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कुर्बानी के लिए लाए गए 250 बकरों को ऊंची कीमतों में खरीद बचाई जान, बकराशाला में पलने भेजा

बकरीद के मौके पर जैन समाज ने 250 बकरों को खरीदकर पलने के लिए बकराशाला भेज दिया. चलिए जानते हैं पूरी खबर के बारे में.

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Published : Jun 29, 2023, 6:26 PM IST

बागपतः बकरीद के मौके पर बागपत में एक नई तस्वीर सामने आई है. यहां के अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों ने कुर्बानी के लिए लाए गए 250 बकरों को ऊंची कीमतों में खरीदकर बकराशाला भेज दिया. ये बकरे अब बकराशाला में पाले जाएंगे जहां इनके खानपान से लेकर दवा आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. जैन समाज की इस पहल की सराहना की जा रही है.

पशु प्रेमी ने दी यह जानकारी.

दरअसल, अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज की ओर से जीव दया संस्थान की 2016 में स्थापना की गई थी. इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना था. खासतौर पर बकरीद पर कुर्बानी के लिए आने वाले बकरों को बचाना. पशु प्रेमी दिनेश जैन ने बताया कि जैन समाज भगवान महावीर स्वामी के संदेश जियो और जीने दो का पालन करता है.

बकरीद से एक दिन पहले तक 250 बकरों को जैन समाज के लोगों ने अलग-अलग जगह से खरीदकर बकराशाला में भेज दिया. इन बकरों को महंगी कीमत पर खरीदा गया है. इस बकराशाला में इन बकरों को संरक्षित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस वक्त बकराशाला में 500 से ज्यादा बकरे मौजूद हैं. 5000 वर्ग फीट की इस बकराशाला में बकरों के रहने से लेकर उनके खाने-पीने और चिकित्सकों का इंतजाम है. उन्होंने बताया कि यहां साफ-सफाई का काफी ध्यान रखा जाता है. दावा किया कि उत्तर भारत की यह पहली बकराशाला है. उन्होंने बताया कि इस बकराशाला की शुरुआत 2016 में 45 बकरों से की गई थी. मौजूदा समय में यहां 500 से ज्यादा बकरें पल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दानवीरों ने इतना सहयोग किया है कि जगह कम पड़ने लगी है. कहा कि जल्द ही घायल पक्षियों के लिए यहां 45 मंजिला टॉवर बनाया जा रहा है. यहां घायल पक्षियों को रखकर उनका समुचित इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि समाज की इस पहल को समाज के कई वर्गों से सराहना मिल रही है.


ये भी पढ़ेंः Eid-Al-Adha 2023: ईद-उल-अजहा पर देशभर में पढ़ी गई नमाज, बकरीद की दी गई मुबारकबाद

बागपतः बकरीद के मौके पर बागपत में एक नई तस्वीर सामने आई है. यहां के अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों ने कुर्बानी के लिए लाए गए 250 बकरों को ऊंची कीमतों में खरीदकर बकराशाला भेज दिया. ये बकरे अब बकराशाला में पाले जाएंगे जहां इनके खानपान से लेकर दवा आदि के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. जैन समाज की इस पहल की सराहना की जा रही है.

पशु प्रेमी ने दी यह जानकारी.

दरअसल, अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज की ओर से जीव दया संस्थान की 2016 में स्थापना की गई थी. इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना था. खासतौर पर बकरीद पर कुर्बानी के लिए आने वाले बकरों को बचाना. पशु प्रेमी दिनेश जैन ने बताया कि जैन समाज भगवान महावीर स्वामी के संदेश जियो और जीने दो का पालन करता है.

बकरीद से एक दिन पहले तक 250 बकरों को जैन समाज के लोगों ने अलग-अलग जगह से खरीदकर बकराशाला में भेज दिया. इन बकरों को महंगी कीमत पर खरीदा गया है. इस बकराशाला में इन बकरों को संरक्षित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस वक्त बकराशाला में 500 से ज्यादा बकरे मौजूद हैं. 5000 वर्ग फीट की इस बकराशाला में बकरों के रहने से लेकर उनके खाने-पीने और चिकित्सकों का इंतजाम है. उन्होंने बताया कि यहां साफ-सफाई का काफी ध्यान रखा जाता है. दावा किया कि उत्तर भारत की यह पहली बकराशाला है. उन्होंने बताया कि इस बकराशाला की शुरुआत 2016 में 45 बकरों से की गई थी. मौजूदा समय में यहां 500 से ज्यादा बकरें पल रहे हैं. उन्होंने कहा कि दानवीरों ने इतना सहयोग किया है कि जगह कम पड़ने लगी है. कहा कि जल्द ही घायल पक्षियों के लिए यहां 45 मंजिला टॉवर बनाया जा रहा है. यहां घायल पक्षियों को रखकर उनका समुचित इलाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि समाज की इस पहल को समाज के कई वर्गों से सराहना मिल रही है.


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