बागपत: भगवान श्रीराम का पश्चिमी यूपी के बागपत से भी नाता रहा है. इसके सबूत आज भी यहां पर मौजूद हैं. ऐसा माना जाता है कि अयोध्या में श्रीराम तो बागपत में लव-कुश की जन्मभूमि है. यहां पर माता सीता ने शरण ली थी और यहीं पर महर्षि वाल्मीकि आश्रम में माता सीता और भगवान श्रीराम के दोनों पुत्रों का जन्म हुआ था.
यूपी का बागपत जिला ऐतिहासिक दृष्टि से बड़ा ही अहम माना जाता है, क्योंकि यहां पर समय-समय पर महाभारत और रामायण काल के सबूत मिलते हैं. बागपत के बिनौली थाना क्षेत्र में हिंडन नदी किनारे वर्नियर क्षेत्र में महर्षि वाल्मीकि का आश्रम है, जिसमें माता सीता ने शरण ली थी और यहीं पर भगवान श्री राम के दोनों पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था.
श्रद्धालुओं का लगता है तांता
मंदिर के महंत लक्ष्य देव आनंद का कहना है कि यह मंदिर ऐतिहासिक है, यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है और माता सीता की कुटिया, माता सीता सती स्थल और लव कुश का जन्म स्थल यहां पर आज भी मौजूद है. वहीं उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने पर्यटन स्थल तो घोषित कर दिया, लेकिन कई सालों बीत जाने के बाद भी अभी तक मंदिर का सर्वे तक नहीं कराया गया. उन्होंने सरकार से अपील की है कि मंदिर की अनदेखी न करें.