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बदायूं: स्वास्थ्य-शिक्षा को लेकर महिलाओं को किया गया जागरूक

यूपी के बदायूं में महिला एवं बाल विकास परियोजना के तत्वावधान में एक दिवसीय गोष्ठी और स्वास्थ्य पोषण मेले का आयोजन किया गया. सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार ने नियमित टीकाकरण पर जोर दिया और इसके सही समय के बारे में महिलाओं को बताया. एडीओ आइएसबी आरके सिंह ने गोष्ठी में मिली जानकारी का सक्रिय उपयोग करने के लिए कहा. जिससे कि सरकार की मंशा को अमली जामा मिल सके.

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कुपोषणता को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया.
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Published : Feb 29, 2020, 6:58 PM IST

बदायूं: जिले के उसावां ब्लॉक कार्यालय परिसर में महिला एवं बाल विकास परियोजना के तत्वावधान में एक दिवसीय गोष्ठी और स्वास्थ्य पोषण मेला का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं को बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर जागरूक किया गया.

सीडीपीओ रजनी सक्सेना ने कुपोषण और उसके बचाव पर जानकारी देते हुए कहा कि गर्भधात्रियों और छोटे बच्चों में कुपोषण होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं. इसके लिए महिलाओं के खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है. संतुलित आहार कुपोषण से बचाव का सबसे कारगर माध्यम है. इस दौरान उन्होंने कुपोषण जांचने की प्रैक्टिकल जानकारी भी दी.

कुपोषणता को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया.

सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार ने नियमित टीकाकरण पर जोर दिया और इसके सही समय के बारे में महिलाओं को बताया. एडीओ आइएसबी आरके सिंह ने गोष्ठी में मिली जानकारी का सक्रिय उपयोग करने के लिए कहा. जिससे कि सरकार की मंशा को अमली जामा मिल सके.

यह भी पढ़ें: लखनऊः आज जन्म लेने वाले बच्चे 4 साल बाद मनाएंगे पहला जन्मदिन
बीआरसी राम सेवक वर्मा ने कहा कि जिस तरह स्वास्थ्य विभाग में कोई भी बच्चा पल्स पोलियो से छूट नहीं पाता है. उसी तरह शिक्षा विभाग में भी कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे. इसे लेकर प्रधान, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और अध्यापकों की जिम्मेदारी होती है. पंजीकरण के बाद बच्चा लगातार विद्यालय जाए और शिक्षा को प्राप्त करें. न ही कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हो. मिलकर हमें इस पर काम करना है.

बदायूं: जिले के उसावां ब्लॉक कार्यालय परिसर में महिला एवं बाल विकास परियोजना के तत्वावधान में एक दिवसीय गोष्ठी और स्वास्थ्य पोषण मेला का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं को बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर जागरूक किया गया.

सीडीपीओ रजनी सक्सेना ने कुपोषण और उसके बचाव पर जानकारी देते हुए कहा कि गर्भधात्रियों और छोटे बच्चों में कुपोषण होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं. इसके लिए महिलाओं के खानपान पर विशेष ध्यान रखना होता है. संतुलित आहार कुपोषण से बचाव का सबसे कारगर माध्यम है. इस दौरान उन्होंने कुपोषण जांचने की प्रैक्टिकल जानकारी भी दी.

कुपोषणता को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया.

सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार ने नियमित टीकाकरण पर जोर दिया और इसके सही समय के बारे में महिलाओं को बताया. एडीओ आइएसबी आरके सिंह ने गोष्ठी में मिली जानकारी का सक्रिय उपयोग करने के लिए कहा. जिससे कि सरकार की मंशा को अमली जामा मिल सके.

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बीआरसी राम सेवक वर्मा ने कहा कि जिस तरह स्वास्थ्य विभाग में कोई भी बच्चा पल्स पोलियो से छूट नहीं पाता है. उसी तरह शिक्षा विभाग में भी कोई भी बच्चा स्कूल जाने से न छूटे. इसे लेकर प्रधान, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और अध्यापकों की जिम्मेदारी होती है. पंजीकरण के बाद बच्चा लगातार विद्यालय जाए और शिक्षा को प्राप्त करें. न ही कोई बच्चा कुपोषण का शिकार हो. मिलकर हमें इस पर काम करना है.

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