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स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं दिया मानदेय, अब नौकरी से भी निकाला

यूपी के बदायूं जिले में 50 आउट सोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों को निकाल दिया गया है. इन कर्मचारियों को 5 माह का वेतन भी नहीं मिला है. राजकीय मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) में कार्यरत कर्मचारियों ने डीएम से बकाया वेतन दिलाने की मांग की है.

बदायूं.
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Published : Jun 17, 2021, 3:35 PM IST

बदायूंः कोरोना काल में राजकीय मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) में सेवाएं देने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों (health workers) को नौकरी से निकाल दिया गया है. नौकरी गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरुवार को जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. स्वास्थ्य कर्मियों ने जिलाधिकारी दीपा रंजन को पत्र सौंपा है, जिसमें आरोप लगाया है कि उनको काफी समय से मानदेय नहीं दिया गया है. अब उनकी सेवाएं समाप्त कर दूसरे कर्मचारियों को रखा जा रहा है.

बता दें कि बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में वार्ड ब्वाय, स्वीपर, लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर और गार्ड के पद पर आउटसोर्सिंग के जरिए लगभग 50 कर्मचारियों को रखा गया था. इन कर्मचारियों को नवंबर 2020 में नियुक्त किया गया था, तब से यहां कार्यरत है. लेकिन अब इन 50 कर्मचारियों को जिस कंपनी द्वारा लगाया गया था उसने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं. इस दौरान कर्मचारियों को सिर्फ दो महीने का ही वेतन मिला है, जबकि 5 महीने का मानदेय बकाया है. मानदेय न मिलने से कर्मचारियों के परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि उनका मानदेय कुछ दिनों में मिल जाएगा, लेकिन अब यह उम्मीद भी टूट चुकी है. कंपनी ने उनकी सेवा समाप्त कर दूसरे कर्मचारियों को रख रही है. इसको लेकर इन कर्मचारियों ने जिला अधिकारी से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की है.

शिकायती पत्र.
शिकायती पत्र.

यह भी पढ़ें-बदायूं में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए तेज हुई सरगर्मी, BJP से टिकट के लिए 4 दावेदार




कर्मचारियों ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया कि है कि 7 माह की तैनाती में उन्हें मात्र 2 माह का वेतन ही अभी तक मिल पाया है. जबकि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दी थी. इस दौरान उन्होंने अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बिना लगातार ड्यूटी की. इसके बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया. वहीं, जिलाधिकारी ने कर्मचारियों को मानदेय दिलवाने का आश्वासन दिया है.

बदायूंः कोरोना काल में राजकीय मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) में सेवाएं देने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों (health workers) को नौकरी से निकाल दिया गया है. नौकरी गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरुवार को जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. स्वास्थ्य कर्मियों ने जिलाधिकारी दीपा रंजन को पत्र सौंपा है, जिसमें आरोप लगाया है कि उनको काफी समय से मानदेय नहीं दिया गया है. अब उनकी सेवाएं समाप्त कर दूसरे कर्मचारियों को रखा जा रहा है.

बता दें कि बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में वार्ड ब्वाय, स्वीपर, लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर और गार्ड के पद पर आउटसोर्सिंग के जरिए लगभग 50 कर्मचारियों को रखा गया था. इन कर्मचारियों को नवंबर 2020 में नियुक्त किया गया था, तब से यहां कार्यरत है. लेकिन अब इन 50 कर्मचारियों को जिस कंपनी द्वारा लगाया गया था उसने इनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं. इस दौरान कर्मचारियों को सिर्फ दो महीने का ही वेतन मिला है, जबकि 5 महीने का मानदेय बकाया है. मानदेय न मिलने से कर्मचारियों के परिवार आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि उनका मानदेय कुछ दिनों में मिल जाएगा, लेकिन अब यह उम्मीद भी टूट चुकी है. कंपनी ने उनकी सेवा समाप्त कर दूसरे कर्मचारियों को रख रही है. इसको लेकर इन कर्मचारियों ने जिला अधिकारी से मिलकर पूरे मामले की शिकायत की है.

शिकायती पत्र.
शिकायती पत्र.

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कर्मचारियों ने पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया कि है कि 7 माह की तैनाती में उन्हें मात्र 2 माह का वेतन ही अभी तक मिल पाया है. जबकि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दी थी. इस दौरान उन्होंने अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बिना लगातार ड्यूटी की. इसके बाद भी उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया. वहीं, जिलाधिकारी ने कर्मचारियों को मानदेय दिलवाने का आश्वासन दिया है.

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