

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