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बदायूं: धूमधाम से मनाई गई श्री राधा जन्माष्टमी, भक्ती में लीन हुए भक्त

बदायूं जिले में कस्बे उसावां के वार्ड नंबर सात स्थित शिव मंदिर में बड़े ही धूम धाम से राधा जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा जी का जन्म हुआ था. श्रद्धालुओं ने रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियों का आनंद लिया.

धूमधाम से मनाई गई श्री राधाष्टमी
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Published : Sep 8, 2019, 10:23 AM IST

बदायूं: जिले के कस्बे उसावां के वार्ड नंबर सात स्थित शिव मंदिर पर हर साल की भांति इस साल भी राधा जन्माष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें सभी श्रद्धालु राधा रानी के भक्ति में लीन नजर आये. श्रद्धालुओं ने रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियों का आनंद लिया. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा जी का जन्म हुआ था. उनका जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था, उनके पिता वृषभानु जी और माता कीर्ति थीं, जिसके उपलक्ष्य में शनिवार को राधाष्टमी व राधा प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया गया.

धूमधाम से मनाई गई श्री राधाष्टमी

व्रत रख महिलाओं ने की अखंड सौभाग्य की कामना
राधाष्टमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, जिससे उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो, घर में सुख-समृद्धि, शांति और संतान सुख मिले. राधाष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है.

हर साल की भांति राधा अष्टमी का कार्यक्रम नगर के शिव मंदिर प्रांगण में किया गया, जिसमें मथुरा वृंदावन बरसाने के कलाकारों ने सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत कर नगर वासियों का मन मोह लिया और यह कार्यक्रम नगरवासियों के सहयोग से चल रहा है और यह गणेश मूर्ति विसर्जन तक नियंत्रण कार्यक्रम चलता रहेगा. राधा अष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
-धीरेंद्र पाल गुप्ता, कार्यक्रम आयोजक

बदायूं: जिले के कस्बे उसावां के वार्ड नंबर सात स्थित शिव मंदिर पर हर साल की भांति इस साल भी राधा जन्माष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया, जिसमें सभी श्रद्धालु राधा रानी के भक्ति में लीन नजर आये. श्रद्धालुओं ने रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम और झांकियों का आनंद लिया. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा जी का जन्म हुआ था. उनका जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था, उनके पिता वृषभानु जी और माता कीर्ति थीं, जिसके उपलक्ष्य में शनिवार को राधाष्टमी व राधा प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया गया.

धूमधाम से मनाई गई श्री राधाष्टमी

व्रत रख महिलाओं ने की अखंड सौभाग्य की कामना
राधाष्टमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, जिससे उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो, घर में सुख-समृद्धि, शांति और संतान सुख मिले. राधाष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है.

हर साल की भांति राधा अष्टमी का कार्यक्रम नगर के शिव मंदिर प्रांगण में किया गया, जिसमें मथुरा वृंदावन बरसाने के कलाकारों ने सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत कर नगर वासियों का मन मोह लिया और यह कार्यक्रम नगरवासियों के सहयोग से चल रहा है और यह गणेश मूर्ति विसर्जन तक नियंत्रण कार्यक्रम चलता रहेगा. राधा अष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया.
-धीरेंद्र पाल गुप्ता, कार्यक्रम आयोजक

Intro:बदायूँ: उसावां नगर ने राधा अष्टमी की भक्ति में लीन होकर राधा जन्मोत्सव मनाया
Body:बदायूँ: उसावां नगर ने राधा अष्टमी की भक्ति में लीन होकर राधा जन्मोत्सव मनाया


बदायूँ: जिले कस्बे उसावां के वार्ड नंबर सात स्थित शिव मंदिर पर हर साल की भांति राधा अष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम से आयोजन किया गया। जिसमें राधा रानी के भक्ति में लीन होकर श्रद्धालुओं ने रात रात भर सांस्कृतिक कार्यक्रम वृंदावन, मथुरा बरसाने की तरह झांकियों का आनंद लिया। और राधा रानी के भक्ति में लीन होकर सुंदर सुंदर झांकियों से पूरे पांडाल में राधा रानी के जय कारे की गूंज सुनाई देती रही यह कार्यक्रम पूरी रात्रि तक चला।

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को श्री राधा जी का जन्म हुआ था। आज उनके जन्म के उपलक्ष्य में राधाष्टमी या प्राकट्य दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। उनका जन्म मथुरा के रावल गांव में हुआ था, उनके पिता वृषभानु जी और माता कीर्ति थीं। राधाष्टमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, ताकि उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त हो, घर में सुख-समृद्धि, शांति और संतान सुख मिले।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधा जी भगवान श्रीकृष्ण से बड़ी थीं। राधा का प्रकाट्य भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को और श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। राधाष्टमी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है।

राधाष्टमी व्रत एवं पूजा विधि

स्नान आदि के उपरांत मंडप के भीतर मंडल बनाकर उसके मध्य भाग में मिट्टी या तांबे का कलश स्थापित करें। उसके ऊपर तांबे का पात्र रखें और उस पात्र के ऊपर दो वस्त्रों से ढकी हुई श्री राधा या राधाकृष्ण की सुंदर प्रतिमा स्थापित करें।

कार्यक्रम आयोजक धीरेंद्र पाल गुप्ता बताया हर साल की भांति राधा अष्टमी का कार्यक्रम नगर के शिव मंदिर प्रांगण में किया गया जिसमें मथुरा वृंदावन बरसाने के कलाकारों ने सुंदर सुंदर झांकियां प्रस्तुत कर नगर वासियों का मन मोह लिया और यह कार्यक्रम नगरवासियों वासियों के सहयोग से चल रहा है और यह गणेश मूर्ति विसर्जन तक नियंत्रण कार्यक्रम चलता रहेगाConclusion:राधा अष्टमी का कार्यक्रम बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
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Bit-1 कार्यक्रम आयोजक धीरेंद्र पाल गुप्ता
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Hemant kumar
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