बागपतः गन्ना बाहुल्य क्षेत्र बागपत में अब कुछ किसान फूल और सब्जियों की खेती कर रहे हैं. किसानों ने फसल बेचकर तुरंत भुगतान लेने के लिए फूल और सब्जी की खेती कर रहे हैं. लेकिन इस समय दिल्ली में चल कृषि कानून विरोध के आंदोलन के कारण फूल और सब्जी उगाने वाले किसानों को समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है. किसान अपनी फसल को दिल्ली में बेचने नहीं ले जा पा रहे हैं. जिसकी वजह से किसान कम भाव पर फूल और सब्जियां बेचने को मजबूर है. फूलों के खेत भरे खड़े हैं, लेकिन किसान बहुत ज्यादा रेट कम होने के चलते असमंजस में फंसे हुए हैं. किसानों का कहना है कि दिल्ली मंडी जाने के लिए बहुत देर जाम में फंसा रहना पड़ता है, जिससे समस्या हो रही है.
दिल्ली मंडी में सब्जी ले जाने में हो रही दिक्कत
किसान धनपाल ने बताया कि पहले गन्ने की फसल ज्यादा उगाते थे. लेकिन अब गन्ने की फसल में कई सालों से नुकसान की बात होने से फूलों और सब्जियों की खेती करने लगे हैं. विशेषकर इस मौसम में गाजर और फूलों की खेती की है, जिसे दिल्ली में बेचने पर अच्छे दाम मिलते हैं. धनपाल का कहना है कि पिछले साल कोरोना की वजह से यातायात ठप रहे और भारी नुकसान उठाना पड़ा. अब इस साल किसान भाइयों के आंदोलन से दिल्ली में बाहर के व्यापारी नहीं आ रहे हैं. वहीं यहां से दिल्ली में माल ले जाने में दिक्कत है. इसलिए फूल और गाजर जो वर्तमान की फसल पर भी मंदी की मार पड़ रही है.
खेत में सड़ने लगी है गाजर
गेंदा फूल, टमाटर और जाफरी की खेती करने वाले किसान सलेख चंद बताते हैं कि उनकी फसल तैयार होकर काजीपुर मंडी जाती है. दिल्ली में चल रहे रास्ते में जगह जगह जाम मिलता है, जिससे मुनाफा भी कम हो गया है. 10 दिन पहले बहुत अच्छे रेट थे लेकिन अब 5 से 6 रुपये किलो गाजर का एवरेज आया है. पिछले वर्ष गाजर 25 से 30 रुपए किलो में बिक रही थी अब 10 रुपये किलो का रेट भी नहीं है. जब से किसान आंदोलन चालू हुआ तब से खेत में गाजर न बिकने की वजह से खेत में सड़ने लगा है.