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बदायूं: 1 लाख लोगों के खाने के बाद फेल हुआ दवा का सैंपल

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से बड़ी लापरवाही सामने आई है. सिप्रो फ्लोक्सासिन नामक दवा का नमूना फेल गया है. यह दवा 3 महीने पहले जिले में एक लाख लोगों को बांटी गई थी.

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Published : Jan 1, 2020, 3:13 PM IST

दवा का नमूना हुआ फेल
दवा का नमूना हुआ फेल

बदायूं: जिले में सरकार स्वास्थ्य विभाग को सुधारने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन जिले में अफसरों की लापरवाही से सारी योजना में पलीता लग जाता है. जिले में सिप्रो फ्लोक्सासिन नामक दवा का सैम्पल फेल हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह दवा एक लाख लोगों को बांटी जा चुकी है.

दवा का नमूना हुआ फेल.
दवा का नमूना हुआ फेल
  • जिले में सिप्रो फ्लोक्सासिन नामक दवा का नमूना फेल गया है.
  • यह दवा एक लाख लोगों में बांटी जा चुकी है.
  • कॉरपोरेशन ने जब इसकी सैंपलिंग कराई थी तो ये दवा जांच में सही पाई गई थी.
  • ड्रग विभाग ने इसकी सैंपलिंग कराई तो यह दवा फेल हो गई.
  • इन दवाओं को यूपीएमएससी की ओर से 3 महीने पहले जिले में सप्लाई की गई थी.
  • उस समय जिले में संक्रामक रोग फैले हुए थे और दवाओं की खपत जल्दी हो गई थी.
  • इसका नमूना फेल होने के बाद अब किसी के पास कोई जवाब नहीं बचा है.
  • ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दवा से किसी को रिएक्शन हो जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा.

इसे भी पढ़ें:- भीषण ठंड और कोहरे की वजह से बदायूं डिपो को रोजाना लाखों रुपये का हो रहा नुकसान

बदायूं: जिले में सरकार स्वास्थ्य विभाग को सुधारने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन जिले में अफसरों की लापरवाही से सारी योजना में पलीता लग जाता है. जिले में सिप्रो फ्लोक्सासिन नामक दवा का सैम्पल फेल हो गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि यह दवा एक लाख लोगों को बांटी जा चुकी है.

दवा का नमूना हुआ फेल.
दवा का नमूना हुआ फेल
  • जिले में सिप्रो फ्लोक्सासिन नामक दवा का नमूना फेल गया है.
  • यह दवा एक लाख लोगों में बांटी जा चुकी है.
  • कॉरपोरेशन ने जब इसकी सैंपलिंग कराई थी तो ये दवा जांच में सही पाई गई थी.
  • ड्रग विभाग ने इसकी सैंपलिंग कराई तो यह दवा फेल हो गई.
  • इन दवाओं को यूपीएमएससी की ओर से 3 महीने पहले जिले में सप्लाई की गई थी.
  • उस समय जिले में संक्रामक रोग फैले हुए थे और दवाओं की खपत जल्दी हो गई थी.
  • इसका नमूना फेल होने के बाद अब किसी के पास कोई जवाब नहीं बचा है.
  • ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दवा से किसी को रिएक्शन हो जाता है तो जिम्मेदार कौन होगा.

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Intro:सरकार स्वास्थ्य विभाग को सुधारने की कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन बदायूँ में अफसरों की लापरवाही से सारी योजना में पलीता लग जाता है ...ताजा मामला जिले में आई दवा का, जिसका सैम्पल फेल हो गया है ...लेकिन तब तक वो दवा 1 लाख लोगों को बांटी जा चुकी थी ...देखिये ये रिपोर्ट...


Body:बदायूँ जिले में आई सिप्रो फ्लोक्सासिन की दवा का नमूना फेल गया है ...इस बात की जानकारी तब हुई जब सभी 1 लाख दवा बाट दी गई ....दवा इस आधार पर बांटी गई थी क्योंकि कारपोरेशन ने जब इसकी सैंपलिंग कराई थी तो ये दवा जांच में सही पाई गई थी ...लेकिन जब ड्रग विभाग ने इसकी सैंपलिंग कराई दो ये दवा फेल हो गई... इन दवाओं को यूपीएमएससी की ओर से 3 महीने पहले जिले में सप्लाई की गई थी ...उस समय जिले में संक्रामक रोग फैले हुए थे इसलिए इन दवाओं की खपत जल्दी हो गई थी ...लेकिन जब इसका नमूना फेल हो गया तो किसी के पास जवाब नहीं ...सभी लोग अपना पल्ला झाड़ रहे है ...ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दवा से किसी को कोई नुकसान हो जाता तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता और ड्रग विभाग ने उस समय इसका नमूना क्यों नहीं लिया ....


Conclusion:वही पूरे मामले पर सीएमएस का कहना है 7 दिसंबर को नमूने लिए है करीब 5 दवाओं के और एक जगह सिप्रो फ्लोक्सासिन दवा का नमूना फेल हो गया है ...अभी जानकारी हुई है
(बाइट- बीबी पुष्कर , सीएमएस जिला अस्पताल)
(क्रांन्तिवीर सिंह, 7011197408)
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